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Special : शिक्षिका ने बदली स्कूल की तस्वीर, 3 साल में वेतन का 90 फीसदी विद्यालय पर खर्च कर किया कायापलट

समाज दो तरह के लोगों से चलता है. एक तो वे जो समाज में फैली अव्यवस्थाओं की आलोचना करते हैं और दूसरे वे जो उन अव्यवस्थाओं को ठीक करने का बीड़ा उठाते हैं. इन्हीं में से एक हैं कर्मठ शिक्षिका अनीता चौधरी, जिन्होंने सीकर जिले की धोद पंचायत समिति स्थित माजीपुरा गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की तस्वीर ही बदल दी है. अपने वेतन का 90 फीसदी पैसा वह स्कूल पर ही खर्च कर देती हैं, जिससे आज यह विद्यालय एक नजीर बनता जा रहा है. पेश है खास रिपोर्ट...

शिक्षिका अनीता चौधरी, Dhod Panchayat Committee sikar
शिक्षिका ने किया स्कूल का कायापलट
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Published : Dec 4, 2020, 10:43 PM IST

सीकर. प्रदेश के सरकारी स्कूलों की हालत किसी से छिपी नहीं है. खास तौर पर दूरदराज के गांव में बने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में सुविधाओं टोटा रहता है. काफी स्कूल तो ऐसे हैं जहां बच्चों की बैठने की व्यवस्था ठीक नहीं है, पीने के पानी का भी कोई इंतजाम नहीं रहता है. मौजूदा दौर में सरकारी स्कूलों में असुविधाओं की वजह से ही बच्चों का दाखिला कम हो रहा है.

राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय दी नई जिंदगी...

लोग भी सरकारी स्कूलों बच्चों को पढ़ाना नहीं चाह रहे हैं. ऐसे में सीकर का एक सरकारी स्कूल नजीर बन रहा है. इस स्कूल को नजीर बनाने में सबसे बड़ा योगदान है यहां की एक कर्मठ शिक्षिका का, जिसने अपने वेतन के पैसों से यहां तमाम व्यवस्थाएं ही बढ़ाकर स्कूल की काया पलट कर दी.

हम बात कर रहे हैं सीकर जिले की धोद पंचायत समिति में स्थित माजीपुरा गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की. कुछ साल पहले की बात करें तो स्कूल में सुविधाओं का अभाव था और हालात ये थे कि स्कूल बंद होने के कगार पर था.

Government Upper Primary School, Majipura
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, माजीपुरा...

यह भी पढ़ें: SPECIAL: साल 2021 में महात्मा गांधी की जयंती पर अजमेर वासियों को मिलेगी आधुनिक गांधी उद्यान की सौगात

एक बार तो अव्यवस्था पर नाराज ग्रामीणों ने स्कूल में तालाबंदी भी कर दी थी. काफी संघर्ष के बाद स्कूल उच्च प्राथमिक स्तर पर क्रमोन्नत हुआ और नवनियुक्त शिक्षिका अनीता चौधरी को यहां पर भेजा गया. अनीता के मुताबिक उन्होंने पहले दिन ही ठान लिया था कि वह इस स्कूल का कायापलट करेंगी और बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार लाने का पूरा प्रयास करेंगी.

Changed picture of upper primary school
उच्च प्राथमिक विद्यालय की बदली तस्वीर...

स्कूल में जॉइनिंग के तुरंत बाद से ही अनीता ने अपने वेतन का लगभग 90% हिस्सा स्कूल पर ही खर्च करना शुरू कर दिया था. स्कूल में बच्चों के लिए फर्नीचर, पीने के पानी की व्यवस्था और प्रार्थना स्थल के लिए बड़ा टीन शेड लगवाया. पिछले 3 साल में अनीता इस स्कूल में खुद के वेतन का लगभग 7 लाख रुपए खर्च कर चुकी हैं. बताती हैं कि अपने वेतन से केवल इतना ही पैसा अपने पास रखती हैं जिससे उनके आने-जाने का खर्च निकल जाए, बाकी पैसे स्कूल के विकास में लगा दे रही है.

यह भी पढ़ें: Special: Digital हो रही Rajasthan Police, थानों का कामकाज हुआ आसान, आमजन को भी मिल रही राहत

पैसे के साथ-साथ शिक्षा पर भी दिया पूरा ध्यान...

स्कूल के प्रधानाध्यापक बताते हैं कि शिक्षिका अनीता चौधरी ने न केवल स्कूल की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए पैसा खर्च किया बल्कि शिक्षा पर भी पूरा ध्यान दिया. बच्चों के लिए एक्स्ट्रा क्लास की व्यवस्था शुरू की. इसके साथ-साथ बच्चों के सर्वांगींण विकास के लिए अन्य एक्टीविटीज के लिए भी काम किया. पिछले साल स्कूल के 11 बच्चों को लैपटॉप भी मिले थे.

स्टाफ का भी मिला सहयोग...

शिक्षिका अनीता चौधरी बताती हैं कि उनके स्कूल के पूरे स्टाफ ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया है. स्कूल के सभी शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के लिए हमेशा गंंभीर रहे. रोजाना समय पर सभी शिक्षक आते हैं जिससे बच्चों को भी अब स्कूल आना अच्छा लगने लगा है.

