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Right to Health Bill के विरोध में सीकर में प्राइवेट डॉक्टर्स और निजी अस्पताल संचालकों का प्रदर्शन - private hospitals on strike in Sikar

राजस्थान के सीकर में राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में (private hospitals on strike in Sikar) चिकित्सक सड़क पर हैं. प्राइवेट डॉक्टर्स व निजी अस्पतालों के संचालक अस्पतालों में तालाबंदी कर प्रदर्शन कर रहे हैं.

private hospitals on strike in Sikar
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Published : Mar 19, 2023, 3:52 PM IST

IMA राजस्थान के जनरल सेक्रेटरी डॉ. आरसी ढाका

सीकर. जिले में राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्राइवेट डॉक्टर्स शनिवार से हड़ताल पर हैं. इसके कारण सीकर के निजी अस्पतालों में ओपीडी, आईपीडी सहित तमाम सेवाएं बाधित होने से मरीजों को भी खासी दिक्कतें पेश आ रही हैं. इसी कड़ी में रविवार को चिकित्सकों ने जिला क्लब से डाक बंगला तक रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान मीडिया से रूबरू हुए चिकित्सक व IMA राजस्थान के जनरल सेक्रेटरी आरसी ढाका ने बताया कि सरकार 21 मार्च को विधानसभा में राइट टू हेल्थ बिल लाना चाहती है. इस बिल में प्राइवेट अस्पतालों को आमजन के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही गई है.

साथ ही इस बिल में सभी प्राइवेट अस्पतालों को पाबंद किया गया है कि आम जनता को इमरजेंसी के दौरान निशुल्क सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. डॉ. ढाका ने इस बिल को चिकित्सक व जनविरोधी करार दिया. उन्होंने कहा कि इस बिल के लागू होने से निजी अस्पतालों के संचालन में दिक्कतें पेश आएंगी. उन्होंने कहा कि बिना पैसे के निजी अस्पतालों का संचालन संभव नहीं है. राज्य की गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से कहा गया था कि बिल को सदन में रखने से पहले उसमें व्याप्त कमियों को दुरुस्त करने के लिए उन्हें बुलाया जाएगा और फिर संशोधन के उपरांत बिल को सदन में पेश किया जाएगा. हालांकि, इसके लिए सरकार की ओर से 10 मार्च की डेड लाइन दी गई थी, लेकिन स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली है.

इसे भी पढ़ें - Right to health : बिल के विरोध में राजस्थान के निजी अस्पतालों में उपचार बंद, मरीज हो रहे परेशान

चिकित्सकों का कहना है कि इस बिल के लागू होने से उनकी कमाई का अधिकार छिन जाएगा. ऐसे में निजी अस्पताल और क्लिनिक बिना पैसे के कैसे चलेंगे. साथ ही उनका कहना है कि उन्हें जो आश्वासन दिया गया था, वो भी पूरा नहीं हो सका है. प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने राज्य की गहलोत सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस बिल को वापस नहीं लिया गया तो उनका ये आंदोलन किसी भी कीमत पर खत्म नहीं होगा. साथ ही विधानसभा घेराव की भी चेतावनी दी गई.

IMA राजस्थान के जनरल सेक्रेटरी डॉ. आरसी ढाका

सीकर. जिले में राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में प्राइवेट डॉक्टर्स शनिवार से हड़ताल पर हैं. इसके कारण सीकर के निजी अस्पतालों में ओपीडी, आईपीडी सहित तमाम सेवाएं बाधित होने से मरीजों को भी खासी दिक्कतें पेश आ रही हैं. इसी कड़ी में रविवार को चिकित्सकों ने जिला क्लब से डाक बंगला तक रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान मीडिया से रूबरू हुए चिकित्सक व IMA राजस्थान के जनरल सेक्रेटरी आरसी ढाका ने बताया कि सरकार 21 मार्च को विधानसभा में राइट टू हेल्थ बिल लाना चाहती है. इस बिल में प्राइवेट अस्पतालों को आमजन के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही गई है.

साथ ही इस बिल में सभी प्राइवेट अस्पतालों को पाबंद किया गया है कि आम जनता को इमरजेंसी के दौरान निशुल्क सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. डॉ. ढाका ने इस बिल को चिकित्सक व जनविरोधी करार दिया. उन्होंने कहा कि इस बिल के लागू होने से निजी अस्पतालों के संचालन में दिक्कतें पेश आएंगी. उन्होंने कहा कि बिना पैसे के निजी अस्पतालों का संचालन संभव नहीं है. राज्य की गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से कहा गया था कि बिल को सदन में रखने से पहले उसमें व्याप्त कमियों को दुरुस्त करने के लिए उन्हें बुलाया जाएगा और फिर संशोधन के उपरांत बिल को सदन में पेश किया जाएगा. हालांकि, इसके लिए सरकार की ओर से 10 मार्च की डेड लाइन दी गई थी, लेकिन स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली है.

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चिकित्सकों का कहना है कि इस बिल के लागू होने से उनकी कमाई का अधिकार छिन जाएगा. ऐसे में निजी अस्पताल और क्लिनिक बिना पैसे के कैसे चलेंगे. साथ ही उनका कहना है कि उन्हें जो आश्वासन दिया गया था, वो भी पूरा नहीं हो सका है. प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने राज्य की गहलोत सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस बिल को वापस नहीं लिया गया तो उनका ये आंदोलन किसी भी कीमत पर खत्म नहीं होगा. साथ ही विधानसभा घेराव की भी चेतावनी दी गई.

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