सीकर. राजस्थान के सीकर व झुंझुनू में सिंचाई और पेयजल को लेकर राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने नहर की मांग की है. सांसद ने कहा कि सिंचाई व पेयजल शेखावाटी की बहुत बड़ी समस्या है, जिसका त्वरित प्रयास से निराकरण जरूरी है. उन्होंने ये बातें रविवार को पत्रकारों से रूबरू होने के दौरान कही. तिवाड़ी ने कहा कि देश के लिए सीकर और झुंझुनू से 1288 जवान शहीद हो चुके हैं, बावजूद इसके, इस क्षेत्र के लोग आज भी नहर के पानी को तरस रहे हैं.
सांसद ने बताया कि सिंचाई और पेयजल के लिए अथक प्रयास के बाद सीकर में सूचला शेखावाटी संस्था का पंजीकरण किया गया है, जिसकी कार्यकारिणी भी बन गई है. उन्होंने कहा कि ये संस्था गैर राजनीतिक है, जो पर्यावरण, जल संरक्षण और जल बचत के क्षेत्र में कार्य करेगी.
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सांसद ने कहा कि वो इस संस्था में शामिल नहीं है, बावजूद इसके वो सहयोग करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि शेखावाटी क्षेत्र के कुल 24 उपकरणों में से अधिकांश डार्क जोन में हैं. यही वजह है कि यहां निरंतर भू-जल का स्तर गिर रहा है. पानी की कमी और वर्षा जल की सामान्य परिस्थितियों के कारण भू-जल रिचार्ज नहीं हो पा रहा है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि वो इस क्षेत्र के लिए सिंचाई और पेयजल की आपूर्ति के लिए आवश्यक कदम उठाए.
राज्यसभा में भी उठा चुके हैं समस्या - राज्यसभा सांसद तिवाड़ी ने राज्यसभा में 23 दिसंबर, 2022 को कहा था कि शेखावाटी क्षेत्र वीरों, किसान आंदोलन और शिक्षा के लिए जाना जाता है. आजादी के बाद जितने भी युद्ध हुए उनमें शेखावाटी के जवानों ने अपनी शहादत देकर देश की रक्षा की है. शेखावाटी क्षेत्र के औद्योगिक घरानों ने औद्योगिक क्रांति के लिए कार्य किए. इसी शेखावाटी क्षेत्र के भामाशाहों ने शिक्षा की अलख जगाई है. जिसमें आजादी के बाद आमजन ने भागीदारी बनाकर संपूर्ण साक्षरता वाले शिक्षित जिलों व किसानों ने नवाचार अपनाकर श्वेत क्रांति और हरित क्रांति में अमूल्य योगदान दिया है
वर्तमान में राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में चंबल व राजस्थान केनाल से सिंचाई की जा रही है. ऐसे में पूरी राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट में शेखावाटी के सीकर और झुंझुनू में सिंचाई और पेयजल की किल्लत हो गई है. कुछ साल पहले केंद्रीय जल आयोग ने शेखावाटी के लिए गंगा और यमुना नदी के फ्लड वाटर से पानी देने की संभावना जाहिर की थी, जिस पर आज तक कोई काम नहीं हो सका है. ऐसे में आज भी यहां तस की जस स्थिति बनी हुई है.