श्रीमाधोपुर (सीकर). जिले के श्रीमाधोपुर उपखंड के लिसाड़िया गांव में होली के दिन हाईटेंशन लाइन की चपेट में आए पिता-पुत्र के मामले में परिजनों का प्रदर्शन आखिरकार साढ़े आठ घंटे बाद खत्म हुआ. नायब तहसीलदार नेहा वर्मा के मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपए के मुआवजे के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजने, परिवार को बीपीएल सूची में शामिल कर सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने, घायल बेटे का उपचार करवाने और पत्नी को आंगनबाड़ी में नौकरी लगाने और गांव से हाईटेंशन लाइन हटाने के आश्वासन के बाद परिजनों ने प्रदर्शन खत्म किया.
इससे पहले पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने परिजनों से कई दौर की वार्ता की. लेकिन, शाम तक कोई नतीजा नहीं निकला. सुबह 10 बजे से प्रदर्शन पर बैठे ग्रामीण आखिरकार शाम साढ़े छह बजे मांगें पूरी होने के आश्वासन पर ही उठे.
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ये था मामला
श्रीमाधोपुर के लिसाड़िया गांव में 25 वर्षीय वीरेंद्र वर्मा पिता ओमप्रकाश वर्मा के साथ छत पर सफाई के काम में जुटा था. नाले की सफाई के लिए वीरेन्द्र ने हाथ में सरिया ले रखा था. यही सरिया छत के ऊपर से गुजरती 11 हजार केवी की लाइन को छू गया, जिससे वह करंट की चपेट में आ गया. बेटे को झुलसता देख पिता ओमप्रकाश वर्मा ने उसे बचाने की कोशिश की. जिसके फेर में वह खुद भी घायल हो गया. घटना के बाद दोनों पिता- पुत्र को अजीतगढ़ के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने पिता ओमप्रकाश को मृत घोषित कर दिया. जबकि, बेटे वीरेन्द्र को गंभीर हालत होने पर जयपुर रैफर कर दिया गया. घटना की सूचना पर ग्रामीण भी अजीतगढ़ अस्पताल पहुंच गए. जहां उन्होंने मृतक के परिजनों को मुआवजा देने के अलावा, परिवार को बीपीएल सूची में शामिल करने, बेटे का निशुल्क उपचार करवाने व गांव से हाईटेंशन लाइन हटाने की मांग की.
पिछले साल हुई वीरेन्द्र की शादी
जानकारी के अनुसार, मृतक ओमप्रकाश के चार बेटे व दो बेटी हैं. वह गाड़ी चलाकर परिवार को चला रहा था. घटना में घायल वीरेन्द्र ओमप्रकाश का सबसे छोटा बेटा है. जिसकी पिछले साल ही शादी हुई थी. वह भी पांच महीने की बच्ची का पिता है.