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सीकर: काम के बाद मजदूरी नहीं मिलने से नाराज मजदूरों का विरोध-प्रदर्शन

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Published : Jul 23, 2020, 12:34 AM IST

सीकर जिले में मजदूरी नहीं मिलने से नाराज मजदूरों ने विरोध प्रदर्शन किया. मजदूरों का आरोप है कि गांव का सरपंच काम करने बाद उनकी मजदूरी नहीं दे रहा है. हालांकि, सरपंच का कहना है कि जितने दिन मजदूरों ने काम किया है उन्हें उनका पैसा दे दिया गया है.

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मजदूरों ने मजदूरी नही देने का आरोप लगाकर किया विरोध-प्रदर्शन

श्रीमाधोपुर (सीकर). जिले के पंचायत समिति की नवसृजित ग्राम पंचायत नांगल भीम के नरेगा श्रमिकों ने काम करने के बाद मजदूरी का पैसा नही देने पर बुधवार को काम बंद कर विरोध-प्रदर्शन किया. वहीं श्रमिक कमलेश, लक्ष्मी देवी, पार्वती देवी ने बताया कि नांगल ग्राम पंचायत में नरेगा का जो काम चल रहा है वह ग्राम पंचायत हांसपुर की ओर से करवाया जा रहा है. जिसमें हमने जून माह में 13 दिन काम किया है.

जिसमें केवल 8 दिन का ही भुगतान देने की बात कह रहे हैं और 1 जुलाई से 15 जुलाई तक 13 दिन किए गए काम का भुगतान देने से मना कर दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि 1 जुलाई से 15 जुलाई तक के काम का भुगतान नहीं मिलेगा इस शर्त पर आपको आगे का काम मिलेगा.

पढ़ें: करौली: 12वीं की परीक्षा में उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने पर छात्राओं को किया गया सम्मानित

मजदूरों ने आरोप लगाया है कि इस कोरोना काल में बच्चे पालने के लिए मजबूरी में नरेगा का काम किया उसके बाद भी मजदूरी नहीं दे रहे हैं, ऐसे में परिवार का पालन पोषण कैसे होगा. सरपंच बिमला देवी का कहना है कि श्रमिकों को बराबर काम दिया जा रहा है. जिस भी श्रमिक ने जितने दिन काम किया है उनको 179 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दी जा रही है. काम न देने की या मजदूरी के पैसे न देने जैसे आरोप निराधार है.

यह है मामला...

नांगल भीम नवसृजित ग्राम पंचायत है लेकिन ग्राम पंचायत पोर्टल पर अपडेट नही होने से अभी पुरानी ग्राम पंचायत के तहत ही मनरेगा का काम चल रहा है. नांगल भीम के सरपंच महेन्द्र कुमार का कहना है कि हांसपुर गाम पंचायत के सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी यहां के मजदूरों को बराबर काम नही दे रहे हैं. पंचायत तो बना दी पर अधिकार अभी भी हांसपुर ग्राम पंचायत के पास ही है. ऐसे में पंचायत में विकास कार्य भी नहीं हो रहे हैं.

श्रीमाधोपुर (सीकर). जिले के पंचायत समिति की नवसृजित ग्राम पंचायत नांगल भीम के नरेगा श्रमिकों ने काम करने के बाद मजदूरी का पैसा नही देने पर बुधवार को काम बंद कर विरोध-प्रदर्शन किया. वहीं श्रमिक कमलेश, लक्ष्मी देवी, पार्वती देवी ने बताया कि नांगल ग्राम पंचायत में नरेगा का जो काम चल रहा है वह ग्राम पंचायत हांसपुर की ओर से करवाया जा रहा है. जिसमें हमने जून माह में 13 दिन काम किया है.

जिसमें केवल 8 दिन का ही भुगतान देने की बात कह रहे हैं और 1 जुलाई से 15 जुलाई तक 13 दिन किए गए काम का भुगतान देने से मना कर दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि 1 जुलाई से 15 जुलाई तक के काम का भुगतान नहीं मिलेगा इस शर्त पर आपको आगे का काम मिलेगा.

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मजदूरों ने आरोप लगाया है कि इस कोरोना काल में बच्चे पालने के लिए मजबूरी में नरेगा का काम किया उसके बाद भी मजदूरी नहीं दे रहे हैं, ऐसे में परिवार का पालन पोषण कैसे होगा. सरपंच बिमला देवी का कहना है कि श्रमिकों को बराबर काम दिया जा रहा है. जिस भी श्रमिक ने जितने दिन काम किया है उनको 179 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दी जा रही है. काम न देने की या मजदूरी के पैसे न देने जैसे आरोप निराधार है.

यह है मामला...

नांगल भीम नवसृजित ग्राम पंचायत है लेकिन ग्राम पंचायत पोर्टल पर अपडेट नही होने से अभी पुरानी ग्राम पंचायत के तहत ही मनरेगा का काम चल रहा है. नांगल भीम के सरपंच महेन्द्र कुमार का कहना है कि हांसपुर गाम पंचायत के सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी यहां के मजदूरों को बराबर काम नही दे रहे हैं. पंचायत तो बना दी पर अधिकार अभी भी हांसपुर ग्राम पंचायत के पास ही है. ऐसे में पंचायत में विकास कार्य भी नहीं हो रहे हैं.

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