फतेहपुर (सीकर). भाजपा पार्षद और रामगढ़ थानाधिकारी के वायरल ऑडियो मामले में जिला पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई करते हुए फतेहपुर पुलिस उपाधीक्षक राजेश विद्यार्थी को जांच सौंपी है. इस मामले में पुलिस उपाधीक्षक राजेश विद्यार्थी का कहना है कि तेलंगाना पुलिस 22 जनवरी को पार्षद मकसूद से एक परिवाद के संबंध में जांच करने के लिए रामगढ़ आई थी. जिसमें पुलिस द्वारा इमदाद मांगी गई थी. उस वक्त चुनाव का माहौल होने के कारण मकसूद को वार्ड में केलों एवं मिठाई से तोला जा रहा था.
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ऐसे में पुलिस की भनक लगते ही मकसूद भाग गया था. चुनाव का माहौल होने के कारण उससे पूछताछ नहीं हो पाई थी. ऐसे रामगढ़ थानाधिकारी ने थाने में आकर मिलने के बारे में कहा. मकसूद के खिलाफ तेलंगाना में धोखाधड़ी व इमिग्रेशन एक्ट में मुकदमा दर्ज है. उसी के सिलसिले में तेलंगाना पुलिस रामगढ़ आई थी. वहीं एमएलए से माफी मामले में उन्होंने कहा कि मकसूद द्वारा एक मार्च को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बाहर धरना दिया जा रहा था.
उसमें मुख्यमंत्री, चिकित्सा मंत्री और एमएलए के पुतले जलाए गये थे और सोशल मीडिया पर मकसूद द्वारा एमएलए के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया था तो थानाधिकारी ने मकसूद को एमएलए से माफी मांगने के लिए कहा था. ऑडियो में मकसूद द्वारा तेलंगाना पुलिस को दो लाख रुपए दिये जाने के मामले में विद्यार्थी ने कहा कि इस संबंध में जांच की जा रही है. जांच के बाद ही क्लीयर हो पाएगा.
बता दें कि रामगढ़ थानाधिकारी उमाशंकर ने पार्षद मकसूद को कहा गया था कि एमएलए से माफी मांग लो वरना तेलंगाना पुलिस ले जाएगी. वहीं पार्षद मकसूद ने कहा कि धरने से पॉपुलर हो जाऊंगा और चारों तरफ से माल आने लग जाएगा. तेलंगाना पुलिस क्या करेगी उसे तो दो लाख रुपए दे दिये हैं. थानाधिकारी के छुट्टी पर चले जाने के चलते मामले में जांच आगे नहीं बढ़ पाई.