फतेहपुर (सीकर). संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मंगलवार को सीकर के ताजसर गांव में किसानों को संबोधित किया. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अब किसानों की नई मंडी संसद होगी. उन्होंने कहा कि जब मोदी सरकार कह रही है हम एमएसपी पर खरीद कर रहे हैं तो फिर किसान अपनी फसल लेकर संसद पहुंच जाएं. क्योंकि स्थानीय मंडियों में खरीद हो नहीं रही है. इसलिए अब किसानों की मंडी संसद ही होगी.
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राकेश टिकैत ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि हर गांव से किसानों को दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचने की जरूरत है. सरकार कहती थी कि किसानों की आय 2022 में डबल हो जायेगी. अब तक तो नहीं बढ़ पाई है. किसानों को लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी. सरकार इतनी जल्दी मानने वाली नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार आने वाले सालों में किसानों के खिलाफ 50 नए कानून लेकर आने की तैयारी में है. उसके बाद किसानों के पास जमीन भी नहीं बचेगी.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि आज सरकार राम के नाम पर गुमराह कर रही है. राम का सिर्फ भाजपा के पास टेंडर नहीं है. हमारे भी पूर्वज राम हैं. उन्होंने कहा कि राम को सब मानते हैं. आज से नहीं वर्षों से मानते आ रहे हैं. अब तो भाजपा उन्हें चार दीवारी में कैद करने जा रही है. राम मंदिर में नहीं रहता है. राम मन में रहता है. उन्होंने कहा कि किसानों को हर गांव से दस-दस लोगों के समूह में दिल्ली पहुंचना है. जब दूसरी टीम वहां आ जाये उस गांव से तो फिर पहली टीम को वापस आना है.
2013 में बाजरे की एमएसपी को लेकर किया था आंदोलन
ताजसर निवासी रामरतन किसान ने 2013 में राजस्थान में बाजरे की एमएसपी को लेकर आमरण अनशन किया था. अनशन तुड़वाने के लिए महेन्द्र टिकैत आए थे. उसके बाद रामरतन किसान के आग्रह पर मंगलवार को राकेश टिकैत सहित कई नेता उनके गांव आए. मंगलवार को किसानो को उन्हें गांव की मिट्टी लेकर दिल्ली आंदोलन में आने का न्यौता दिया.
2021 के अंत तक होगी वार्ता
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने बातचीत बंद कर दी तो किसानों को भी बातचीत की जरूरत नहीं है. उन्हेांने कहा कि इस वर्ष के अंत तक वार्ताओं के दौर फिर शुरू हो जायेंगे. आंदोलन कब खत्म होगा इस सवाल पर टिकैत ने कहा कि जब सरकार तीनों कानून वापस ले लेगी और एमएसपी की गारंटी का कानून बना देगी तो आंदोलन समाप्त हो जाएगा.