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सवाई माधोपुर : रणथम्भौर से खुशखबरी, बाघों का कुनबा बढ़ा - Tigress T114 gave birth to cubs

रणथम्भौर में गत दिनों से आ रही दुखद खबरों के बाद शनिवार को खुशी की खबर आई है. फलौदी रेंज के टोडरा वन क्षेत्र में बाघिन टी-114 दो शावकों के साथ नजर आई है. कैमरा ट्रेप में बाघिन के साथ एक शावक की फोटो सामने आई है. वहीं फिल्ड स्टाफ ने भी बाघिन की ट्रेकिंग के दौरान दो शावकों को बाघिन के साथ देखा है.

Tigers' clan rises in Ranthambore,  Sawai Madhopur latest news
जंगल से आई खुशखबरी
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Published : Apr 3, 2021, 10:37 PM IST

सवाई माधोपुर. रणथम्भौर में गत दिनों से आ रही दुखद खबरों के बाद शनिवार को खुशी की खबर आई है. फलौदी रेंज के टोडरा वन क्षेत्र में बाघिन टी-114 दो शावकों के साथ नजर आई है. कैमरा ट्रेप में बाघिन के साथ एक शावक की फोटो सामने आई है. वहीं फिल्ड स्टाफ ने भी बाघिन की ट्रेकिंग के दौरान दो शावकों को बाघिन के साथ देखा है. बाघिन के दो शावकों को जन्म देने से रणथम्भौर में बाघों का कुनबा बढ़ गया है. वनाधिकारियों ने बाघिन और शावकों की सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए हैं.

Tigers' clan rises in Ranthambore,  Sawai Madhopur latest news
जंगल से आई खुशखबरी

रणथम्भौर बाघ परियोजना स्थित फलौदी रेंज के टोडरा वन क्षेत्र में बाघिन टी-114 ने दो शावकों को जन्म दिया है. बाघिन की शारीरिक सरंचना को देखकर पिछले कुछ समय से शावकों को जन्म देने की संभावना सामने आई थी. इसके बाद वन विभाग ने बाघिन के विचरण क्षेत्र में कैमरा ट्रैप लगाए. इसमें बाघिन अपने एक शावक के साथ नजर आई है. इसके बाद फिल्ड स्टाफ द्वारा ट्रेकिंग के दौरान बाघिन को दो शावकों के साथ देखा गया है. फिल्ड स्टाफ द्वारा सीधे साइटिंग एवं लिए गए फोटोग्राफ से दो शावकों की पुष्टि हुई है.

पढ़ें- रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में बाघिन टी- 60 एक शावक के साथ आई नजर

रणथम्भौर नेशनल पार्क के अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बाघिन टी-114की उम्र लगभग चार साल की है. यह बाघिन का पहला लिटर है. जबकि शावकों की उम्र लगभग तीन माह है. बाघिन के विचरण क्षेत्र में वनाधिकारियों एवं स्टाफ द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.

रणथम्भौर में एक अप्रैल को जोन संख्या दो के गांधारी देह वन क्षेत्र में बाघिन टी-60 का कंकाल मिला था. चार-पांच दिन पुराना शव मिलने से वन विभाग सकते में आ गया था. साथ ही वन्यजीव प्रेमियों में भी मायुसी छा गई थी. पशु चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम के बाद शावक की किसी बड़े जानवर से फाइट में मौत होना बताया था. इससे पूर्व खंडार रेंज में सांभर व जंगली सुअर के शिकार की घटना हुई. इससे वन्यजीव सुरक्षा को लेकर वन विभाग पर सवाल खड़े होने लगे थे. अब बाघिन टी-114 के शावकों को जन्म देने की खबर से वन विभाग को राहत मिली है.

सवाई माधोपुर. रणथम्भौर में गत दिनों से आ रही दुखद खबरों के बाद शनिवार को खुशी की खबर आई है. फलौदी रेंज के टोडरा वन क्षेत्र में बाघिन टी-114 दो शावकों के साथ नजर आई है. कैमरा ट्रेप में बाघिन के साथ एक शावक की फोटो सामने आई है. वहीं फिल्ड स्टाफ ने भी बाघिन की ट्रेकिंग के दौरान दो शावकों को बाघिन के साथ देखा है. बाघिन के दो शावकों को जन्म देने से रणथम्भौर में बाघों का कुनबा बढ़ गया है. वनाधिकारियों ने बाघिन और शावकों की सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए हैं.

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जंगल से आई खुशखबरी

रणथम्भौर बाघ परियोजना स्थित फलौदी रेंज के टोडरा वन क्षेत्र में बाघिन टी-114 ने दो शावकों को जन्म दिया है. बाघिन की शारीरिक सरंचना को देखकर पिछले कुछ समय से शावकों को जन्म देने की संभावना सामने आई थी. इसके बाद वन विभाग ने बाघिन के विचरण क्षेत्र में कैमरा ट्रैप लगाए. इसमें बाघिन अपने एक शावक के साथ नजर आई है. इसके बाद फिल्ड स्टाफ द्वारा ट्रेकिंग के दौरान बाघिन को दो शावकों के साथ देखा गया है. फिल्ड स्टाफ द्वारा सीधे साइटिंग एवं लिए गए फोटोग्राफ से दो शावकों की पुष्टि हुई है.

पढ़ें- रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में बाघिन टी- 60 एक शावक के साथ आई नजर

रणथम्भौर नेशनल पार्क के अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बाघिन टी-114की उम्र लगभग चार साल की है. यह बाघिन का पहला लिटर है. जबकि शावकों की उम्र लगभग तीन माह है. बाघिन के विचरण क्षेत्र में वनाधिकारियों एवं स्टाफ द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.

रणथम्भौर में एक अप्रैल को जोन संख्या दो के गांधारी देह वन क्षेत्र में बाघिन टी-60 का कंकाल मिला था. चार-पांच दिन पुराना शव मिलने से वन विभाग सकते में आ गया था. साथ ही वन्यजीव प्रेमियों में भी मायुसी छा गई थी. पशु चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम के बाद शावक की किसी बड़े जानवर से फाइट में मौत होना बताया था. इससे पूर्व खंडार रेंज में सांभर व जंगली सुअर के शिकार की घटना हुई. इससे वन्यजीव सुरक्षा को लेकर वन विभाग पर सवाल खड़े होने लगे थे. अब बाघिन टी-114 के शावकों को जन्म देने की खबर से वन विभाग को राहत मिली है.

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