राजसमंद. ईटीवी भारत की टीम ने भी राजसमंद जिला मुख्यालय के सभी प्रमुख चौराहों का रियलिटी चैक किया. सबसे पहले हमारी टीम शहर के मुख्य जल चक्की तिराहे पर पहुंची. ये शहर का एकमात्र ट्रैफिक लाइट वाला पॉइंट है. मौके पर लोग बत्ती का पालना करते हुए तो दिखाई दिए. लेकिन हेलमेट बहुत ही कम लोगों ने पहन रखा था. जल चक्की तिराहे पर लगी यह बत्ती अधिकांश समय खराब ही दिखाई देती है. ऐसे में वहां तैनात पुलिसकर्मी मैन्युल तरीके से ही यातायात संभालते हैं.
ट्रैफिक पुलिस मुस्तैद लेकिन लोग बेखौफ
इसके बाद शहर के टीवीएस चौराहे पर हमने पाया कि वहां किसी भी प्रकार के ट्रैफिक पुलिस व्यवस्था नहीं दिखी. लोग मनमाने ढंग से अपने गंतव्य की ओर जाते दिखे. जिला मुख्यालय के प्रमुख चौराहों मुखर्जी चौराहा, विवेकानंद चौराहा, गौ माता चौराहा, फव्वारा चौक, जेके मोड़ चौराहा, इन सभी चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस के जवान तैनात दिखाई दिए. लेकिन रूल तोड़ने वालों की भी कमी नहीं दिखी. पुलिस वालों ने हमारे सामने ही हेलमेट नहीं पहनने वालों और ट्रिपल राइडिंग वालों का चालान काटा.
यहां हमने एक बात नोट की, वाहन चलाते समय लोग छोटी-छोटी बातों की ओर ध्यान नहीं दे रहे. ये पता होने के बावजूद कि जरा सी अनदेखी उनको भारी पड़ सकती है. शहर के कुछ मुख्य चौराहों पर हमने देखा कि पुलिस के सामने ही लोग बिना हेलमेट के छुपकर निकल रहे थे. ये नजारा हमने एक पेट्रोल पंप के पास देखा. इन्ही अनदेखियों के चलते ही राजसमंद जिले में सड़क हदासों से सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. शहर की मुख्य सड़कों पर आवार पशुओं का जमावड़ा भी रियलटी चैक में नजर आया.
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चालान काटने के आंकड़े
अब आंकड़ों से समझते हैं, राजसमंद जिले में अधिकतर चालान तेज गति वाहन चलाने वालों के काटे गए. जिसमें करीब 2018 अगस्त तक 1977 चालान तेज गती से वाहन चलाने वाले, 1015 बिना हेलमेट वाले, 215 बिना सीट बेल्ट लगाने वाले, नशे में वाहन चलाने वालों के 339 चालान बनाए गए. इसके अलावा अन्य नियमों को तोड़ने के मद में अबतक कुल 17 हजार 508 चालान काटे गए.
साल 2019 की बात करें तो अगस्त माह तक सबसे ज्यादा चालान 2822 तेज गति वाहन चलाने वालों के बनाए गए. बिना हेलमेट के 1014 चालान, बिना सीट बेल्ट वालों के 528 चालान, नशे में वाहन चलाने वालों के 862 चालान बनाए गए. अगस्त माह तक अन्य नियमों के उल्लंघन के अबतक 20355 चालान बनाए चा चुके हैं. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जिले में ओवर स्पीड और बिना हेलमेट के सबसे ज्यादा चालान काटे गए हैं.
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राजसमंद के 'डेथ पॉइंट'
अब बात करते हैं जिलेभर में के 'डेथ पॉइंट' की. वो पॉइंट जहां आए दिन हादसे होते रहते हैं. जिलेभर में ऐसी 35 जगहें चिन्हित की गई हैं. इनमें जेके सर्किल, कांकरोली, देसूरी की नाल पंजाब मोड़, लाल मादड़ी, मोही फाटक, खंडेल गांव खंडेल चौराहा प्रमुख हैं.
हादसों के आंकड़े
राजसमंद जिले में पिछले 5 सालों के सड़क हादसों पर नजर डाले तों 2013 में 532 सड़क दुर्घटनाएं हुई. जिसमें 228 लोगों की अकाल मौत हुई. जबकि 854 लोग घायल हो गए. वहीं 2014 में 507 दुर्घटनाएं घटित हुई, जिसमें मरने वालों की संख्या 203 जबकि 758 घायलों की रही. 2015 में 407 सड़क दुर्घटनाएं घटित हुई, जिसमें 189 लोगों की मृत्यु हो गई जबकि 508 लोग घायल हो गए.
2016 में 504 सड़क हादसे हुए जिसमें 271 लोगों की मौत और 661 लोग घायल हुए. वहीं 2017 में 489 सड़क हादसों में 238 लोगों की जान गई और 590 लोग घायल हुए. साल 2018 कुल 544 दुर्घटनाओं में 258 लोगों की मौत हुई, जबकि 733 लोग घायल हुए. वहीं 2019 अगस्त तक जिले में 367 दुर्घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिनमें 176 लोग अभी तक मारे जा चुके हैं. और 407 लोग घायल.
सबक लेना जरूरी
इतने सड़क हादसों के बावजूद भी लोग सबक नहीं ले रहे. ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं कर रहे. कानून की सख्ती के बावजूद हादसों में कमी नहीं आई है. जिससे साफ होता है कि आम लोगों को जागरूक होना पड़ेगा. उनको समझना होगा कि जरा सी चूक आपकी जान ले सकती है. ईटीवी भारत अपनी इस मुहिम के जरिए आपसे अपील करता है. कि ट्रैफिक नियमों का पालन जरुर करें. ये आपकी सुरक्षा का नहीं, आपके अपनों की सुरक्षा का सवाल है. ब्यूरो रिपोर्ट राजसमंद