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सीकर में पहली बारिश में ही धंस गयी सीवरेज लाइन, बने जानलेवा गढ्ढें

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Published : Jul 6, 2019, 3:50 PM IST

सीकर शहर में मानसून की पहली बरसात के साथ ही जगह-जगह से नीचे बैठ गई. कई इलाकों में पिछले महीने ही लाइन डाली गई थी जो जगह-जगह से जमीन में धंस गई और इस पर जानलेवा गड्ढे बन गए.

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सीकर. शहर में मानसून की पहली बरसात ने ही शहर के प्रशासन के दावों की पोल खोलकर रख दी है. सीकर शहर में डाली गई सीवरेज लाइन एक बारिश भी नहीं झेल पाई और जगह-जगह से धंस चुकी हैं. इसमें जगह-जगह जानलेवा गड्ढे बन गए हैं.

सीकर में पहली बारिश में ही धंस गयी सीवरेज लाइन, बने जानलेवा गढ्ढें

मानसून के आते ही सीकर की सड़के अपनी वास्तविक रुप में दर्शन दे चुकी हैं. बरसात से पहले जहां प्रशासन बरसात के दौरान किसी भी तरह की अव्यवस्था नहीं होने देने की दावे कर रहा थी, वहीं शुक्रवार रात हुई मानसून की पहली बरसात से ही इन दावों की पोल खुल गई है. जिन इलाकों में जलजमाव की समस्या हमेशा रहती है वहां इस बार भी हालात वैसे ही है. सबसे बड़ी बात यह है कि सीकर शहर में कई इलाकों में हाल ही में डाली गई सीवरेज लाइन जगह-जगह से जमीन में धंस गई.

जबकि कुछ ही समय पहले यहां लाइन डाली गई थी और इसके ऊपर सड़क भी बना दी गई थी. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या सीवरेज लाइन डालते समय गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया था. अगर गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए काम किया गया होता तो सीवरेज लाइन जमीन में नहीं धंसती. जब यह लाइन डाली जा रही थी तो कभी भी प्रशासन ने इसको लेकर ध्यान नहीं दिया. अब सीवरेज के गड्ढों में प्रशासन मिट्टी के कट्टें डाल रही है.

सीकर. शहर में मानसून की पहली बरसात ने ही शहर के प्रशासन के दावों की पोल खोलकर रख दी है. सीकर शहर में डाली गई सीवरेज लाइन एक बारिश भी नहीं झेल पाई और जगह-जगह से धंस चुकी हैं. इसमें जगह-जगह जानलेवा गड्ढे बन गए हैं.

सीकर में पहली बारिश में ही धंस गयी सीवरेज लाइन, बने जानलेवा गढ्ढें

मानसून के आते ही सीकर की सड़के अपनी वास्तविक रुप में दर्शन दे चुकी हैं. बरसात से पहले जहां प्रशासन बरसात के दौरान किसी भी तरह की अव्यवस्था नहीं होने देने की दावे कर रहा थी, वहीं शुक्रवार रात हुई मानसून की पहली बरसात से ही इन दावों की पोल खुल गई है. जिन इलाकों में जलजमाव की समस्या हमेशा रहती है वहां इस बार भी हालात वैसे ही है. सबसे बड़ी बात यह है कि सीकर शहर में कई इलाकों में हाल ही में डाली गई सीवरेज लाइन जगह-जगह से जमीन में धंस गई.

जबकि कुछ ही समय पहले यहां लाइन डाली गई थी और इसके ऊपर सड़क भी बना दी गई थी. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या सीवरेज लाइन डालते समय गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया था. अगर गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए काम किया गया होता तो सीवरेज लाइन जमीन में नहीं धंसती. जब यह लाइन डाली जा रही थी तो कभी भी प्रशासन ने इसको लेकर ध्यान नहीं दिया. अब सीवरेज के गड्ढों में प्रशासन मिट्टी के कट्टें डाल रही है.

Intro:सीकर
मानसून की पहली बरसात नहीं सीकर शहर में प्रशासन के दावों की पोल खोलकर रख दी है। सीकर शहर में डाली गई सीवरेज लाइन एक बारिश भी नहीं खेल पाई और जगह-जगह से धंस गई है। इसमें जगह-जगह जानलेवा गड्ढे बन गए हैं।Body:बरसात से पहले जहां प्रशासन बरसात के दौरान किसी भी तरह की अव्यवस्था नहीं होने देने की दावे कर रहा था वही शुक्रवार रात हुई मानसून की पहली बरसात से ही इन दावों की पोल खुल गई है। जिन इलाकों में जलभराव की समस्या हमेशा रहती है वहां इस बार भी हालात वैसे ही है। सबसे बड़ी बात यह है कि सीकर शहर में कई इलाकों में हाल ही में डाली गई सीवरेज लाइन जगह-जगह से जमीन में धंस गई। जबकि कुछ समय पहले ही यह लाइन डाली गई थी और इसके ऊपर सड़क भी बना दी गई थी। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या सीवरेज लाइन डालते समय गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया अगर ऐसा होता तो सीवरेज लाइन जमीन में नहीं धंसती। जब यह लाइन डाली जा रही थी तो कभी भी प्रशासन ने इसको लेकर ध्यान नहीं दिया। अब सीवरेज के गड्ढों में प्रशासन मिट्टी के कट्टे डाल रहा है।Conclusion:सीकर शहर में मानसून की पहली बरसात के साथ ही जगह-जगह से नीचे बैठ गई। कई इलाकों में पिछले महीने ही लाइन डाली गई थी जो जगह-जगह से जमीन में धंस गई और इस पर जानलेवा गड्ढे बन गए।
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