सीकर (श्रीमाधोपुर). आग की लपटें मौत बनकर हर मिनट उसकी ओर बढ़ रही थी. वो बेबस थी, करती भी क्या, क्योंकि जो कर सकती थी, वो तो कर ही रही थी. पूरी ताकत से चिल्ला रही थी कि कोई तो उसकी बेबसी की पुकार को सुन ले. फिर ऐसा भी हुआ जब लपटों ने उसे अपनी आगोश में ले लिया और उसकी आवाज भी खामोश हो गई, क्योंकि उसके जिस्म के साथ उसकी हिम्मत भी आग की लपटों में जल गई थी. ये दिल को झकझोर देने वाली हकीकत है सीकर जिले के श्रीमाधोपुर के थोई इलाके की एक दोनो पैरों से दिव्यांग महिला की, जिसकी शनिवार को गैस सिलेंडर में रिसाव होने से लगी आग में जलकर मौत हो गई.
पुलिस के अनुसार, मृतका अनीता पति नानकराम वर्मा के साथ अम्बेडकर कॉलोनी में किराए के मकान में रहती थी. जहां एक कमरे में बेडरूम व रसोई साथ ही थी. शनिवार को सुबह चाय पीने के बाद पति शौच के लिए चला गया तो अनीता खाना बनाने की तैयारी कर रही थी. इसी दौरान चूल्हा जलाते समय सिलेंडर में गैस रिसाव होने से आग लग गई. दिव्यांग होने के कारण अनीता वहां से भाग भी न पाई और जोर जोर से चिल्लाने लगी. जिसे सुनकर पति नानकराम दौड़कर आया.
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पर तब तक काफी देर हो चुकी थी और आग की लपटों ने अनीता को अपनी चपेट में ले लिया था. ये देख नानकराम भी जोर-जोर से चिल्लाने लगा. उसने पत्नी को बचाने के लिए रसोई में जाने की कोशिश भी की, लेकिन तेज लपटों की वजह से वह अंदर नहीं जा सका. अंदर जाने के प्रयास में उसके हाथ भी झुलस गए. इसी बीच, ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और उन्होंने बड़ी मुश्किल से आग को काबू में किया. लेकिन, तब तक महिला झुलसकर दम तोड़ चुकी थी. बाद में महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए सीएचसी की मोर्चरी में रखवाया गया. रविवार को मृतका के मायके पक्ष के लोगों के आने के बाद शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया.
कमरा बदलने वाले थे पति-पत्नी
जानकारी के अनुसार 2010 में पानीपत में शादी के बाद नानकराम पत्नी अनीता के साथ थोई में अपने परिवार के बीच आया था. लेकिन, किसी वजह से वह किराए पर मकान लेकर अलग रहने लगा. कमरा छत पर होने की वजह से अनीता की परेशानी को देखते हुए वह रविवार को ही मकान बदलने वाले थे. इससे पहले ही हादसे ने अनीता को नानकराम से छीन लिया. घर में नया गैस सिलेंडर भी शुक्रवार को ही लगाया था.