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सीकर: दांतारामगढ़ में चौथी बार टिड्डियों का हमला, किसान परेशान - टिड्डी दल का हमला

सीकर के दांतारामगढ़ में बुधवार को चौथी बार टिड्डी दलों ने हमला किया. वहीं, टिड्डियों के प्रवेश करते ही किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें देखने को मिली. अगर बार-बार ऐसा होता रहा तो किसानों की फसलों को काफी नुकसान को हो जाएगा.

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दांतारामगढ़ में चौथी बार टिड्डियों का प्रवेश
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Published : Jun 25, 2020, 2:03 AM IST

दांतारामगढ़ (सीकर). जिले के दांतारामगढ़ में बुधवार को टिड्डियों ने चौथी बार हमला किया. टिड्डियों के प्रवेश करते ही किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें देखने को मिली. बीते महीने मई में भी तीन बार टिड्डी दलों ने हमला किया था. वहीं, इस बार भी नागौर से टिड्डी दल ने दांतारामगढ़ में प्रवेश किया है.

टिड्डी दल के हमले की सूचना के बाद किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें छा गई. टिड्डी दल के प्रवेश किए जाने पर किसानों ने तालियां और थालियां बजाकर उन्हें भगाने का प्रवेश किया. कुछ लोगों ने तो इन्हें भगाने के लिए डीजे बजाया.

पढ़ें- सीकर: शहर के गंदे पानी से परेशान ग्रामीणों ने लगाई कलेक्टर से गुहार

दरअसल, टिड्डियों के बार-बार आने के सिलसिले से दांतारामगढ़ क्षेत्र कुछ ज्यादा ही प्रभावित हो रहा हैं. बड़े-बुजुर्गों के मुताबिक साल 1987 के बाद इस क्षेत्र में टिड्डी दल बार-बार देखने को मिल रहे हैं. यह दल पेड़-पौधों, सब्जी व फसलों को ज्यादा ही नुकसान पहुंचा रहे हैं.

किसान एवं पशुपालकों के शत्रु माने जाने वाले ये टिड्डी दल भी बीते महीने से ही हमला कर रहे है. इससे पहले तीन बार चार किलोमीटर तक टिड्डी दल इस क्षेत्र की ओर से गुजर चुका है. वहीं, बुधवार को चौथी बार इसी क्षेत्र में टिड्डी दल के प्रवेश ने किसान और आमजन की चिंता बढ़ा दी है.

पढ़ें- पहली बार सीकर शहर तक पहुंचा टिड्डी दल, आस-पास के गांव में डाल सकता है डेरा

अगर बार-बार ऐसा होता रहा तो किसानों की फसलों को काफी नुकसान को हो जाएगा, जिससे वैश्विक महामारी के साथ-साथ टिड्डियों के दल से भी आर्थिक संकट के बादल मंडराने लगेंगे. इसके लिए सरकार को उपाय करने की आवश्यकता है.

दांतारामगढ़ (सीकर). जिले के दांतारामगढ़ में बुधवार को टिड्डियों ने चौथी बार हमला किया. टिड्डियों के प्रवेश करते ही किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें देखने को मिली. बीते महीने मई में भी तीन बार टिड्डी दलों ने हमला किया था. वहीं, इस बार भी नागौर से टिड्डी दल ने दांतारामगढ़ में प्रवेश किया है.

टिड्डी दल के हमले की सूचना के बाद किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें छा गई. टिड्डी दल के प्रवेश किए जाने पर किसानों ने तालियां और थालियां बजाकर उन्हें भगाने का प्रवेश किया. कुछ लोगों ने तो इन्हें भगाने के लिए डीजे बजाया.

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दरअसल, टिड्डियों के बार-बार आने के सिलसिले से दांतारामगढ़ क्षेत्र कुछ ज्यादा ही प्रभावित हो रहा हैं. बड़े-बुजुर्गों के मुताबिक साल 1987 के बाद इस क्षेत्र में टिड्डी दल बार-बार देखने को मिल रहे हैं. यह दल पेड़-पौधों, सब्जी व फसलों को ज्यादा ही नुकसान पहुंचा रहे हैं.

किसान एवं पशुपालकों के शत्रु माने जाने वाले ये टिड्डी दल भी बीते महीने से ही हमला कर रहे है. इससे पहले तीन बार चार किलोमीटर तक टिड्डी दल इस क्षेत्र की ओर से गुजर चुका है. वहीं, बुधवार को चौथी बार इसी क्षेत्र में टिड्डी दल के प्रवेश ने किसान और आमजन की चिंता बढ़ा दी है.

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अगर बार-बार ऐसा होता रहा तो किसानों की फसलों को काफी नुकसान को हो जाएगा, जिससे वैश्विक महामारी के साथ-साथ टिड्डियों के दल से भी आर्थिक संकट के बादल मंडराने लगेंगे. इसके लिए सरकार को उपाय करने की आवश्यकता है.

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