सवाई माधोपुर. आशा सहयोगिनियों का कहना है कि महज उन्हें ढाई हजार रुपये मानदेय मिलता है, जिससे इस महंगाई के दौर में परिवार का गुजारा नहीं हो पाता है.
साथ ही उनका यह भी कहना है कि सरकार द्वारा संचालित कई अहम योजनाओं को धरातल पर काम आशाओं द्वारा किया जाता है मगर उन्हें मेहनताना के रूप में बहुत कम वेतन मिलता है. जिससे उन्हें गुजारा करने में बड़ी परेशानी आती हैं. साथ में आशा सहयोगिनियों ने स्थायीकरण के साथ-साथ मानदेय बढ़ाने की मांग भी की है.
उनरा रहना है कि इस महंगाई के दौर में मात्र ढाई हजार रुपए मानदेय आशा सहयोगीयों को दिया जाता है तो ऐसे में उनका गुजारा कैसे हो और उनका विकास कैसे हो सकता हैं. अपने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर कलेक्टर के समक्ष गुरुवार को आशा सहयोगिनियों ने अपनी पीड़ा रखी है. जिसके तहत उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि शीघ्र ही उनका मानदेय बढ़ाया जाए ताकि वो अपनी जीवन स्तर सुधार सके.