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Sawaimadhopur Farmers Dilemma: बे मौसम बारिश के साथ गिरे ओले, फसल बर्बाद... किसान हुआ मायूस

राजस्थान में बेमौसम बरसात से जहां कई इलाकों में जलजमाव जैसी स्थिति है वहीं ग्रामीण अंचलों में खड़ी फसल बर्बाद होती दिख रही है. सवाई माधोपुर में भी रविवार को तेज बारिश और ओला वृष्टि ने किसानों को मायूस कर दिया है.

Sawaimadhopur Farmers Dilemma
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Published : Mar 20, 2023, 1:48 PM IST

सवाई माधोपुर. जिले के बामनवास उपखंड मुख्यालय के चांदनहोली, बरनाला,बिछोछ,बैराड़ा, पिपलाई,आंतरी क्षेत्र में रिवाली, सुकार,अमावरा सहित कई गावों में बे मौसम बरसात ने किसानों की पेशानी पर बल डाल दिया है. किसानों के चेहरे पर मायूसी साफ झलक रही है. राज्य सरकार से मांग की जा रही है कि इस विषम स्थिति से उबरने में उनके लिए सार्थक कदम उठाए जाएं.

क्या बोले किसान?- किसानों ने बताया कि बे मौसम तेज बारिश के साथ चने जैसे आकार के ओले गिरे. जिससे गेहूं, सरसों और चने आदि की फसलें चौपट हो गईं. इनके मुताबिक बे मौसम बारिश ने इलाके में लाखों की फसल बर्बाद कर दी है. किसानों को अपनी 6 महीने की मेहनत मिट्टी में मिलती नजर आ रही हैं।
पूर्व चेयरमैन एवं सरपंच संघ अध्यक्ष राम खिलाड़ी मीणा चांदन होली ने बताया कि किसानों ने 6 महीने से दिन- रात एक करके बड़ी मेहनत से खेतों को सींचा था, फसल लहलहाने लगी लेकिन 2 दिन से पड़ रही बारिश ने पूरी तरह फसलों को नष्ट कर दिया. बारिश के साथ ओले पड़े जिसने अन्नदाताओं को अच्छी खासी चोट पहुंचाई है.

पढ़ें- Kota Wheat Purchase on MSP: हाड़ौती में आज से गेहूं खरीद की तारीख तय, फिर भी कंफ्यूजन! जानें आखिर वजह है क्या

मुआवजे की उठी मांग- कांग्रेस युवा नेता महेंद्र डोई खेडली ने बताया की बारिश के साथ ओले गिरने से फसलों में 80 से 90 प्रतिशत तक नुकसान देखने को मिला है. अन्नदाता का घर परिवार इसी से चलता है. फसल तबाह होने से उनके सामने बहुत बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. स्थानीय जन प्रतिनिधियों तक अपनी बात पहुंचाई है. जिन्होंने राज्यसरकार और क्षेत्रीय विधायक से किसानों की फसलों की गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलाने की मांग उठाई है.

सवाई माधोपुर. जिले के बामनवास उपखंड मुख्यालय के चांदनहोली, बरनाला,बिछोछ,बैराड़ा, पिपलाई,आंतरी क्षेत्र में रिवाली, सुकार,अमावरा सहित कई गावों में बे मौसम बरसात ने किसानों की पेशानी पर बल डाल दिया है. किसानों के चेहरे पर मायूसी साफ झलक रही है. राज्य सरकार से मांग की जा रही है कि इस विषम स्थिति से उबरने में उनके लिए सार्थक कदम उठाए जाएं.

क्या बोले किसान?- किसानों ने बताया कि बे मौसम तेज बारिश के साथ चने जैसे आकार के ओले गिरे. जिससे गेहूं, सरसों और चने आदि की फसलें चौपट हो गईं. इनके मुताबिक बे मौसम बारिश ने इलाके में लाखों की फसल बर्बाद कर दी है. किसानों को अपनी 6 महीने की मेहनत मिट्टी में मिलती नजर आ रही हैं।
पूर्व चेयरमैन एवं सरपंच संघ अध्यक्ष राम खिलाड़ी मीणा चांदन होली ने बताया कि किसानों ने 6 महीने से दिन- रात एक करके बड़ी मेहनत से खेतों को सींचा था, फसल लहलहाने लगी लेकिन 2 दिन से पड़ रही बारिश ने पूरी तरह फसलों को नष्ट कर दिया. बारिश के साथ ओले पड़े जिसने अन्नदाताओं को अच्छी खासी चोट पहुंचाई है.

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मुआवजे की उठी मांग- कांग्रेस युवा नेता महेंद्र डोई खेडली ने बताया की बारिश के साथ ओले गिरने से फसलों में 80 से 90 प्रतिशत तक नुकसान देखने को मिला है. अन्नदाता का घर परिवार इसी से चलता है. फसल तबाह होने से उनके सामने बहुत बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. स्थानीय जन प्रतिनिधियों तक अपनी बात पहुंचाई है. जिन्होंने राज्यसरकार और क्षेत्रीय विधायक से किसानों की फसलों की गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलाने की मांग उठाई है.

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