राजसमंद. नेशनल हाईवे नंबर- 8 उदयपुर-राजसमंद फोरलेन पर पहला हादसा नेगडिया गांव के पास गड्ढे सुधारने के नाम पर करीब डेढ़ महीने से वन-वे कर रखी सड़क के कारण हुआ है. यहां ट्रक की चपेट में आने से नाथूवास निवासी सुनील जोशी की मौत हो गई. हादसे के बाद नेगड़िया के लोग मौके पर पहुंचे और फोरलेन कंपनी के प्रति नाराजगी जताई और शव उठाने से इनकार कर दिया. हादसे के बाद हाईवे प्रबंधन ने एकतरफा यातायात हटाकर दोनों तरफ से वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी. लेकिन ग्रामीण देर रात तक सब उठाने को राजी नहीं हुए.
ग्रामीणों का आरोप था कि टोल कंपनी की लापरवाही के कारण हादसा हुआ. वहीं घटनास्थल से करीब तीन किलोमीटर दूरी पर कुछ देर बाद ही दूसरे हादसे में राजसमंद के एमडी निवासी नारायण लाल माली की जान चली गई. हादसे के बाद ग्रामीणों ने घोड़ा घाटी पुलिया के पास विरोध प्रदर्शन किया और करीब सवा दो घंटे तक शव को मौके से उठाने नहीं उठाने दिया. ASP की समझाइश पर रात 9:30 बजे करीब जाम खोला जा सका. वहीं दूसरा शव देलवाड़ा अस्पताल की मोर्चरी में रखा है.
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उधर, फोरलेन पर सुखेर थाना क्षेत्र में भी गुरुवार को तकनीकी खामी के चलते एक के बाद एक तीन वाहन टकराए थे. इस तकनीकी खामी को दूर करने के लिए हाईवे कंपनी को विभाग तीन साल से पत्र लिख रहा है. अंतिम पत्र एसपी कार्यालय उदयपुर से 13 मार्च 2020 को लिखा गया था. इसमें कहा गया था कि हाईवे में तकनीकी खराबी है. इसके बावजूद अभी तक तकनीकी खामी को दूर नहीं किया जा सका. राजसमंद डीटीओ ने फोरलेन कंपनी को समय पर सड़कों की रिपेयरिंग नहीं करने पर एक करोड़ रुपए जुर्माने का नोटिस भी दे रखा है.