सीकर. देश के सबसे बड़े प्याज उत्पादक जिलों में एक सीकर में इस बार प्याज की बंपर आवक हो रही है. प्याज की खुदाई शुरू होते ही इस वक्त मंडी में जगह-जगह प्याज के ढेर लगे हुए हैं. इस बार महाराष्ट्र और नासिक में प्याज की पैदावार कम होने की वजह से और अन्य राज्यों में भी ज्यादा डिमांड होने के कारण सीकर के प्याज का भाव बढ़ गया है. थोक में प्याज पिछले साल से लगभग दोगुने भाव में बिक रहा है. जिसके चलते एक लाख से ज्यादा किसानों को फायदा हो रहा है.
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प्याज की पैदावार में बढ़ोतरी
किसानों को पिछले कई सालों से अच्छे भाव की उम्मीद थी जो इस बार पूरी हो रही है. प्याज की दूसरी जगह पर कम पैदावार होने के चलते और डिमांड में बढ़ोतरी ने सीकर की प्याज के भाव लगभग डबल कर दिए है. सीकर में हर साल 10 से 12 लाख मैट्रिक टन प्याज का उत्पादन होता है. इस बार भी जिल में प्याज की बंपर पैदावार हुई है. अनुमान है कि इस बार का उत्पादन 15 लाख मैट्रिक टन तक जा सकता है. यहां के किसानों को हर बार प्याज का सही भाव नहीं मिलने की शिकायत रहती थी. जो इस बार दूर होती दिख रही है.
प्याज के भाव हुए डबल
पिछले साल थोक में प्याज 5 से 8 रुपए किलो बिक रहा था. लेकिन इस बार भाव प्रति किलो 12 से 16 रुपए चल रहे हैं. प्याज की आवक सबसे ज्यादा मार्च और अप्रैल के महीने में होती है. अच्छे भाव होने की वजह से किसानों के चेहरे भी खिले हुए हैं और किसान चाहते हैं कि यही भाव लगातार बने रहें. प्याज के भावों में बढ़ोतरी के पीछे एक वजह यह भी है कि जिले में एक और प्याज मंडी इस बार शुरू हो चुकी है. सीकर मंडी में तो प्याज का कारोबार हमेशा से ही चलता आया है लेकिन प्याज के लिए विशिष्ट मंडी रसीदपुरा में बनाई गई थी. जो 13 साल के लंबे इंतजार के बाद शुरू हो गई है.
नई प्याज मंडी शुरू होने के फायदे
सीकर मंडी में किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह थी कि प्याज रखने के लिए उनके पास जगह नहीं थी. इसलिए उन्हें आते ही अपना प्याज बेचना पड़ता था और जो भी भाव मिलता उसी भाव में बेच देते थे. रसीदपुरा में प्याज मंडी शुरू होने से यह सबसे बड़ा फायदा हुआ है क्योंकि यहां पर बड़े-बड़े टिन शेड बनाए गए हैं जहां पर प्याज को सुरक्षित रखा जा सकता है. जिले में प्याज का सबसे ज्यादा उत्पादन भी रसीदपुरा और उसके आस-पास के गांवों में होता है. इसलिए किसानों को सीकर तक जाने का भाड़ा नहीं देना पड़ेगा और कम खर्चे में प्याज मंडी में पहुंच जाएगा. इसके अलावा भी यहां कई तरह की सुविधाएं विकसित की गई हैं.