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राजनीतिक नियुक्तियों में 'लालबत्ती' दर्जे की ख्वाहिश, जयपुर-दिल्ली तक दौड़-भाग जारी - सीकर कांग्रेस

लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब कांग्रेस सरकार की ओर से की जाने वाली राजनीतिक नियुक्तियां को लेकर सीकर जिले से कांग्रेस नेताओं ने लॉबिंग शुरू कर दी है. इतना ही नहीं वे जयपुर-दिल्ली तक दौड़-भाग कर अपने स्तर पर प्रयास करने में भी जुट गए हैं.

राजनीतिक नियुक्तियों के लिए अभी से ही लॉबिंग शुरू
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Published : Jun 13, 2019, 7:47 PM IST

सीकर. देशभर में भले ही नेताओं के लिए अब लाल बत्ती चलन में ना हो लेकिन नेताओं के लिए राजनीतिक नियुक्तियों में मंत्री का दर्जा मिलने को आज भी लालबत्ती मिलना ही कहा जाता है. अगले कुछ समय में प्रदेश की कांग्रेस सरकार में राजनीतिक नियुक्तियां हो सकती हैं. इसे लेकर भले ही सरकार के स्तर पर तैयारियां चल रही हो, लेकिन स्थानीय नेताओं ने इसके लिए दौड़ भाग करनी शुरू कर दी है.

प्रदेश में कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले सीकर जिले के कांग्रेसी नेता हमेशा ही सरकार के समय पावर में रहे हैं. इस बार कांग्रेस सरकार के शासन में सीकर के बड़े नेताओं को तवज्जो नहीं मिल पाई, लेकिन अब माना जा रहा है कि जल्द ही कई नेताओं को लाल बत्ती से नवाजा जा सकता है.

कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के दबदबे के चलते पिछली कांग्रेस सरकार में सीकर जिले में चार लोगों को कैबिनेट मंत्री या उनके समकक्ष दर्जा हासिल था. श्रीमाधोपुर विधायक दीपेंद्रसिंह शेखावत विधानसभा अध्यक्ष थे तो सीकर विधायक राजेंद्र पारीक उद्योग और आबकारी मंत्री थे.

वहीं कांग्रेस पूर्व प्रदेशाध्यक्ष चौधरी नारायण सिंह को किसान आयोग का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट का दर्जा दिया गया था तो वहीं एससी वर्ग के बड़े नेता परसराम मोरदिया को आवासन मंडल का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री के समकक्ष दर्जा दिया गया था. इस बार मौजूदा सरकार में सीकर के इन बड़े नेताओं को सत्ता में भागीदारी नहीं मिल पाई है.

राजनीतिक नियुक्तियों के लिए अभी से ही लॉबिंग शुरू

मौजूदा सरकार के मंत्रिमंडल में केवल गोविंद सिंह डोटासरा को ही शिक्षा मंत्री बनाया गया है. उनके अलावा सीकर जिले से किसी भी नेता को मंत्रिमंडल में नहीं लिया गया. अब माना जा रहा है कि कांग्रेस सरकार अगले महीने तक राजनीतिक नियुक्तियां कर सकती है. इसके लिए अभी से ही कांग्रेस के बड़े नेताओं ने लॉबिंग शुरू कर दी है.

सीकर जिले की बात की जाए तो यहां से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत, पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौधरी नारायण सिंह, परसराम मोरदिया, राजेंद्र पारीक और पीएस जाट राजनीतिक नियुक्तियों की दौड़ में है. इनके अलावा महादेव सिंह खंडेला का नाम भी सामने आ रहा है.

कौन, किस गुट में, किस वजह से मिल सकती हैं नियुक्ति

सीकर जिले की बात की जाए तो नारायण सिंह और दीपेंद्र सिंह शेखावत सचिन पायलट के खास लोगों की सूची में है तो वहीं परसराम मोरदिया, महादेव सिंह खंडेला और राजेंद्र पारीक अशोक गहलोत के खास माने जाते हैं. अपने-अपने खेमे के नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों के लिए अभी से लॉबिंग होने लगी है. जानकारी अनुसार कुछ दिन पहले एक नेता ने तो मुख्यमंत्री को पत्र लिखा. इसके अलावा एक वरिष्ठ नेता ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट से भी मुलाकात की थी.

सीकर. देशभर में भले ही नेताओं के लिए अब लाल बत्ती चलन में ना हो लेकिन नेताओं के लिए राजनीतिक नियुक्तियों में मंत्री का दर्जा मिलने को आज भी लालबत्ती मिलना ही कहा जाता है. अगले कुछ समय में प्रदेश की कांग्रेस सरकार में राजनीतिक नियुक्तियां हो सकती हैं. इसे लेकर भले ही सरकार के स्तर पर तैयारियां चल रही हो, लेकिन स्थानीय नेताओं ने इसके लिए दौड़ भाग करनी शुरू कर दी है.

प्रदेश में कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले सीकर जिले के कांग्रेसी नेता हमेशा ही सरकार के समय पावर में रहे हैं. इस बार कांग्रेस सरकार के शासन में सीकर के बड़े नेताओं को तवज्जो नहीं मिल पाई, लेकिन अब माना जा रहा है कि जल्द ही कई नेताओं को लाल बत्ती से नवाजा जा सकता है.

कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के दबदबे के चलते पिछली कांग्रेस सरकार में सीकर जिले में चार लोगों को कैबिनेट मंत्री या उनके समकक्ष दर्जा हासिल था. श्रीमाधोपुर विधायक दीपेंद्रसिंह शेखावत विधानसभा अध्यक्ष थे तो सीकर विधायक राजेंद्र पारीक उद्योग और आबकारी मंत्री थे.

