नीमकाथाना (सीकर). अजीतगढ़ पुलिस थाने में कोर बैंकिंग कंपनी डायरेक्टरों पर निवेशकों के लाखों रूपए हड़पकर फरार होने का मामला दर्ज हुआ है. कंपनी हैडऑफिस पर 28 जुलाई से ताले लगे हैं. करीब 1100 निवेशकों ने कंपनी की अलग-अलग स्कीमों में पैसा लगाया था. एजेंटों को भी कंपनी चार माह से वेतन नहीं दे रही थी.
अजीतगढ़ के बाहेती मार्केट स्थित कोर बैंकिंग कंपनी अपूर्वा इंडिया निधि लिमिटेड के डायरेक्टर निवेशकों का लाखो रूपएं लेकर फरार हो गए. बीती 28 जुलाई से ऑफिस के ताले नहीं खुले. करीब 11 सौ निवेशकों एजेंटों को मैच्योरिटी के बाद भी पैसा नहीं मिलने की शिकायत दर्ज कराई है. रूपपुरा के महिपाल यादव व हाथीदेह के मुकेश कुमार ने कंपनी डायरेक्टर सचिन कुमार, उमेश कुमार व ज्योति के खिलाफ निवेशकों के लाखों रूपएं हड़पने व धोखाधडी कर फरार होने का मामला दर्ज कराया है. अजीतगढ़ के बाहेती मार्केट में 10-12 साल से कंपनी का ऑफिस चलता था.
पहले कंपनी अपूर्वा ए ग्रुप ऑफ कंपनीज नाम से संचालित थी. जिसका बाद में डायरेक्टरों ने नाम बदल दिया. ऑफिस का संचालन धमेन्द्र व उमेश करते थे. कंपनी अलग-अलग स्कीम में एफडी व आरडी के नाम पर डेली डेली पैसा जमा करती थी. महिपाल व मुकेश निवेशकों का पैसा लाकर कंपनी में जमा करवाते थे. चार माह से एजेंटों को भी वेतन नहीं मिल रहा था. डायरेक्टरों ने निवेशकों को दी जाने वाली जमा की रसीद भी दो माह से बंद कर दी थी. निवेशकों को स्कीमों में पैसा डबल करने का झांसा दिया गया था. अजीतगढ़ इलाके के गांवों से करीब 11 सौ लोगों ने अलग-अलग स्कीमों में पैसा लगाया है. अब मैच्योरिटी के बाद भी कंपनी पैसा नहीं दे रही थी.
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कंपनी डायरेक्टर सचिन, उमेश व ज्योति 28 जुलाई की रात को ऑफिस से सामान समेटकर फरार हो गए. कंपनी ऑफिस पर ताला देखकर निवेशकों के होश उड़ गए. एजेंटों ने मामले में पुलिस को शिकायत दी है. निवेशक विकास कुमार, करण गुर्जर, रमेश कुमार आदि लोग भी रूपए हड़पने की शिकायत लेकर पुलिस थाने पहुंचे. पुलिस ने निवेशकों को मामले में कार्रवाई का भरोसा दिलाकर शांत कराया. फिलहाल सैकड़ों निवेशक गाढ़ी कमाई का पैसा हड़पे जाने से परेशान हैं.