सीकर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार को सीकर में महंगाई राहत कैंप का जायजा लेने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने बहुचर्चित संजीवनी को-ऑपरेटिव घोटाले को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि बहुत ही बेशर्म और ढीठ इंसान है, जो खुद करोड़ों रुपए के घोटाले में संलिप्त है, लेकिन इसके बावजूद भी नैतिकता के नाते पद नहीं छोड़ रहा है.
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया कि वह इस घोटाले को गंभीरता से लें और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को तत्काल बर्खास्त करें. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीकर के महंगाई राहत कैंप के दौरान जनता को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि 953 करोड़ रुपए के संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले में गजेंद्र सिंह शेखावत, उनके पिता, पत्नी, साला और साले की पत्नी संलिप्त हैं. अब तक की जांच में स्पष्ट हो चुका है कि संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले में 1.47 लाख निवेशकों के 953 करोड़ रुपए हड़पे गए हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि विशेषकर कंपनी ने फर्जी कंपनियां बनाकर 11 करोड़ का लोन बांट दिया, जबकि जांच में 55 हजार निवेशक बोगस पाए गए हैं. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री की ओर से मुख्यमंत्री गहलोत की तुलना रावण से किए जाने पर सीएम ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि हम तो रावण ही सही, लेकिन आप तो राम बनकर दिखाओ. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता सब जान रही है कि रावण कौन है और राम की भक्ति कौन कर रहा है. बता दें कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सीकर में ही मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से 3 घंटे पहले कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए जन आक्रोश सभा आयोजित की. इसमें केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री की तुलना रावण से की थी.