फतेहपुर (सीकर). सेवारत चिकित्सकों के सुबह आठ से दस बजे तक ओपीडी के बहिष्कार के बाद ज्योंही डॉक्टर चैम्बर में बैठे बाहर मरीजों की लाईन लग गई. कस्बे के राजकीय धानुका अस्पताल में केन्द्र सरकार द्वारा लाए जा रहे एनएमसी बिल का चिकित्सक विरोध कर रहे है.इसलिए उन्होंने ओपीडी सेवाओं को बंद रखा था.
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अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ ने बिल का कड़ा विरोध करते हुए सुबह दो घण्टे ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया. डॉक्टरों का कहना है कि यह कानून चिकित्सालयों के ढ़ाचे को उथल-पुथल कर देगा. यह कानून आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाला है. इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं .
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मानसून में होने वाली मौसमी बीमारियों ने लोगों को जकडऩा चालू कर दिया है. विशेषकर महिलाओं, बुजुर्गों एवं छोटे बच्चों में खांसी, जुकाम, शरीर में दर्द और बुखार का असर देखने को मिल रहा है. इन बीमारियों से ग्रसित लोग सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए सुबह की आना चालू हो गये थे. लेकिन दो घंटे तक चिकित्सकों के बहिष्कार के कारण लोग इधर-उधर भटकते रहे और पूछते रहे कि डॉक्टर क्यों नहीं देख रहे हैं. ज्योंही डॉक्टरों ने बहिष्कार के बाद चैम्बर संभाले मरीजों की लम्बी लाईनें लग गई.