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राजसमंद : चंद्रग्रहण काल में रातभर खुले रहे श्रीनाथजी के कपाट, श्रद्धालुओं ने किया दान-पुण्य और भजन-कीर्तन

राजसमंद में मंगलवार को आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को हुए खग्रास चंद्रग्रहण काल के दौरान श्रीनाथजी मंदिर में दर्शन खुले रहे. भारत में सभी मंदिरों के कपाट जहां ग्रहण का सूतक लगते ही बंद हो गए. वहीं नाथद्वारा स्थित पुष्टिमार्गीय वल्लभ सम्प्रदाय की प्रधानपीठ श्रीनाथजी मंदिर में दर्शन खुले रहे.

चंद्रग्रहण काल में रातभर खुले रहे श्रीनाथजी के कपाट
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Published : Jul 17, 2019, 10:53 AM IST

राजसमंद. भारत में चंद्र ग्रहण के चलते मंगलवार रात को जहां सभी मंदिरों के कपाट बंद रहे. वहीं श्री नाथद्वारा में चंद्र ग्रहण के दौरान विशेष दर्शन हुए. जो पूर्ण ग्रहण काल तक खुले रहे. बता दें कि रात्रि 1:25 से सुबह 4:30 तक दर्शन हुए. इस दौरान धार्मिक नगरी में कई स्थानों पर भजन ,कीर्तन समेत दान पुण्य हुए.

चंद्रग्रहण काल में रातभर खुले रहे श्रीनाथजी के कपाट

बता दें कि अधिकांश श्रद्धालु दंडोति परिक्रमा करते दिखाई दिए, तो कुछ नंगे पैर परिक्रमा कर रहे थे. परिक्रमा मार्ग में श्रद्धालु खाने पीने से लेकर वस्त्र आदि चीजे दान करते भी दिखाई दिए. वहीं रात साढ़े तीन बजे परंपरानुसार श्रीजी के सन्मुख गो दान किया गया. चंद्र ग्रहण का शुद्धिकरण काल सुबह पांच बजे हुआ. जिसके बाद मंदिर को पानी से धौ कर शुद्ध किया गया.

जिसके बाद बुधवार सुबह ग्रहणकाल में श्रीनाथजी को धराया गया. वहीं प्रशाद सूतक लगाने के लिए गौशाला में गाय के लिए भेज दिया गया. वहीं सुबह से श्रीनाथजी में नित्यक्रम अनुसार दर्शन प्रारम्भ हो गए. जिसके बाद सुबह सात बजे प्रभु की श्रंगार झांकी के दर्शन हुए, इसके बाद नित्यक्रमानुसार दर्शन व्यवस्था रहेगी.

सावन में लगाया जाएगा झूला

बता दें कि सावन का महीना बुधवार यानी आज से शुरू हो गया है. जिसके चलते श्रीनाथजी मंदिर में झूला लगाया जाएगा. सावन महीने में नित्य सायं काल प्रभु को झूले में विराजित कर दर्शन कराए जाएंगे.

राजसमंद. भारत में चंद्र ग्रहण के चलते मंगलवार रात को जहां सभी मंदिरों के कपाट बंद रहे. वहीं श्री नाथद्वारा में चंद्र ग्रहण के दौरान विशेष दर्शन हुए. जो पूर्ण ग्रहण काल तक खुले रहे. बता दें कि रात्रि 1:25 से सुबह 4:30 तक दर्शन हुए. इस दौरान धार्मिक नगरी में कई स्थानों पर भजन ,कीर्तन समेत दान पुण्य हुए.

चंद्रग्रहण काल में रातभर खुले रहे श्रीनाथजी के कपाट

बता दें कि अधिकांश श्रद्धालु दंडोति परिक्रमा करते दिखाई दिए, तो कुछ नंगे पैर परिक्रमा कर रहे थे. परिक्रमा मार्ग में श्रद्धालु खाने पीने से लेकर वस्त्र आदि चीजे दान करते भी दिखाई दिए. वहीं रात साढ़े तीन बजे परंपरानुसार श्रीजी के सन्मुख गो दान किया गया. चंद्र ग्रहण का शुद्धिकरण काल सुबह पांच बजे हुआ. जिसके बाद मंदिर को पानी से धौ कर शुद्ध किया गया.

जिसके बाद बुधवार सुबह ग्रहणकाल में श्रीनाथजी को धराया गया. वहीं प्रशाद सूतक लगाने के लिए गौशाला में गाय के लिए भेज दिया गया. वहीं सुबह से श्रीनाथजी में नित्यक्रम अनुसार दर्शन प्रारम्भ हो गए. जिसके बाद सुबह सात बजे प्रभु की श्रंगार झांकी के दर्शन हुए, इसके बाद नित्यक्रमानुसार दर्शन व्यवस्था रहेगी.

सावन में लगाया जाएगा झूला

बता दें कि सावन का महीना बुधवार यानी आज से शुरू हो गया है. जिसके चलते श्रीनाथजी मंदिर में झूला लगाया जाएगा. सावन महीने में नित्य सायं काल प्रभु को झूले में विराजित कर दर्शन कराए जाएंगे.

Intro:श्रद्धालुओं ने किए दान - पुण्य , भजन - कीर्तन ओर दर्शन, कई लोगों ने लगाई लौटकर परिक्रमा । Body:
नाथद्वारा , राजसमंन ।

कल आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को हुए खग्रास चंद्रग्रहण काल के दौरान श्रीनाथजी मंदिर में दर्शन खुले रहे ।
भारत मे सभी मंदिरो के कपाट जहां ग्रहण का सूतक लगते ही बंद हो गए, वंही नाथद्वारा स्थित पुष्टिमार्गीय वल्लभ सम्प्रदाय की प्रधानपीठ श्रीनाथजी मंदिर मे दर्शन खुले रहै ।

श्री नाथद्वारा मे कल रात्रि को ग्रहण के दोरान विशेष दर्शन हुए जो पूर्ण ग्रहण काल तक खुले रहै, रात्रि 01:25 से 04:30 तक ग्रहण के दर्शन हुए इस
दौरान धार्मिक नगरी में कई स्थानों पर भजन कीर्तन समेत दान पुण्य हुए ।
अधिकांश श्रद्धालु दंडोति परिक्रमा करते दिखाई दिए तो कुछ नंगे पैर परिक्रमा कर रहे थे । परिक्रमा मार्ग में श्रद्धालु खाने पीने से लेकर वस्त्र आदि चीजे दान करते भी दिखाई दिए ।
रात्रि साढ़े तीन बजे परंपरानुसार श्रीजी के सन्मुख गो दान किया गया ।
चंद्र ग्रहण का शुद्धिकरण काल सुबह पाँच बजे हुआ जिसके बाद मंदिर को धौ कर शुद्ध किया गया ।

सुबह ग्रहणकाल में श्रीनाथजी को धराया गया सभी प्रशाद सूतक लगाने के कारण गौशाला में गायौं के लिए भेज दिया गया ।

सुबह से श्रीनाथजी में नित्यक्रम अनुसार दर्शन प्रारम्भ हो गए ।
सुबह सात बजे प्रभु की श्रंगार झांकी के दर्शन हुए , इसके बाद नित्यक्रमानुसार दर्शन व्यवस्था रहेगी ।
वहीं कल से श्रीजी मंदिर में झूला लगाया जाएगा,सावन महीने में नित्य सायं काल प्रभु को झूले में विराजित कर दर्शन कराए जाएंगे । Conclusion:
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