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सीकर : चिकित्सकों ने किया ओपीडी का बहिष्कार....अस्पताल में लगी मरीजों की लाइनें - servicing doctor

सीकर में सेवारत चिकित्सकों ने सुबह आठ से दस बजे तक ओपीडी के बहिष्कार कर दिया. डॉक्टरों के चैम्बर के बहार मरीजों की लंबी-लंबी लाइने लग गई है. दरअसल चिकित्सक सरकार द्वारा लाए जा रहे एनएमसी बिल का विरोध कर रहे हैं. जिसके चलते ओपीडी सेवाओं को बंद रखा गया था.

सेवारत चिकित्सकों के ओपीडी बहिष्कार के बाद अस्पताल में लगी मरीजों की लाइनें
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Published : Aug 1, 2019, 3:00 PM IST

फतेहपुर (सीकर). सेवारत चिकित्सकों के सुबह आठ से दस बजे तक ओपीडी के बहिष्कार के बाद ज्योंही डॉक्टर चैम्बर में बैठे बाहर मरीजों की लाईन लग गई. कस्बे के राजकीय धानुका अस्पताल में केन्द्र सरकार द्वारा लाए जा रहे एनएमसी बिल का चिकित्सक विरोध कर रहे है.इसलिए उन्होंने ओपीडी सेवाओं को बंद रखा था.

सेवारत चिकित्सकों के ओपीडी बहिष्कार के बाद अस्पताल में लगी मरीजों की लाइनें

पढ़े - जयपुर के एसएमएस अस्पताल में दवा नहीं...सरकार का दावा खोखला...मरीज परेशान

अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ ने बिल का कड़ा विरोध करते हुए सुबह दो घण्टे ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया. डॉक्टरों का कहना है कि यह कानून चिकित्सालयों के ढ़ाचे को उथल-पुथल कर देगा. यह कानून आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाला है. इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं .

पढ़े - पूर्वी राजस्थान में छाए घने बादल....अगले तीन दिनों में भारी बारिश की चेतावनी

मानसून में होने वाली मौसमी बीमारियों ने लोगों को जकडऩा चालू कर दिया है. विशेषकर महिलाओं, बुजुर्गों एवं छोटे बच्चों में खांसी, जुकाम, शरीर में दर्द और बुखार का असर देखने को मिल रहा है. इन बीमारियों से ग्रसित लोग सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए सुबह की आना चालू हो गये थे. लेकिन दो घंटे तक चिकित्सकों के बहिष्कार के कारण लोग इधर-उधर भटकते रहे और पूछते रहे कि डॉक्टर क्यों नहीं देख रहे हैं. ज्योंही डॉक्टरों ने बहिष्कार के बाद चैम्बर संभाले मरीजों की लम्बी लाईनें लग गई.

फतेहपुर (सीकर). सेवारत चिकित्सकों के सुबह आठ से दस बजे तक ओपीडी के बहिष्कार के बाद ज्योंही डॉक्टर चैम्बर में बैठे बाहर मरीजों की लाईन लग गई. कस्बे के राजकीय धानुका अस्पताल में केन्द्र सरकार द्वारा लाए जा रहे एनएमसी बिल का चिकित्सक विरोध कर रहे है.इसलिए उन्होंने ओपीडी सेवाओं को बंद रखा था.

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अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ ने बिल का कड़ा विरोध करते हुए सुबह दो घण्टे ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया. डॉक्टरों का कहना है कि यह कानून चिकित्सालयों के ढ़ाचे को उथल-पुथल कर देगा. यह कानून आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाला है. इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं .

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मानसून में होने वाली मौसमी बीमारियों ने लोगों को जकडऩा चालू कर दिया है. विशेषकर महिलाओं, बुजुर्गों एवं छोटे बच्चों में खांसी, जुकाम, शरीर में दर्द और बुखार का असर देखने को मिल रहा है. इन बीमारियों से ग्रसित लोग सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए सुबह की आना चालू हो गये थे. लेकिन दो घंटे तक चिकित्सकों के बहिष्कार के कारण लोग इधर-उधर भटकते रहे और पूछते रहे कि डॉक्टर क्यों नहीं देख रहे हैं. ज्योंही डॉक्टरों ने बहिष्कार के बाद चैम्बर संभाले मरीजों की लम्बी लाईनें लग गई.

Intro:सेवारत चिकित्सकों के ओपीडी बहिष्कार के बाद अस्पताल में लगी मरीजों की लाइनें
Body:फतेहपुर (सीकर). सेवारत चिकित्सकों के सुबह आठ से दस बजे तक ओपीडी के बहिष्कार के बाद ज्योंही डॉक्टर चैम्बर में बैठे बाहर मरीजों की लाईन लग गई। कस्बे के राजकीय धानुका अस्पताल में केन्द्र सरकार द्वारा लाए जा रहे एनएमसी बिल का अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ ने कड़ा विरोध जताते हुए सुबह दो घण्टे ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया। डॉक्टरों का कहना है कि स्वास्थ्य के ढ़ांचे को समाप्त कर आम जन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ के लिए रचित तथा चिकित्सकों के मान मर्दन करने वाले इस काले कानून का वे काली पट्टी बांधकर विरोध कर रहे हैं। मानसून के मौसम होने की वजह से मौसमी बीमारियों ने लोगों को जकडऩा चालू कर दिया है। विशेषकर महिलाओं, बुजुर्गों एवं छोटे बच्चों में खांसी, जुकाम, शरीर में दर्द और बुखार का असर देखने को मिल रहा है। इन बीमारियों से ग्रसित लोग सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए सुबह की आना चालू हो गये थे लेकिन दो घंटे तक चिकित्सकों के बहिष्कार के कारण लोग इधर-उधर भटकते रहे और पूछते रहे कि डॉक्टर क्यों नहीं देख रहे हैं। ज्योंही डॉक्टरों बहिष्कार के बाद चैम्बर संभाले मरीजों की लम्बी-लम्बी लाईनें लग गई। Conclusion:बाइट : डॉ. एस.एन. सबल, प्रभारी चिकित्साधिकारी, धानुका अस्पताल, फतेहपुर
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