विद्यालय की कर्णधार बनी शिक्षिका ...

  • धोद पंचायत समिति में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय तैनात हैं शिक्षिका अनीता चौधरी
  • 19 जून 2017 को शिक्षिका ने की थी ज्वाइनिंग
  • वेतन का लगभग 90% हिस्सा स्कूल पर ही कर देती हैं खर्च
  • खुद के पैसों से स्कूल के लिए बनवाया फर्नीचर, प्याऊ, बागीचा आदि
  • तीन साल में वेतन का 7 लाख से अधिक खर्च कर चुकी हैं.
  • स्कूल में शिक्षा का स्तर सुधारने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका.

सीकर. प्रदेश के सरकारी स्कूलों की हालत किसी से छिपी नहीं है. खास तौर पर दूरदराज के गांव में बने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में सुविधाओं टोटा रहता है. काफी स्कूल तो ऐसे हैं जहां बच्चों की बैठने की व्यवस्था ठीक नहीं है, पीने के पानी का भी कोई इंतजाम नहीं रहता है. मौजूदा दौर में सरकारी स्कूलों में असुविधाओं की वजह से ही बच्चों का दाखिला कम हो रहा है.

राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय दी नई जिंदगी...

लोग भी सरकारी स्कूलों बच्चों को पढ़ाना नहीं चाह रहे हैं. ऐसे में सीकर का एक सरकारी स्कूल नजीर बन रहा है. इस स्कूल को नजीर बनाने में सबसे बड़ा योगदान है यहां की एक कर्मठ शिक्षिका का, जिसने अपने वेतन के पैसों से यहां तमाम व्यवस्थाएं ही बढ़ाकर स्कूल की काया पलट कर दी.

हम बात कर रहे हैं सीकर जिले की धोद पंचायत समिति में स्थित माजीपुरा गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की. कुछ साल पहले की बात करें तो स्कूल में सुविधाओं का अभाव था और हालात ये थे कि स्कूल बंद होने के कगार पर था.

Government Upper Primary School, Majipura
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, माजीपुरा...

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एक बार तो अव्यवस्था पर नाराज ग्रामीणों ने स्कूल में तालाबंदी भी कर दी थी. काफी संघर्ष के बाद स्कूल उच्च प्राथमिक स्तर पर क्रमोन्नत हुआ और नवनियुक्त शिक्षिका अनीता चौधरी को यहां पर भेजा गया. अनीता के मुताबिक उन्होंने पहले दिन ही ठान लिया था कि वह इस स्कूल का कायापलट करेंगी और बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार लाने का पूरा प्रयास करेंगी.

Changed picture of upper primary school
उच्च प्राथमिक विद्यालय की बदली तस्वीर...

स्कूल में जॉइनिंग के तुरंत बाद से ही अनीता ने अपने वेतन का लगभग 90% हिस्सा स्कूल पर ही खर्च करना शुरू कर दिया था. स्कूल में बच्चों के लिए फर्नीचर, पीने के पानी की व्यवस्था और प्रार्थना स्थल के लिए बड़ा टीन शेड लगवाया. पिछले 3 साल में अनीता इस स्कूल में खुद के वेतन का लगभग 7 लाख रुपए खर्च कर चुकी हैं. बताती हैं कि अपने वेतन से केवल इतना ही पैसा अपने पास रखती हैं जिससे उनके आने-जाने का खर्च निकल जाए, बाकी पैसे स्कूल के विकास में लगा दे रही है.

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पैसे के साथ-साथ शिक्षा पर भी दिया पूरा ध्यान...

स्कूल के प्रधानाध्यापक बताते हैं कि शिक्षिका अनीता चौधरी ने न केवल स्कूल की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए पैसा खर्च किया बल्कि शिक्षा पर भी पूरा ध्यान दिया. बच्चों के लिए एक्स्ट्रा क्लास की व्यवस्था शुरू की. इसके साथ-साथ बच्चों के सर्वांगींण विकास के लिए अन्य एक्टीविटीज के लिए भी काम किया. पिछले साल स्कूल के 11 बच्चों को लैपटॉप भी मिले थे.

स्टाफ का भी मिला सहयोग...

शिक्षिका अनीता चौधरी बताती हैं कि उनके स्कूल के पूरे स्टाफ ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया है. स्कूल के सभी शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के लिए हमेशा गंंभीर रहे. रोजाना समय पर सभी शिक्षक आते हैं जिससे बच्चों को भी अब स्कूल आना अच्छा लगने लगा है.

विद्यालय की कर्णधार बनी शिक्षिका ...

  • धोद पंचायत समिति में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय तैनात हैं शिक्षिका अनीता चौधरी
  • 19 जून 2017 को शिक्षिका ने की थी ज्वाइनिंग
  • वेतन का लगभग 90% हिस्सा स्कूल पर ही कर देती हैं खर्च
  • खुद के पैसों से स्कूल के लिए बनवाया फर्नीचर, प्याऊ, बागीचा आदि
  • तीन साल में वेतन का 7 लाख से अधिक खर्च कर चुकी हैं.
  • स्कूल में शिक्षा का स्तर सुधारने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका.
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