वहीं कांग्रेस पूर्व प्रदेशाध्यक्ष चौधरी नारायण सिंह को किसान आयोग का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट का दर्जा दिया गया था तो वहीं एससी वर्ग के बड़े नेता परसराम मोरदिया को आवासन मंडल का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री के समकक्ष दर्जा दिया गया था. इस बार मौजूदा सरकार में सीकर के इन बड़े नेताओं को सत्ता में भागीदारी नहीं मिल पाई है.

राजनीतिक नियुक्तियों के लिए अभी से ही लॉबिंग शुरू

मौजूदा सरकार के मंत्रिमंडल में केवल गोविंद सिंह डोटासरा को ही शिक्षा मंत्री बनाया गया है. उनके अलावा सीकर जिले से किसी भी नेता को मंत्रिमंडल में नहीं लिया गया. अब माना जा रहा है कि कांग्रेस सरकार अगले महीने तक राजनीतिक नियुक्तियां कर सकती है. इसके लिए अभी से ही कांग्रेस के बड़े नेताओं ने लॉबिंग शुरू कर दी है.

सीकर जिले की बात की जाए तो यहां से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत, पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौधरी नारायण सिंह, परसराम मोरदिया, राजेंद्र पारीक और पीएस जाट राजनीतिक नियुक्तियों की दौड़ में है. इनके अलावा महादेव सिंह खंडेला का नाम भी सामने आ रहा है.

कौन, किस गुट में, किस वजह से मिल सकती हैं नियुक्ति

सीकर जिले की बात की जाए तो नारायण सिंह और दीपेंद्र सिंह शेखावत सचिन पायलट के खास लोगों की सूची में है तो वहीं परसराम मोरदिया, महादेव सिंह खंडेला और राजेंद्र पारीक अशोक गहलोत के खास माने जाते हैं. अपने-अपने खेमे के नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों के लिए अभी से लॉबिंग होने लगी है. जानकारी अनुसार कुछ दिन पहले एक नेता ने तो मुख्यमंत्री को पत्र लिखा. इसके अलावा एक वरिष्ठ नेता ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट से भी मुलाकात की थी.

Intro:सीकर देशभर में भले ही लालबत्ती पर प्रतिबंध लगा हो लेकिन नेताओं के लिए राजनीतिक नियुक्ति मंत्री का दर्जा मिलने को आज भी लालबत्ती ही कहा जाता है। अगले कुछ समय में प्रदेश की कांग्रेस सरकार में राजनीतिक नियुक्तियां हो सकती हैं इसको लेकर भले ही सरकार के स्तर पर तैयारियां चल रही हो लेकिन स्थानीय नेताओं ने इसके लिए दौड़ भाग करना शुरू कर दिया है। प्रदेश में कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले सीकर जिले के कांग्रेसी नेता हमेशा ही सरकार के समय पावर में रहे हैं। इस बार कांग्रेस सरकार में सीकर के बड़े नेताओं को तवज्जो नहीं मिल पाई लेकिन अब माना जा रहा है कि जल्द ही कई नेताओं लाल बत्ती से नवाजा जा सकता है।


Body:कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के दबदबे के चलते पिछली कांग्रेस सरकार में सीकर जिले में चार लोगों को कैबिनेट का दर्जा हासिल था। श्रीमाधोपुर विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत विधानसभा अध्यक्ष थे तो सीकर विधायक राजेंद्र पारीक उद्योग और आबकारी मंत्री थे। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष चौधरी नारायण सिंह को किसान आयोग का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट का दर्जा दिया गया था तो वहीं एससी वर्ग के बड़े नेता परसराम मोरदिया आवासन मंडल का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट का दर्जा दिया गया था। लेकिन मौजूदा सरकार में सीकर के इन बड़े नेताओं को राज में भागीदारी नहीं मिल पाई। मौजूदा सरकार के मंत्रिमंडल में केवल गोविंद सिंह डोटासरा को ही शिक्षा मंत्री बनाया गया है उनके अलावा सीकर जिले से किसी भी नेता को मंत्रिमंडल में नहीं लिया गया था। अब माना जा रहा है कि कांग्रेस सरकार अगले महीने तक राजनीतिक नियुक्तियां कर सकती है इसके लिए अभी से कांग्रेस के बड़े नेताओं ने लॉबिंग शुरू कर दी है। सीकर जिले की बात की जाए तो पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत पूर्व प्रदेशाध्यक्ष चौधरी नारायण सिंह परसराम मोरदिया राजेंद्र पारीक और पी एस जाट राजनीतिक नियुक्तियों की दौड़ में है। इनके अलावा महादेव सिंह खंडेला का नाम भी सामने आता है। कौन किस गुट में किस वजह से मिल सकते हैं नियुक्ति सीकर जिले की बात की जाए तो नारायण सिंह और दीपेंद्र सिंह शेखावत सचिन पायलट के खास लोगों की सूची में है तो वही परसराम मोरदिया महादेव सिंह खंडेला और राजेंद्र पारीक अशोक गहलोत खास माने जाते हैं। अपने अपने खेमे के नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों के लिए अभी से लॉबिंग होने लगी है। कुछ दिन पहले एक नेता ने तो मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इसके अलावा एक वरिष्ठ नेता ने प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट से भी मुलाकात की थी। नोट: पीटीसी अटेच कर दी है , सादर


Conclusion:
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