खंडेला (सीकर). खंडेला कस्बे में 35 सालो तक नगरपालिका अध्यक्ष रहने वाले मौलवी अब्दुल हई ( उम्र 104 साल) ने बुधवार देर शाम को अंतिम सांस ली. मौलवी अब्दुल हई का जनाजा गुरुवार को उनके निवास स्थान उसके बाद कावंट रोड स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया. वहीं उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ ने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा दी.
बता दें कि अब्दुल हई 1959 में पार्षद का चुनाव जीतकर उपाध्यक्ष बने थे. उसके बाद लगातार 1995 तक नगरपालिका अध्यक्ष पद पर रहे. बुधवार देर शाम को पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मौलवी अब्दुल हई का देहांत हो गया. मौलवी अब्दुल हई नगर पालिका अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष जमीयत अहले हदीष राजस्थान, ऑल इंडिया पूर्व उपाध्यक्ष जमीयत के पद पर रह चुके हैं.
पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष के राजनीति जीवन की जानकारी देते हुए पूर्व पार्षद सत्तार खा मलकान ने जानकारी देते हुए बताया कि मौलवी अब्दुल हई धार्मिक कार्यों में हमेशा रूचि रखते थे और समाज सुधारक का काम करते थे. राजनीति में हमेशा से ही कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए थे. वे सीकर जिला कांग्रेस कमेटी के जिला उपाध्यक्ष पद पर भी रहे थे. मौलवी साहब जाति भेदभाव बिल्कुल भी नहीं करते थे. हमेशा से ही दोनों समुदाय को साथ लेकर चले हैं.
यह भी पढ़ें. सीकर जिले के फीडबैक में पायलट कैंप के विधायकों ने बंद लिफाफे में दिए अपने सुझाव
पूर्व पार्षद ने कहा कि मौलवी अब्दुल हई साहब की एक बात आज भी याद है. एक बार वार्ड नंबर 4 में एक भी हिंदू वोटर नहीं होने पर भी उन्होंने सुवालाल सैनी को वार्ड पार्षद के रूप में खड़ा कर अच्छे मतों से जीत दिलाकर मिसाल कायम की थी. उनके देहांत पर नगरपालिका में एक दिन का अवकाश घोषित किया गया और कस्बे में दुकानें बंद रखी गई.
व्यापारियों में दिखा असंतोष
पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष के देहांत पर बाजार बंद रखने कि जानकारी महासंघ अध्यक्ष सुरेन्द्र जैन ने बुधवार रात को जानकारी दी थी. उसके बाद सुबह व्यापार महासंघ के पदाधिकारियों कि दुकानें खोलने की फोटो एक दूसरे को भेजी जाने लगी. जिसको लेकर व्यापारियों ने रोष भी दिखाई दिया. उसके बाद कुछ व्यापारियों ने अपने अपने प्रतिष्ठानों को खोल लिया.