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प्रदेश के एकमात्र भेड़ प्रजनन केंद्र को 'बंद' करने के मूड में सरकार - भेड़ प्रजनन केंद्र बंद

जिले में स्थित प्रदेश के एकमात्र भेड़ प्रजनन केंद्र को सरकार बंद करने के मूड में है. हालांकि इसको बंद करने का आदेश तो सरकार ने जारी नहीं किया है. लेकिन सरकार ने तय किया है कि यहां पर केवल 500 भेड़ ही रखी जाएं.

प्रदेश के एकमात्र भेड़ प्रजनन केंद्र को बंद करने के मूड में सरकार.
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Published : Aug 2, 2019, 3:53 PM IST

सीकर. जिले में स्थित प्रदेश के एकमात्र भेड़ प्रजनन केंद्र को सरकार बंद करने के मूड में है. हालांकि इसको बंद करने का आदेश तो सरकार ने जारी नहीं किया है. लेकिन सरकार ने तय किया है कि यहां पर केवल 500 भेड़ ही रखी जाए. इसके अलावा यह भी तय किया गया है कि जमीन का ज्यादातर हिस्सा विभाग वन विभाग को दे दी जाएगा. कर्मचारियों की संख्या कम करने के आदेश जारी किए जा चुके है.

प्रदेश सरकार के अधीन प्रांत का एकमात्र भेड़ प्रजनन केंद्र सीकर जिले के फतेहपुर शेखावाटी में स्थित है. किसी जमाने में सबसे बड़ा भेड़ प्रजनन केंद्र हुआ करता था. इस फार्म को अब धीरे धीरे सरकार बंद कर सकती है. कभी यहां पर 5 से 6 हजार भेड़े हुआ करती थी. वर्तमान में यहां केवल 1444 भेड़ हैं. पहले भेड़ प्रजनन विभाग अलग हुआ करता था. लेकिन बाद में इसे पशुपालन विभाग के अधीन कर दिया गया. अब विभाग का आदेश आया है कि यहां पर 500 से ज्यादा भेड़ नहीं रखी जाए.

प्रदेश के एकमात्र भेड़ प्रजनन केंद्र को बंद करने के मूड में सरकार

विभाग इसके अलावा बकरी पालन को भी बंद करने की योजना बना रही है. विभाग ने यह भी कहा है कि जो जमीन ज्यादा है उसे वापस वन विभाग को दे दी जाए. साथ ही कर्मचारियों में भी कटौती कर दी जाए. विभाग के अधिकारी दबी जुबान से इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि धीरे-धीरे सरकार इसे बंद करने की तरफ जा रही है और बैठक में इस पर चर्चा भी हो चुकी है.

तीन नस्ल की है भेड़-
इस भेड़ प्रजनन केंद्र पर चोकला, नाली और मारवाड़ी नस्ल की भेड़ो का पालन होता है. फिलहाल सबसे ज्यादा मारवाड़ी नस्ल की भेड़ें हैं.

पढ़ेंः जयपुर एयरपोर्ट पर देर रात कस्टम विभाग की कार्रवाई...50 लाख का सामान जब्त

पशुपालकों को होता है फायदा-
इस भेड़ प्रजनन केंद्र से सबसे ज्यादा फायदा पशुपालकों को होता है. प्रदेशभर में पशुपालकों को यहां से प्रजनन के लिए भेड़े और बकरे वितरित किए जाते हैं. पिछले साल भी 282 पशुपालकों को यहां से लाभान्वित किया गया था. उन्नत नस्ल के भेड़े और बकरे पशुपालकों को दिए जाते हैं.

गौरतलब है कि मामला सरकार के अधिकार क्षेत्र का होने की वजह से अधिकारियों ने कैमरे के सामने कुछ भी बताने से मना कर दिया.

सीकर. जिले में स्थित प्रदेश के एकमात्र भेड़ प्रजनन केंद्र को सरकार बंद करने के मूड में है. हालांकि इसको बंद करने का आदेश तो सरकार ने जारी नहीं किया है. लेकिन सरकार ने तय किया है कि यहां पर केवल 500 भेड़ ही रखी जाए. इसके अलावा यह भी तय किया गया है कि जमीन का ज्यादातर हिस्सा विभाग वन विभाग को दे दी जाएगा. कर्मचारियों की संख्या कम करने के आदेश जारी किए जा चुके है.

प्रदेश सरकार के अधीन प्रांत का एकमात्र भेड़ प्रजनन केंद्र सीकर जिले के फतेहपुर शेखावाटी में स्थित है. किसी जमाने में सबसे बड़ा भेड़ प्रजनन केंद्र हुआ करता था. इस फार्म को अब धीरे धीरे सरकार बंद कर सकती है. कभी यहां पर 5 से 6 हजार भेड़े हुआ करती थी. वर्तमान में यहां केवल 1444 भेड़ हैं. पहले भेड़ प्रजनन विभाग अलग हुआ करता था. लेकिन बाद में इसे पशुपालन विभाग के अधीन कर दिया गया. अब विभाग का आदेश आया है कि यहां पर 500 से ज्यादा भेड़ नहीं रखी जाए.

