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सीकरः खण्डेलवाल परिवार ने पेश की मिसाल, बेटे नहीं बेटी के जन्म पर किया कुआं पूजन - खण्डेला में अनूठी पहल

आजकल देश में जहां कई जगहों पर कन्या भ्रूण हत्या, बेटियों के साथ भेदभाव और दहेज के लिए बेटियों की हत्या जैसी घटनाओं को देखा जाता है, वहीं सीकर जिले के खण्डेला कस्बे में एक परिवार ने बेटी के जन्म पर एक अनूठी पहल की है.

birth of daughter in sikar, खण्डेला में अनूठी पहल
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Published : Aug 11, 2019, 11:29 PM IST

खण्डेला (सीकर). बेटी के जन्म पर सीकर के खण्डेला कस्बे में एक अनूठी पहल देखने को मिली है. जहां एक परिवार ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान को बढ़ावा देते हुए कुआं पूजन सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित कर धूमधाम से बेटी के जन्मोत्सव को मनाया.

सीकर में बेटी के जन्म पर पेश की मिसाल

दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों में जहां अक्सर देखा जाता है कि बेटे के जन्म पर ही परिवार में कुआं पूजन सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. वहीं खण्डेलवाल परिवार ने एक अनोखी मिसाल पेश करते हुए बेटी बचाओ अभियान के तहत बेटी के जन्म पर कुआं पूजन सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित किए. बेटी के जन्म को परिवार ने अन्य लोगों के साथ धूमधाम से मनाया.

पढ़ें: कांग्रेस की डेढ़ महीने से नौटंकी चल रही थी, गांधी परिवार से अध्यक्ष बनना तय था: कैलाश विजयवर्गीय

बेटी के पिता अनिल कुमार ने बताया कि बेटियों को लेकर अनेक घटनाएं उनके सामने आई हैं. जिनको देखकर लगता था बेटियों के साथ बहुत गलत हो रहा है और बदलाव की जरूरत है. बेटियों की हत्या की जा रही है, दहेज हत्याएं जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं. ऐसे में वे इन घटनाओं को लेकर लोगों को जागरूक करने की कोशिश करते थे कि ये सब गलत है.

आज उनके घर पर ही बेटी का जन्म हुआ तो बेटे के समान ही उसके जन्म को धूमधाम से मनाया. साथ ही कहा कि पुत्र एक परिवार का नाम रोशन करता है जबकि बेटियां दो दो परिवार का नाम रोशन करती हैं. लोगों को बेटा-बेटी में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए. इसी सोच के आधार पर बेटी के जन्म कार्यक्रम आयोजित किया है. वह अपनी बेटी को बेटे के समान शिक्षा सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाएंगे.

खण्डेला (सीकर). बेटी के जन्म पर सीकर के खण्डेला कस्बे में एक अनूठी पहल देखने को मिली है. जहां एक परिवार ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान को बढ़ावा देते हुए कुआं पूजन सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित कर धूमधाम से बेटी के जन्मोत्सव को मनाया.

सीकर में बेटी के जन्म पर पेश की मिसाल

दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों में जहां अक्सर देखा जाता है कि बेटे के जन्म पर ही परिवार में कुआं पूजन सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. वहीं खण्डेलवाल परिवार ने एक अनोखी मिसाल पेश करते हुए बेटी बचाओ अभियान के तहत बेटी के जन्म पर कुआं पूजन सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित किए. बेटी के जन्म को परिवार ने अन्य लोगों के साथ धूमधाम से मनाया.

पढ़ें: कांग्रेस की डेढ़ महीने से नौटंकी चल रही थी, गांधी परिवार से अध्यक्ष बनना तय था: कैलाश विजयवर्गीय

बेटी के पिता अनिल कुमार ने बताया कि बेटियों को लेकर अनेक घटनाएं उनके सामने आई हैं. जिनको देखकर लगता था बेटियों के साथ बहुत गलत हो रहा है और बदलाव की जरूरत है. बेटियों की हत्या की जा रही है, दहेज हत्याएं जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं. ऐसे में वे इन घटनाओं को लेकर लोगों को जागरूक करने की कोशिश करते थे कि ये सब गलत है.

आज उनके घर पर ही बेटी का जन्म हुआ तो बेटे के समान ही उसके जन्म को धूमधाम से मनाया. साथ ही कहा कि पुत्र एक परिवार का नाम रोशन करता है जबकि बेटियां दो दो परिवार का नाम रोशन करती हैं. लोगों को बेटा-बेटी में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए. इसी सोच के आधार पर बेटी के जन्म कार्यक्रम आयोजित किया है. वह अपनी बेटी को बेटे के समान शिक्षा सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाएंगे.

Intro:खण्डेला (सीकर)
पुत्री के जन्म पर कुआँ पूजन सहित अन्य कार्यक्रम
कस्बे में पुत्री के जन्म पर कार्यक्रम कर बेटी बचाओ अभियान को बढ़ावा
पुत्र के जन्म पर ही कुआँ पूजन जैसे कार्यक्रम होते हैं आयोजित
एक अच्छी पहलBody:जहाँ पर कन्या भ्रूण हत्या, बेटियों के साथ भेदभाव, पुत्री जन्म पर द्वेषता दहेज के लिए जहाँ बेटियों की हत्या जैसी धटनाओं को देखा जाता है वही सीकर जिले के खण्डेला कस्बे में एक परिवार ने पुत्री के जन्म पर कुआँ पूजन सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित कर धूमधाम से पुत्री के जन्मोत्सव को मनाया।ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ अक्सर देखा जाता है की पुत्र के जन्म पर ही परिवार में कुआं पूजन सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं वही खण्डेलवाल परिवार ने एक अनोखी मिसाल पेश करते हुए बेटी बचाओ अभियान के तहत पुत्री के जन्म पर कुआँ पूजन सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित किए ।पुत्री के जन्म को परिवार और अन्य लोगो के साथ धूमधाम से मनाया गया। पूर्व पत्रकार अनिल कुमार खंडेलवाल ने बताया कि जब पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करते थे तो बेटियों को लेकर अनेक घटनाएं उनके सामने आती थी जिनको देखकर लगता था बेटियों के साथ बहुत गलत हो रहा है बदलाव की जरूरत है बेटियों की हत्या की जा रही है दहेज हत्याए जैसी घटनाएं बढ़ रही है तो पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए बेटियों के लिए लोगो को प्रेरित भी करते थे। आज उनके घर पर ही पुत्री का जन्म हुआ तो पुत्र के समान ही पुत्री के जन्म को धूमधाम से मनाया साथ ही कहा कि पुत्र एक परिवार का नाम रोशन करता है जबकि बेटियां दो दो परिवार का नाम रोशन करती है। लोगों को पुत्र पुत्री में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए इसी सोच के आधार पर पुत्री के जन्म कार्यक्रम आयोजित किया है। पुत्र पुत्री में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करते और उनके लिए पुत्र पुत्री एक समान है वह अपनी पुत्री को पुत्र के समान शिक्षा सहित अन्य सुविधाओं को उपलब्ध करवाएंगे।
बाईट हिना शर्मा पुत्री की माता
बाईट अनिल कुमार पुत्री के पिताConclusion:खण्डेला (सीकर)
पुत्री के जन्म पर कुआँ पूजन सहित अन्य कार्यक्रम
कस्बे में पुत्री के जन्म पर कार्यक्रम कर बेटी बचाओ अभियान को बढ़ावा
पुत्र के जन्म पर ही कुआँ पूजन जैसे कार्यक्रम होते हैं आयोजित
एक अच्छी पहल
बेटा बेटी एक समान मानने का संदेश
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