सवाई माधोपुर. सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर नेशनल पार्क (Ranthambore National Park) में बाघों को विजिट करने बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं. वन विभाग इसके लिए अनुबंध पर जिप्सियां लेता है, इन्हीं जिप्सियों को निश्चित एरिया में सफारी कराने की अनुमति होती है. लेकिन पार्क में फर्जी सफारी भी धड़ल्ले से कराई जा रही थी.
उप वन संरक्षक (पर्यटन) रणथम्भौर बाघ परियोजना सवाईमाधोपुर संदीप कुमार ने अवैध रूप से पर्यटकों को भ्रमण कराने पर जिप्सी संख्या आरजे 25-टीए-2182 को सीज किया है. जिप्सी चालक ऋषीकेश मीना को निलंबित कर दिया गया है. मामले में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा (27) में प्रकरण दर्ज किया है.
वन विभाग ने शिकायत पर की थी आकस्मिक जांच
वन विभाग ने आकस्मिक जांच में जोन 6 में दो केण्टर और जोन 10 में एक जिप्सी में बोर्डिंग पासों में हेरफेर कर सैलानियों को भ्रमण कराते पकड़ा है. मामले में संरक्षक (पर्यटन) रणथंभौर बाघ परियोजना सवाईमाधोपुर ने पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है. वन विभाग की चैकिंग में सैलानियों को फर्जी तरीके से वन क्षेत्र में भ्रमण कराते जिप्सी चालक मिला.
कुशालीपुरा के रास्ते घुसा जिप्सी चालक
उप वन संरक्षक महेन्द्र शर्मा से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को सुबह चैकिंग के दौरान जोन नम्बर 7 व 8 की के पास क्षेत्रीय वन अधिकारी फलौदी एवं वनपाल नामा नीम चौकी स्टाफ ने जिप्सी को चैक किया. जिप्सी में तीन पर्यटक बैठे थे. जिप्सी चालक ऋषिकेश मीना से पूछने पर उसने बताया कि वह कुशालीपुरा के रास्ते से होते हुए जोन नम्बर 7 में होकर जोन 8 तक बिना टिकट व बिना वाहन पास के घुस आया.
आरोपी चालक के खिलाफ वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उसके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया. उसकी जिप्सी को जब्त कर रेंज परिसर फलौदी में खड़ा कर आगामी आदेशों तक सीज कर दिया गया.
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नए साल पर टूरिज्म का भार, गलत फायदा उठाने की कोशिश
नए साल के सेलिब्रेशन के लिए इन दिनों रणथम्भौर नेशनल पार्क में सैलानियों की खासी भीड़ है. एजेंण्टों ने सैलानियों से वन भ्रमण के लिए टिकट बुकिंग की गारंटी ले रखी है. ऐसे में जब सैलानियों को टिकट नहीं मिलता तो एजेंट फर्जी तरीके अपनाते हैं. एजेंट और पर्यटक वाहन चालक की सांठ-गांठ से फर्जी सफारी कराई जाती है. इस तरह पर्यटक वाहन चालक बिना टिकट वन क्षेत्र में प्रवेश कर सैलानियों को फर्जी तरीके से भ्रमण कराते हैं.
19 दिसंबर को भी पकड़ा गया था ऐसा मामला
ऐसा ही एक मामला 19 दिसम्बर को भी सामने आया था. इसमें जोन 1 की बुकिंग आईडी नम्बर के टिकट में अंकित नामों की ऐवज में फर्जी सैलानियों को भ्रमण कराया जा रहा था. मामले में कार्रवाई के लिए उपवन संरक्षक (पर्यटन) ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा था.
फर्जी दस्तावेजों से भ्रमण कराते तीन वाहन पकड़े
इन दिनों नये साल के सेलिब्रेशन और वीकेण्ड के चलते रणथम्भौर में सैलानियों की खासी भीड़ है. वन अधिकारियों को सूचना मिल रही थी कि कुछ एजेण्ट बोर्डिंग पास में हेरफेर कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर असली की जगह फर्जी सैलानियों को ट्यूरिस्ट वाहनों से वन भ्रमण करा रहे हैं.
इस पर वन विभाग की टीमों ने रविवार को सभी जोनों में पर्यटक वाहनों की आकस्मिक जांच की तथा बुकिंग विण्डों से जारी बोर्डिंग पास से वाहन में बैठे पर्यटकों के नामों का मिलान किया. इस पर टीम को एक केण्टर में सवार 20 पर्यटकों में से 17 पर्यटकों के नाम बोर्डिंग पास से अलग मिले.
इसी तरह जोन नम्बर 6 में तो एक केण्टर में सवार सभी 20 पर्यटकों के नाम अलग मिले. दोनों वाहन चालकों/गाइडों के पास मिले बोर्डिंग पास में गाड़ी में बैठे सैलानियों के नाम बोडिंग पास में हेरफेर कर अंकित कर दिए गए थे. जोन नम्बर दस में एक जिप्सी में भी भ्रमण कर रहे सैलानियों के नाम बोर्डिंग पास से मैच नही किए.
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विभाग से जारी बोर्डिंग पास की नकली पीडीएफ
रणथम्भौर सूत्रों के अनुसार पर्यटक बुकिंग विण्डों से जारी बोर्डिंग पास की नकली पीडीएफ बनाकर बोर्डिंग पास में दर्ज असली नामों की जगह फर्जी सैलानियों के नाम अंकित कर वन भ्रमण के लिए भेजने का काम करने वाला गिरोह सक्रिय है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए वनाधिकारियों ने जंगल में भ्रमण के लिए जाने वाले सैलानियों के बोर्डिंग पास बुकिंग विण्डों से लिए तथा जंगल जाकर पर्यटकों की जांच की तो बड़ा खुलास सामने आया.
अब गाइड की जिम्मेदारी होगी तय
वन विभागीय सूत्रों की मानें तो पर्यटक वाहनों में असली की जगह फर्जी सैलानियों के भ्रमण पर रोक लगाने के लिए वनाधिकारियों ने गाइडों की जिम्मेदारी तय की है. यह निर्धारित किया गया है कि ट्यूरिस्ट बुकिंग विण्डों से बोर्डिंग पास गाइडों को दिए जाए. गाइड की जिम्मेदारी हो कि वह बोर्डिंग पास में अंकित नाम के अनुसार ही असली पर्यटकों को वाहन में बिठाकर भ्रमण के लिए जाए.
कर रहे हैं सख्त कार्रवाई - उप वन संरक्षक
इस मामले में रणथम्भौर नेशनल पार्क के उप वन संरक्षक महेन्द्र शर्मा ने कहा कि लगातार फर्जी सफारी की शिकायत मिल रही थी. आकस्मिक जांच में शिकायत सही मिली है. एक जिप्सी को सीज किया है. वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धाराओं के हिसाब से कार्रवाई की जा रही है.