प्रदेश के एकमात्र भेड़ प्रजनन केंद्र को बंद करने के मूड में सरकार

विभाग इसके अलावा बकरी पालन को भी बंद करने की योजना बना रही है. विभाग ने यह भी कहा है कि जो जमीन ज्यादा है उसे वापस वन विभाग को दे दी जाए. साथ ही कर्मचारियों में भी कटौती कर दी जाए. विभाग के अधिकारी दबी जुबान से इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि धीरे-धीरे सरकार इसे बंद करने की तरफ जा रही है और बैठक में इस पर चर्चा भी हो चुकी है.

तीन नस्ल की है भेड़-
इस भेड़ प्रजनन केंद्र पर चोकला, नाली और मारवाड़ी नस्ल की भेड़ो का पालन होता है. फिलहाल सबसे ज्यादा मारवाड़ी नस्ल की भेड़ें हैं.

पढ़ेंः जयपुर एयरपोर्ट पर देर रात कस्टम विभाग की कार्रवाई...50 लाख का सामान जब्त

पशुपालकों को होता है फायदा-
इस भेड़ प्रजनन केंद्र से सबसे ज्यादा फायदा पशुपालकों को होता है. प्रदेशभर में पशुपालकों को यहां से प्रजनन के लिए भेड़े और बकरे वितरित किए जाते हैं. पिछले साल भी 282 पशुपालकों को यहां से लाभान्वित किया गया था. उन्नत नस्ल के भेड़े और बकरे पशुपालकों को दिए जाते हैं.

गौरतलब है कि मामला सरकार के अधिकार क्षेत्र का होने की वजह से अधिकारियों ने कैमरे के सामने कुछ भी बताने से मना कर दिया.

Intro:सीकर
सीकर जिले में स्थित प्रदेश के एकमात्र भेड़ प्रजनन केंद्र को सरकार बंद करने के मूड में है। हालांकि इसको बंद करने का आदेश तो सरकार ने जारी नहीं किया है लेकिन सरकार ने तय किया है कि यहां पर केवल 500 भेड़ ही रखी जाए। इसके अलावा यह भी तय किया गया है कि जो जमीन है उनमें से ज्यादातर जमीन वापस मूल विभाग को यानी वन विभाग को दे दी जाए। कर्मचारियों को भी कम करने के आदेश जारी हो गए हैं माना जा रहा है कि धीरे-धीरे सरकार इसे बंद करेगी।


Body:प्रदेश सरकार के अधीन सूबे का एकमात्र भेड़ प्रजनन केंद्र सीकर जिले के फतेहपुर शेखावाटी में स्थित है। किसी जमाने में सबसे बड़ा भेड़ प्रजनन केंद्र होने का तमगा हासिल इस फार्म को अब धीरे धीरे सरकार बंद कर सकती है। कभी यहां पर 5 से 6000 भेड़े हुआ करती थी। वर्तमान में यहां केवल 1444 भेड़ है। इसके अलावा 449 बकरियां रखी जा रही है। पहले भेड़ प्रजनन विभाग अलग हुआ करता था लेकिन बाद में इसे पशुपालन विभाग के अधीन कर दिया। अब विभाग का आदेश आया है कि यहां पर 500 से ज्यादा भेड़ नहीं रखी जाए। इसके अलावा बकरी पालन को बंद कर दिया जाए। विभाग ने यह भी कहा है कि जो जमीन ज्यादा है वह वापस वन विभाग को दे दी जाए और कर्मचारियों में भी कटौती कर दी जाए। विभाग के अधिकारी दबी जुबान से इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि धीरे-धीरे सरकार इसे बंद करने की तरफ जा रही है और बैठक में इस पर चर्चा भी हो चुकी है।

तीन नस्ल की है भेड़
इस भेड़ प्रजनन केंद्र पर चोकला, नाली और मारवाड़ी नस्ल की भेड़ का पालन होता है। फिलहाल सबसे ज्यादा मारवाड़ी नस्ल की भेड़ हैं।

पशुपालकों को होता है फायदा
इस भेड़ प्रजनन केंद्र से सबसे ज्यादा फायदा पशुपालकों को होता है। प्रदेशभर में पशुपालकों को यहां से प्रजनन के लिए मेढ़े और बकरे वितरित किए जाते हैं। पिछले साल भी 282 पशुपालकों को यहां से लाभान्वित किया गया था। उन्नत नस्ल के मेढ़े और बकरे पशुपालकों को दिए जाते हैं।

नोट: मामला सरकार के अधिकार क्षेत्र का होने की वजह से अधिकारियों ने कैमरे के सामने कुछ भी बताने से मना कर दिया , खबर पीटीसी के साथ भेजी गई है


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