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अंधविश्वास : ब्लैक फंगस से बचने के लिए नींबू-मिर्च-नीम का 'टोटका'...घरों के बाहर सिंदूर से बनाया त्रिशूल - Sikar Black Fungus Vandanavar

ब्लैक फंगस को लेकर चिकित्सा जगत की चिंताओं के इतर सीकर के छोटे-छोटे गांवों और कस्बों में ब्लैक फंगस को दैवीय प्रकोप करार दे दिया गया है. बल्कि विभिन्न प्रकार के टोने-टोटके करके निश्चिंत भी हो रहे हैं.

Black fungus superstition
अंधविश्वास का काला फंगस
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Published : May 19, 2021, 10:28 PM IST

फतेहपुर (सीकर). ब्लैक फंगस से बचने के लिए फतेहपुर में लोग अपने घरों के दरवाजों पर नींबू मिर्च और नीम के पतों की वंदनवार बांध रहे हैं. देश में जहां कोरोना कहर बरपा रहा है और कोरोना वायरस के साइड इफेक्ट के रूप में ब्लैक फंगस लोगों की जान ले रहा है. ऐसे में यह अंधविश्वास समाज के पाखंड की पोल खोलता है.

अंधविश्वास का काला फंगस

जिले के फतेहपुर कस्बे में मोहल्ला खटीकान के हर घर के दरवाजे पर नींबू, मिर्च और नीम के पत्तोें की वंदनवार बंधी नजर आएगी. जब इसके बारे में स्थानीय लोगों से बातचीत की उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस का आयुर्वेदिक इलाज नींबू, मिर्च और नीम के पत्तों से हो सकता है. जिसके नीचे से घर के सदस्यों के गुजरने से इस बीमारी के प्रकोप से बचा जा सकता है.

पढ़ें- जोधपुर: MDM अस्पताल में मरीजों की फर्जी भर्ती बताकर 50 रेमडेसिविर इंजेक्शन का घोटाला

बीसीएमओ डाॅ. दलीप कुल्हरी के अनुसार इलाके में अब तक 34 मौत हो चुकी हैं. लेकिन हकीकत इनके विपरीत है. गांवों से आ रही सूचनाओं के अनुसार लगभग 200 से अधिक लोग कोरोना महामारी से अपनी जान गंवा चुके हैं. हजारों लोग अभी भी लड़ रहे हैं. जो लोग कोरोना से रिकवर हो चुके ऐसे लोगों की प्रशासन पहचान करके उनमें ब्लैक फंगस के लक्षणों की जांच करके उपचार करे तभी इससे निजात मिल सकेगी.

घरों के बाहर बना रहे हैं त्रिशूल के निशान

मोहल्ले के लोगों का मानना है कि त्रिशूल का निशान बनाने से घर में कई प्रकार की अदृश्य शक्तियों का प्रभाव घर के लोगों पर नहीं पड़ेगा. वहीं दैवीय शक्ति बुरी शक्ति बुरी नजर की इन अदृश्य शक्तियों का त्रिशूल से प्रहार उन्हें खत्म कर देती है. इस तरह की सोच भी समाज को पीछे ले जाती है.

फतेहपुर (सीकर). ब्लैक फंगस से बचने के लिए फतेहपुर में लोग अपने घरों के दरवाजों पर नींबू मिर्च और नीम के पतों की वंदनवार बांध रहे हैं. देश में जहां कोरोना कहर बरपा रहा है और कोरोना वायरस के साइड इफेक्ट के रूप में ब्लैक फंगस लोगों की जान ले रहा है. ऐसे में यह अंधविश्वास समाज के पाखंड की पोल खोलता है.

अंधविश्वास का काला फंगस

जिले के फतेहपुर कस्बे में मोहल्ला खटीकान के हर घर के दरवाजे पर नींबू, मिर्च और नीम के पत्तोें की वंदनवार बंधी नजर आएगी. जब इसके बारे में स्थानीय लोगों से बातचीत की उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस का आयुर्वेदिक इलाज नींबू, मिर्च और नीम के पत्तों से हो सकता है. जिसके नीचे से घर के सदस्यों के गुजरने से इस बीमारी के प्रकोप से बचा जा सकता है.

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बीसीएमओ डाॅ. दलीप कुल्हरी के अनुसार इलाके में अब तक 34 मौत हो चुकी हैं. लेकिन हकीकत इनके विपरीत है. गांवों से आ रही सूचनाओं के अनुसार लगभग 200 से अधिक लोग कोरोना महामारी से अपनी जान गंवा चुके हैं. हजारों लोग अभी भी लड़ रहे हैं. जो लोग कोरोना से रिकवर हो चुके ऐसे लोगों की प्रशासन पहचान करके उनमें ब्लैक फंगस के लक्षणों की जांच करके उपचार करे तभी इससे निजात मिल सकेगी.

घरों के बाहर बना रहे हैं त्रिशूल के निशान

मोहल्ले के लोगों का मानना है कि त्रिशूल का निशान बनाने से घर में कई प्रकार की अदृश्य शक्तियों का प्रभाव घर के लोगों पर नहीं पड़ेगा. वहीं दैवीय शक्ति बुरी शक्ति बुरी नजर की इन अदृश्य शक्तियों का त्रिशूल से प्रहार उन्हें खत्म कर देती है. इस तरह की सोच भी समाज को पीछे ले जाती है.

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