सीकर. कोरोना वायरस के बीच देश में हुए लॉकडाउन से सभी कांम-धंधे बंद हो चुके हैं, जिसके बाद रोज कमाकर खाने वालों पर संकट सा छा गया, जिससे वे अपने गांव लौट आए. इन श्रमिकों को रोजगार देने के लिए अब सीकर जिला परिषद ने एक अभियान चलाया है. इसके तहत पर प्रशासन की टीम अब गांव-गांव में सर्वे कर मनरेगा जॉब कार्ड बनवाएंगे और इसके लिए 3 दिन का समय निर्धारित किया गया है.
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेपी बुनकर ने बताया कि जिले में बाहर से आने वाले काफी श्रमिकों के जॉब कार्ड नहीं बने हुए हैं. इनमें कुछ श्रमिक ऐसे भी हैं, जो परिवार से अलग जॉब कार्ड चाहते हैं. उसके लिए 3 दिन का अभियान चलाया जा रहा है.
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इस अभियान के तहत मनरेगा में कार्यरत मेट गांव में बाहर से आने वाले श्रमिकों का सर्वे करेंगे और उनके जॉब कार्ड बनवाएंगे, जिससे कि उन्हें तुरंत प्रभाव से रोजगार दिया जा सके. इसके साथ ही बुनकर ने कहा कि फिलहाल प्रयास किया जा रहा है कि श्रमिकों का वापस पलायन नहीं हो. इसलिए यह अभियान चलाया गया है और बुधवार तक इस काम को पूरा कर लिया जाएगा.
अब तक 55,000 लोगों को मिला रोजगार
सीईओ जेपी बुनकर का कहना है कि जिले में 1 जून से लेकर अब तक करीब 55 हजार लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार मिल चुका है और लगातार इसमें बढ़ोतरी हो रही है. गांव-गांव सर्वे कराया जा रहा है, आशंका है कि अभी और संख्या बढ़ेगी.