सवाईमाधोपुर. रणथंभौर की खंडार रेंज में जन्मे नर बाघ टी-110 दो साल बाद फिर से क्वालजी वन क्षेत्र में नजर आया है. गुरुवार को बाघ को जोन 9 में विचरण करते देखा गया है. टी-110 नर बाघ बाघिन टी-69 व नर बाघ टी-65 का बेटा है. वह दो साल पहले अपने माता-पिता से अलग हो गया था. तब से वह बूंदी और सुल्तानपुर इलाकों में घूम रहा था. युवा होने के कारण वह कोई भी क्षेत्र बनाने में असमर्थ था.
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आखिरकार दो साल बाद उसने रणथम्भौर नेशनल पार्क के जोन 9 में जगह बनाई और यहां विचरण करने वाले नर बाघ टी- 62 को खदेड़ दिया. नर बाघ टी-62 जोन 9 का प्रमुख और शक्तिशाली बाघ था. नर बाघ टी-110 जनवरी 2019 में रणथम्भौर के तीन युवा बाघों के दबाव के चलते जंगल से बाहर निकल गया और सुल्तानपुर के जंगलों में पहुंच गया. अब एक बार फिर नर बाघ टी-110 ने अपनी जन्मस्थली पर दस्तक दी है. जोन 9 में बाघ को विचरण करते देखा गया है.