राजसमंद. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी चुनाव कार्यक्रम के अनुसार राजसमंद 175 विधानसभा उप चुनाव 2021 के चुनावों को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष तथा सुव्यवस्थित सम्पन्न कराने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला मजिस्ट्रेट अरविन्द कुमार पोसवाल ने आदेश जारी कर जिले सम्पूर्ण क्षेत्र में धारा 144 लागू की है. यह आदेश आज मध्यरात्रि से 16 मार्च से 4 मई तक प्रभावी रहेगा.
जिला कलेक्टर द्वारा जारी आदेशानुसार कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह का विस्फोटक पदार्थ घातक रासायनिक पदार्थ आग्नेय अस्त्र शस्त्र जैसे रिवाल्वर पिस्टल बंदूक एम.एल. व बी.एल. गन आदि अन्य हथियार जैसे गंडासा, फर्सी, तलवार, भाला, कृपाण, चाकू, छुरी, बर्छी, गुप्ती, कटार, धारियां, बागनक, शेर पंजा, जो किसी धातु के शस्त्र के रूप में बना हो तथा विधि द्वारा प्रतिबंधित हथियार और मोटे घातक हथियार लाठी आदि सार्वजनिक स्थानों पर धारण करना, ना घूमने ना ही प्रदर्शन करेगा ना ही साथ में लेकर चलेगा. यह आदेश ड्यूटी पर तैनात सीमा सुरक्षा बल राजस्थान सशस्त्र पुलिस बल, राजस्थान सिविल पुलिस, चुनाव ड्यूटी में तैनात अर्धसैनिक बल, होमगार्ड एवं चुनाव ड्यूटी में तैनात अधिकारी कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा.
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वहीं सिक्ख समुदाय के व्यक्तियों को धार्मिक परंपरा के अनुसार निर्धारित कृपाण रखने की छूट होगी. यह आदेश शस्त्र अनुज्ञा पत्र नवीनीकरण के लिए आदेशानुसार सतत निरीक्षण कराने अथवा शस्त्र पुलिस थाना में जमा कराने के लिए ले जाने पर लागू नहीं होगा. वृद्ध और बिमार व्यक्ति जो बिना लाठी के सहारे नहीं चल सकते हैं, वे इसका उपयोग कर सकेंगे. जिले से बाहर की राजस्व सीमा में कोई भी व्यक्ति उपरोक्त किस्म के हथियारों को अपने साथ नहीं लाएगा. ना ही सार्वजनिक स्थानों पर प्रयोग एवं प्रदर्शन करेगा.
कोई भी व्यक्ति किसी भी मतदाता को प्ररोक्ष और सांकेतिक रूप से ना तो स्वयं डराएगा या धमकाएगा और ना ही किसी को प्रोत्साहित करेगा.
कोई भी व्यक्ति सांप्रदायिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले तथा उत्तेजनात्मक नारे नहीं लगाएगा. ऐसा कोई भाषण, उद्बोदन, चुनाव सामग्री छापेगा या छपवायेगा, ना ही वितरण करेगा या करवाएगा. इसी के साथ किसी भी प्रकार से रिकॉर्डर ऑडियो वीडियो कैसेट के माध्यम से प्रचार प्रसार करेगा या अन्य किसी भी तरह से प्रचार ना तो करेगा ना ही करवाएगा और ना ही किसी को दुष्प्रेरित करेगा. कोई भी व्यक्ति संबंधित उपखण्ड अधिकारियों की स्वीकृती के बिना किसी भी सार्वजनिक स्थल पर राजनितिक प्रयोजन के लिए जुलुस, सभा, रैली, आदि का आयोजन नहीं करेगा और ना ही संबंधित उपखण्ड अधिकारियों की पुर्व अनुमति के बिना ध्वनि प्रसारण यंत्रों का प्रयोग करेगा.
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ध्वनि प्रसारण यंत्र के लिए अनुमति संबंधित उपखंड मजिस्ट्रेट द्वारा प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक नियमानुसार दी जा सकेगी. ऐसे आयोजनों में कोई इस प्रकार का कृत्य नहीं करेगा, जिससे यातायात व्यवस्था, जन व्यवस्था एवं जन शांति विक्षुब्ध हो. यह प्रतिबंध बारात एवं शव यात्रा पर लागू नहीं होगा. कोई व्यक्ति चुनाव से संबंधित विभिन्न नियमों एवं निर्देशों की अवहेलना में की गई किसी भी प्रकार की ना तो रैली आयोजित करेगा और ना ही अन्य व्यक्ति को आयोजन के लिए प्रोत्साहित करेगा. कोई भी व्यक्ति जिले में किसी भी स्थान पर वह किसी भी समय पर शांति भंग करने चुनाव प्रक्रिया को किसी भी प्रकार से बाधित करने अथवा उस में व्यवधान उत्पन्न करने के लिए न तो स्वयं कोई कार्रवाई करेगा और ना ही अन्य व्यक्ति या समूह को प्रेरित और प्रोत्साहित करेगा.
इंटरनेट तथा सोशल मीडिया जिसमें फेसबुक ट्विटर व्हाट्सएप यूट्यूब आदि के माध्यम से किसी भी प्रकार का धार्मिक उन्माद जातिगत दुष्प्रचार नहीं करेगा. कोई भी व्यक्ति चुनाव प्रचार व प्रसार के लिए वाहनों से यातायात बाधित नहीं करेगा और ना ही करवाएगा. संबंधित उपखंड मजिस्ट्रेट की लिखित पूर्व अनुमति के बिना कोई भी व्यक्ति ध्वनि प्रसारण यंत्रों लगे किसी भी प्रकार के वाहन का प्रयोग नहीं करेगा और नहीं करवाएगा. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करेगा और कोई भी व्यक्ति किसी के समर्थन या विरोध में सार्वजनिक एवं राजकीय संपत्तियों पर किसी भी प्रकार का नारा लेखन के प्रति चित्रण नहीं करेगा और ना ही किसी भी तरह के पोस्टर होडिग लगाएगा और ना ही सार्वजनिक एवं राजकीय संपत्तियों का निरूपण करेगा.
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कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मदिरा सेवन नहीं करेगा ना ही अन्य किसी को सेवन करवाएगा अथवा ना ही मंदिरा मदिरा सेवन के लिए प्रेरित करेगा तथा अधिकृत विक्रेताओं के अलावा कोई भी व्यक्ति निजी उपयोग के अलावा अन्य उपयोग के लिए सार्वजनिक स्थलों में मदिरा लेकर आवागमन नहीं कर सकेगा ना ही इसके लिए प्रेरित कर सकेगा. सूखा दिवस पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. जिले के मंदिरों, मस्जिदों, गिरजाघरों, गुरुद्वारों या पूजा के अन्य धार्मिक स्थानों का निर्वाचन मंच के रूप में प्रयोग नहीं किया जाएगा.