सीकर. जिले में स्थित प्रदेश के एकमात्र भेड़ प्रजनन केंद्र को सरकार बंद करने के मूड में है. हालांकि इसको बंद करने का आदेश तो सरकार ने जारी नहीं किया है. लेकिन सरकार ने तय किया है कि यहां पर केवल 500 भेड़ ही रखी जाए. इसके अलावा यह भी तय किया गया है कि जमीन का ज्यादातर हिस्सा विभाग वन विभाग को दे दी जाएगा. कर्मचारियों की संख्या कम करने के आदेश जारी किए जा चुके है.
प्रदेश सरकार के अधीन प्रांत का एकमात्र भेड़ प्रजनन केंद्र सीकर जिले के फतेहपुर शेखावाटी में स्थित है. किसी जमाने में सबसे बड़ा भेड़ प्रजनन केंद्र हुआ करता था. इस फार्म को अब धीरे धीरे सरकार बंद कर सकती है. कभी यहां पर 5 से 6 हजार भेड़े हुआ करती थी. वर्तमान में यहां केवल 1444 भेड़ हैं. पहले भेड़ प्रजनन विभाग अलग हुआ करता था. लेकिन बाद में इसे पशुपालन विभाग के अधीन कर दिया गया. अब विभाग का आदेश आया है कि यहां पर 500 से ज्यादा भेड़ नहीं रखी जाए.
विभाग इसके अलावा बकरी पालन को भी बंद करने की योजना बना रही है. विभाग ने यह भी कहा है कि जो जमीन ज्यादा है उसे वापस वन विभाग को दे दी जाए. साथ ही कर्मचारियों में भी कटौती कर दी जाए. विभाग के अधिकारी दबी जुबान से इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि धीरे-धीरे सरकार इसे बंद करने की तरफ जा रही है और बैठक में इस पर चर्चा भी हो चुकी है.
तीन नस्ल की है भेड़-
इस भेड़ प्रजनन केंद्र पर चोकला, नाली और मारवाड़ी नस्ल की भेड़ो का पालन होता है. फिलहाल सबसे ज्यादा मारवाड़ी नस्ल की भेड़ें हैं.
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पशुपालकों को होता है फायदा-
इस भेड़ प्रजनन केंद्र से सबसे ज्यादा फायदा पशुपालकों को होता है. प्रदेशभर में पशुपालकों को यहां से प्रजनन के लिए भेड़े और बकरे वितरित किए जाते हैं. पिछले साल भी 282 पशुपालकों को यहां से लाभान्वित किया गया था. उन्नत नस्ल के भेड़े और बकरे पशुपालकों को दिए जाते हैं.
गौरतलब है कि मामला सरकार के अधिकार क्षेत्र का होने की वजह से अधिकारियों ने कैमरे के सामने कुछ भी बताने से मना कर दिया.