राजसमंद. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन किया. देश की कई जानी मानी हस्तियों और संतों के समक्ष भूमि पूजन कर राम मंदिर की आधारशिला रखी गई. पूरे देश में आस्था और उमंग का भाव है. यह उन सभी के लिए अद्भुत क्षण है जो लंबे समय से राम लला के लिए मंदिर निर्माण का सपना संजोए हुए थे. ईटीवी भारत ऐसे ही कुछ कारसेवकों से आपको रूबरू कराने जा रहा है जिन्होंने इस पूरे संघर्ष में कारसेवा कर आंदोलन में सहयोग दिया.
राजस्थान का राजसमंद जिला धार्मिक और आध्यात्मिक नगरी के नाम से विख्यात है. जहां स्वयं प्रभु श्रीनाथजी, द्वारकाधीश जी और चारभुजा नाथ जी विराजते हैं. इस पावन धरती पर भी लाखों राम भक्त अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर उत्साहित दिख रहे हैं. वे राम भक्त जो कारसेवा में शामिल थे. उनकी आंखें भी वर्षों से राम मंदिर निर्माण का सपना देख रहीं थीं. आज उनका सपना साकार होता दिख रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने इन कारसेवकों से मिलकर उनकी खुशियां साझा कीं.
वर्षों पुराना सपना सच हो रहा
इन कारसेवकों ने मंदिर निर्माण को लेकर लंबे समय तक आवाज बुलंद रखी. हमारी मुलाकात सबसे पहले शहर के राजू सेठ से हुई जो समोसे, कचोरी, चाय की दुकान लगाते हैं. अयोध्या में मंदिर निर्माण के बारे में बात करते ही वह भावुक हो गए. बोले कि वर्षों पुराना सपना सच होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि वह पुराने कारसेवक रहे हैं.
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बीते दिनों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि उन दिनों किसी ने उनसे आकर कहा कि भगवान राम के मंदिर निर्माण को लेकर कार सेवकों का जत्था रवाना हो रहा है. हालांकि उस समय स्वास्थ्य साथ नहीं दे रहा था, लेकिन इसके बावजूद वह अपने आप को रोक नहीं पाए और अयोध्या के लिए रवाना हो गए. कहते हैं कि भूमि पूजन में शामिल होने का उनका बहुत मन था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से सरकार ने रोक लगा रखी है. बाद में जरूर अयोध्या जाएंगे.
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कारसेवा में किया गया था गिरफ्तार
कारसेवक रहे दिनेश पालीवाल ने बताया कि अयोध्या में कारसेवा में शामिल होने के लिए यहां से पूरा जत्था गया था. उन्होंने बताया कि इस कार सेवा में उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया था. उन्होंने बताया कि इतने आंदोलनों के बाद प्रभु ने भक्तों की पुकार सुनी है. वह शुभ घड़ी आ गई है जब भगवान का भव्य मंदिर बनेगा. सालों से तिरपाल के नीचे रह रहे राम लला अपने जन्म स्थान पर विशाल मंदिर में विराजित होंगे.
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इसके बाद हमारी टीम की मुलाकात भूपेंद्र और राजेश से हुई जिन्होंने बताया कि वे दोनों कार सेवा में शामिल हुए थे. उस समय उनकी युवा अवस्था थी. राम का नाम जपते हुए एक जत्थे के साथ वे दोनों भी उदयपुर से अयोध्या के लिए रवाना हो गए. बताते हैं कि वे क्षण कभी भुला नहीं सकते. उन्होंने बताया कि वर्षों पुराना जो सपना देखा था वह आज पूरा हो रहा है. हम बेहद भाग्यशाली हैं कि हमारे सामने मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा है.