फतेहपुर (सीकर). नगरपालिका उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस की निकिता रिणवां ने भाजपा के सचिन सैनी को 36-18 वोटों के अतंर से हराया जबकि एक वोट रद्द हो गया. भाजपा अपने और निर्दलीय पार्षदों को एक नहीं रख सकी तथा उसके पक्ष के चार पार्षदों ने कांग्रेस की निकिता के पक्ष में मत दिया. निकिता रिणवां लगातार दूसरी बार पार्षद बनी हैं. इसके साथ ही सचिन सैनी भी दूसरी बार पार्षद बनें है.
भाजपा में अंतिम समय तक उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी का निर्णय नहीं हो सका जबकि निकिता रिणवां ने अध्यक्ष पद के लिए घोषणा के साथ ही तैयारी शुरू कर दी. दूसरा प्रमुख कारण अध्यक्ष पद के चुनावों में भाजपा समर्थित निर्दलीय की हार का मनोवैज्ञानिक कारण दूसरे पक्ष पर पड़ा और वे मानसिक रूप से कमजोर प्रतीत दिखे. भाजपा के उपाध्यक्ष प्रत्याशी अकेले नगरपालिका परिसर में नजर आए और उनके साथ पार्टी का कोई भी वरिष्ठ पार्षद या पदाधिकारी नजर नहीं आया. नव निर्वाचित उपाध्यक्ष 26 वर्षीय निकिता बीए, बीएड, एलएलबी हैं.
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इसी प्रकार रामगढ़ में जमील कुरेशी ने निर्दलीय मकसूद को 20-11 से हराया. भाजपा की कंचन को मात्र तीन वोट मिले और एक मत निरस्त हो गया. दोनों जगहों पर कांग्रेस के उपाध्यक्ष बनने पर विधायक हाकम अली का कहना है कि फतेहपुर में पालिकाध्यक्ष के चुनाव में 31 मत मिले थे और उपाध्यक्ष चुनाव में 36 मत मिले हैं. ऐसे में साबित होता है कि कांग्रेस के प्रति लोगों का जुड़ाव बढ़ा और पार्टी पर विश्वास जताया है.
भाजपा प्रत्याशी ने लगाये निर्वाचन अधिकारी पर पक्षपात के आरोप
जब मतदान चल रहा था तब भाजपा के सचिन सैनी मतदान कक्ष से बाहर आ गए और घर जाने लगे. उन्होंने निर्वाचन अधिकारी पर पक्षपात के गंभीर आरोप लगाए. सचिन सैनी का कहना था कि कांग्रेस के सुमित सेन ने अपना मत प्रत्याशी निकिता रिणवां को दिखाया जिसका उन्होंने विरोध किया और निर्वाचन अधिकारी के समक्ष अपनी नाराजगी जताते हुए वोट को निरस्त करने की मांग की. प्रत्याशी सचिन सैनी का आरोप था कि निर्वाचन अधिकारी ने कुछ नहीं किया. जिस पर वे मतदान कक्ष से बाहर आ गए और अपनी मोटरसाइकिल से जाने लगे तो पुलिस उपाधीक्षक राजेश विधार्थी, शहर कोतवाल उदय सिंह उन्हें समझा बुझा कर वापिस लाए.