सवाई माधोपुर. रणथंभौर की बुजुर्ग बाघिन टी 19 अंतिम सांसें गिन रही है. 16 साल की बाघिन टी 19 की मूवमेंट कम हो गई है और वो शिकार भी नहीं कर पा रही है. शिकार नहीं करने से बाघिन कमजोर होती जा रही है. रणथंभौर की विख्यात बाघिन मछली की बेटी कृष्णा 12 शावकों को जन्म दे चुकी है. रिजर्व की प्रिय बाघिन की दशा देखकर वन विभाग बेहद चिंतित है. वन अधिकारी बाघिन की लगातार मॉनिटरिंग करवा रहे हैं.
उम्र पूरी कर चुकी है बाघिन- उपवन संरक्षक संग्राम सिंह कटिहार ने बताया कि बाघिन टी 19 रणथंभौर टाइगर रिजर्व की मशहूर बाघिन टी 16 के चौथे लिटर की बेटी है. बाघिन टी 19 को कृष्णा के नाम से जाना जाता है. बाघों की औसतन आयु 15 वर्ष होती है. इस तरह बाघिन कृष्णा अपनी प्राकृतिक आयु पूरी कर चुकी है. नियमित रूप से शिकार भी नहीं कर पा रही है. रिजर्व में तकरीबन 75 बाघ बाघिन हैं. पहले भी जरूरत से ज्यादा बाघों की संख्या को लेकर सवाल उठते रहे हैं. अब शावकों और उम्रदराज बाघों की बढ़ती संख्या से संघर्ष की आशंका भी बढ़ गई है.
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12 शावकों को दिया है जन्म- जीवन के अंतिम पड़ाव पर होने के कारण इसका वितरण क्षेत्र देह, लकड़दा, हाई पॉइंट चौकी तक ही सीमित रह गई है. शिकार नहीं करने के कारण बाघिन काफी कमजोर हो गई है. वनकर्मी बाघिन टी 19 कृष्णा की नियमित ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग कर रहे हैं. रणथंभौर में मछली के बाद सबसे अधिक शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड कृष्णा के ही नाम है. रणथंभौर क्विन के नाम से विख्यात बाघिन मछली ने जहां 16 शावकों को जन्म दिया था, वहीं उसकी बेटी कृष्णा अब तक 12 शावकों को जन्म दे चुकी है. बाघिन का नर शावक टी-113 सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ा रहा है.