सीकर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में इस बार एक दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा. राजस्थान के सीकर जिले की दातारामगढ़ विधानसभा से पूर्व जिला प्रमुख रीटा सिंह तथा वर्तमान विधायक वीरेंद्र सिंह दोनों पति-पत्नी हैं और दोनों ही अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ रहे हैं.
राजस्थान कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष चौधरी नारायण सिंह के बेटे वीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस पार्टी से नामांकन किया है. वहीं उनकी पत्नी रीटा सिंह ने हरियाणा की जनता जननायक पार्टी से नामांकन दाखिल किया है. शेखावाटी की राजनीति के भीष्म पिता कहे जाने वाले चौधरी नारायण सिंह दांतारामगढ़ विधानसभा से 6 बार विधायक तथा एक बार राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं. दांतारामगढ़ विधानसभा सीट पर चौधरी नारायण सिंह का दबदबा रहा है. आज तक इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी अपना खाता नहीं खोल पाई है.
2018 के विधानसभा चुनाव में चौधरी नारायण सिंह ने अपने बेटे वीरेंद्र चौधरी को चुनाव लड़कर फतेह दिलाई थी. कांग्रेस पार्टी ने एक बार उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाया है. लेकिन इस बार के चुनाव में उनके सामने भाजपा के साथ ही जेजेपी से उनकी पत्नी रीटा सिंह ने भी नामांकन किया है. कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह की पत्नी ने इस साल अगस्त में जनता जननायक पार्टी ज्वाइन कर ली थी. जेजेपी में शामिल होने के बाद पार्टी ने उन्हें महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष बनाया.
भाजपा प्रत्याशी गजानन कुमावत ने भी आज अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. भाजपा प्रत्याशी ने रोड शो करते हुए हजारों समर्थकों के साथ एसडीएम कार्यालय पहुंचकर अपना नामांकन किया. पिछली बार भारतीय जनता पार्टी से हरीश कुमावत ने कांग्रेस के सामने चुनाव लड़ा था.