दांतारामगढ़ (सीकर). 25 सितंबर को देशभर में किसानों ने भारत बंद का एलान किया था. किसान पिछले काफी समय से केंद्र सरकार के कृषि बिलों का विरोध कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि सरकार उन कृषि बिलों को वापस ले. इसी के विरोध में किसान संगठनों ने 25 सितंबर को केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. खाटूश्यामजी में भी किसानों ने बिलों का विरोध किया.
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किसानों का कहना था कि एक और तो कोरोना में जहां किसानों की आर्थिक हालात पहले से ही खराब हैं. वहीं, दूसरी ओर सरकार कृषि बिलों के माध्यम से किसानों को बर्बाद करने पर आमादा है. किसानों का आरोप है कि एमएसपी का इन कृषि बिलों में कहीं जिक्र नहीं है. सरकार मल्टीनेशनल कंपनियों के साथ मिलकर किसानों को गुलाम बनाना चाहती है. किसान रामदेव सिंह ने कहा कि लगातार विरोध के बाद भी सरकार ने बिलों को संसद से पास करवा दिया. इससे साफ है कि सरकार को किसानों की कोई परवाह नहीं है.
खंडेला में भी प्रदर्शन
सीकर के खंडेला में अखिल भारतीय किसान सभा तहसील कमेटी ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही उन्होंने उपखंड अधिकारी राकेश कुमार को राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन भी सौंपा. जिसमें उन्होंने कृषि विधेयकों को वापस लेने की मांग की है.