जयपुर. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि छात्रों की परीक्षा हम सबके के लिए चिंता का विषय है. कोरोना वायरस की जब शुरूआत हुई उस वक्त 10वीं और 12वीं की परीक्षा चल रही थी. लेकिन फिर जितनी भी परीक्षाएं रह गईं उन्हें स्थगित करना पड़ा था. अब भी हम ये परिक्षाएं नहीं करा पाए क्योंकि, आज भी यह कोरोना संक्रमण बढ़ ही रहा है घट नहीं रहा है. इस दौरान हमने एक उपाय निकाला, हमारी जो होम-परीक्षाएं थी उन छात्रों को हमने प्रमोट कर दिया. ताकि घर में रहें और सुरक्षित रहें.
मंत्री डोटासरा ने कहा कि इसके अलावा हमने यह भी व्यवस्था की है. जिन बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई है, उन बच्चों को उनके घर रहते हुए ही पढ़ाएं. मामले को लेकर हमने अपने शिक्षा-विभाग के अधिकारियों से चर्चा की है.
सभी तक सुचनाएं और इंफॉर्मेशन पहुंच पाए इसके लिए हमने एक स्माइल प्रोजेक्ट शुरु किया. ह्वाट्सऐप ग्रुप के माध्याम से हमने शिक्षक और छात्रों को जोड़ा और पाठ्यक्रम की सामाग्री उन्हें उपलब्ध कराई जिससे वो घर में ही रहते हुए पढ़ाई कर सकें.
डोटासरा ने कहा कि हमने आकाशवाणी और दूरदर्शन के लिए भी एक पत्र लिखकर हमने प्रयास किया, हमारे प्रयास रंग भी लाए, आकाशवाणी का स्लॉट हमें नि:शुल्क उपलब्ध हो गया. इसके अलावा हम दूरदर्शन के माध्यम से भी बच्चों को पढ़ाएंगे.
कक्षा 1 से 8वीं तक...और 9वीं और 11वीं के विद्यार्थियों को प्रमोट करने के फैसले से अगले साल 10वीं और 12वीं बोर्ड के रिजल्ट प्रभावित होने के सवाल पर शिक्षामंत्री डोटासरा ने कहा कि हमारे लिये यह चैलेंज है. लेकिन फिर भी हम इसके लिए काम कर रहे हैं. डोटासरा ने कहा कि जिन बच्चों को हम प्रमोट कर रहे हैं उनमें से कौन सा बच्चा कमजोर है इसका ध्यान रखते हुए रौडमैप तैयार करके एक कार्य योजना बनाएंगे. जो बच्चा कमजोर है उन पर ध्यान दिया जाएगा जिससे उनकी परीक्षा प्रभावित नहीं हो.
गांवों तक ऑनलाइन शिक्षा:
उन्होंने कहा कि हमारा जो स्माइल ऐप है उसमें 30 हजार से ज्यादा अध्यापक जुड़े हुए हैं जो बच्चों की समस्याओं का समाधान करेंगे. ये शिक्षक गांव के बच्चों को पाठ्यक्रम सामाग्री उपल्बध कराएंगे. इसके अलावा बच्चों के अभिभावकों को व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़कर बच्चों की पढ़ाई कराई गई है. आकाशवाणी के माध्यम से इन बच्चों की पढ़ाई करा रहे हैं. दूरदर्शन से भी हमरा एमओयू हो गया है. एक जून से करीब 3 घंटे क्लास बच्चों को देंगे.
शिक्षा मंत्री ने कहा की इसके आलावा हम इस दिशा में भी काम कर रहे हैं कि जिला, ब्लॉक, पंचायत और गांव स्तर पर हमारा खुद का एजुकेशनल ई-कंटेंट हो हर कक्षा का, जिसके जरिए छात्र पढ़ सकें. उन्होंने कहा कि हमने कुछ अच्छे शिक्षकों से ई-कंटेंट मगा लिया है. हर पाठ्यक्रम को तैयार करने की हम व्यवस्था करेंगे. इसके लिए कुछ बजट की मांग केंद्र सरकार से भी करेंगे. अगर ऐसा संक्रमण कोई और फैल गया या फिर अभी जो हालात है इस परिस्थिति में इस ई-कंटेंट से बच्चों तक शिक्षा पहुंचाएंगे.
ऑनलाइन शिक्षा के लिए शिक्षकों की तैयारी:
डोटासरा ने कहा कि हमने शाला दर्पण पर ई-कंटेंट मांगा लिया है. हर विषय के जो अच्छे शिशक है उनके माध्यम से हमने तीन-तीन मिनट के वीडियो बनवाएं हैं. जहां इनकी जरुरत होगी वहां इनको पहुंचाएंगे. उन्होंने कहा कि जल्द ही हम ऑनलाइन के जरिए ही शिशकों को ट्रेनिंग देंगे. पहले शिक्षकों को ट्रेनिंग देना आसान नहीं था लेकिन अब ऑनलाइन ही हम ट्रनिंग दे सकते हैं. हम ऑनलाइन ही शिशकों को तैयार करेंगे और ये शिशक बच्चों को ऑनलाइन शिशा देंगे. मंत्री ने कहा हम पूरी तरह से तैयार है हमारी सरकार बच्चों के भविष्य को लेकर चिंचित है.
उन्होंने कहा कि दूसरे देशों में शिक्षा को लेकर विशेष ध्यान दिया जाता है. लेकिन हमारे यहां बहुत ज्यादा ऐसी व्यवस्थाएं नहीं है. मंत्री ने कहा कि अगर शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र को बढ़ावा देना है तो मैं प्रधानमंत्री मोदी से कहना चाहूंगा कि जो केंद्र और राज्य सरकार के बीच 60-40 का अनुपात है उसे 90-10 किजिए और राज्यों को मजबूत बनाये. हम जो प्रोजेक्ट लेकर जाएं उन्हें रोकिए नहीं जिससे हमारे बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो ताकि, हमारे बच्चे भी विकसित देशों की तरह आगे बढ़ सके.
डोटासरा ने कहा कि हमारा जो कैलेंडर है उसमें हमने जुलाई से स्कूल खोलने की व्यवस्था की है बांकि वक्त और कोरोना वायरस को लेकर परिस्थिति के हिसाब से फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा ऑनलाइन पढ़ाना बहुत ज्यादा प्रभावी नहीं है, .ये मजबूरी में है ऑनलाइन एजुकेशन. उन्होने कहा कि जब बच्चा स्कूल में जाएगा, अध्यापक से डायरेक्ट इन्ट्रैक्ट करेगा जो समझ नहीं आएगा उसे पूछेगा इसलिए ऑफलाइन शिशा की जरुरत ज्यादा है. उन्होने कहा हम सोशल डिस्टेंसिंग की पालना को ध्यान में रखते हुए स्कूल खोलेंगे, अगर बच्चे ज्यादा होंगे तो दो पारियों में स्कूल चालाएंगे.