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राजसमंदः नियमों की पालना का रियलिटी चेक, एमडी गांव में कोरोना को लेकर यू उठाए जा रहे कदम...

हर रोज देशभर में कोरोना से जुड़े हुए नए मामले सामने आ रहे हैं. जिसे देखते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा बार-बार लोगों से अपील की जा रही है कि वह सोशल डिस्टेंसिंग की पालना और मास्क का उपयोग करें. क्योंकि इस महामारी से बचाव का एहतियात ही एकमात्र उपाय है. रियलिटी चेक में देखे कि कैसे एमडी गांव के लोग कोरोना से जंग लड़ रहे हैं.

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नियमों का रियलिटी चेक
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Published : Jun 6, 2020, 10:59 PM IST

राजसमंद. प्रदेश में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है. इसी बीच 5 जून को कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 10 हजार पार कर गया है. जिससे सरकार और आमजन में चिंता का माहौल है. वहीं ईटीवी भारत की टीम लगातार राजस्थान के गांव का रियलिटी चेक कर रही है कि गांव में किस प्रकार कोरोना से ग्रामीण जंग लड़ रहे हैं.

रियलिटी चेक करने हमारी टीम राजसमंद के एमडी गांव पहुंची. जैसे ही हमारी टीम गांव में दाखिल हुई हमने देखा कि अधिकांश दुकानदार मास्क लगाकर सामान का वितरण कर रहे थे. जबकि सामान खरीदारी करने वाले लोग भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए दिखाई दिए.

एमडी गांव के लोग कोरोना से कैसे लड़ रहे है जंग

पढ़ेंः कोरोना काल में कितना सेफ है ऑनलाइन पिज्जा डिलीवरी, देखिए रियलिटी चेक

इस दौरान हमारी मुलाकात गांव के उपसरपंच मांगीलाल से हुई, उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत एमडी की कुल आबादी 8000 के लगभग है. इस महामारी के दौरान अब तक करीब 245 से अधिक प्रवासी गांव लौट कर आए हैं. इनमें खास करके गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं. इनके अलावा कुछ अन्य राज्यों से भी अपने घर लौटे हैं. इन सभी लोगों को प्रशासन द्वारा बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था.

मांगीलाल ने कहा कि बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का नाम रजिस्टर में मेंटेन किया जाता है. वहीं प्रशासन द्वारा भी लगातार मदद की जा रही है. क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों को अक्षय पात्र के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा था. लेकिन इनमें से अधिकांश लोग अपने घर का खाना ही पसंद कर रहे हैं.

साथ ही उपसरपंच ने बताया कि बाहर से आए कुछ लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया जा चुका है. जबकि 4 से 5 लोग अभी भी प्रशासन द्वारा बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे हैं. साथ ही क्वॉरेंटाइन सेंटर में खाने-पाने से लेकर साफ-सफाई का भी खास ध्यान रखा जा रहा है. वहीं खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लोगों को राशन का वितरण भी किया जा रहा है.

पढ़ेंः रियलिटी चेक: जयपुर नगर निगम का दावा- बायोमेडिकल वेस्ट के लिए हूपरों में लगाए गए हैं लाल डिब्बे, हकीकत दावे से जुदा

सिविल डिफेंस के विनोद कुमावत ने बताया कि वह पिछले 2 महीने से अधिक समय से गांव में सेवा दे रहे हैं. लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग की पालना और होम क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों की निगरानी के लिए वे दिन में तीन बार भ्रमण करते हैं. इस दौरान वह देखते है कि जिस व्यक्ति को क्वॉरेंटाइन किया गया था, वह अपने स्थान पर है या नहीं. इसके अलावा क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों को सुबह योगा करवाया जाता है. जिससे की उनकी दिनचर्या अच्छी बनी रहे.

बता दें कि इस गांव के लोग कपड़ा या गमछा से अपना मुंह ढक कर रखने की आदत बना चुके हैं, हालांकि कुछ लोग लापरवाही भी बरत रहे हैं. लेकिन ज्यादातर लोग अपना मुंह ढकने के बाद ही घर से बाहर निकलते हैं. इसके अलावा सोशल डिस्टेंस की पालना का मिलाजुला असर यहां पर देखने को मिला.

पढ़ेंः प्रदेश में पहली बार थानेदारों से CM का सीधा संवाद, मनोबल बढ़ाने के साथ कई घोषणाएं भी की

वहीं अभी भी बाहर से आने वाले लोगों का क्रम लगातार जारी है. साथ ही क्वॉरेंटाइन सेंटर में पानी और अन्य सुविधाएं उपयुक्त दिखाई दे रही है. वहीं हमारे इस रियलिटी चेक का असल मकसद यह था कि सरकार द्वारा दिए जा रहे आदेश का धरातल पर किस प्रकार से पालन हो रहा है.

राजसमंद. प्रदेश में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है. इसी बीच 5 जून को कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 10 हजार पार कर गया है. जिससे सरकार और आमजन में चिंता का माहौल है. वहीं ईटीवी भारत की टीम लगातार राजस्थान के गांव का रियलिटी चेक कर रही है कि गांव में किस प्रकार कोरोना से ग्रामीण जंग लड़ रहे हैं.

रियलिटी चेक करने हमारी टीम राजसमंद के एमडी गांव पहुंची. जैसे ही हमारी टीम गांव में दाखिल हुई हमने देखा कि अधिकांश दुकानदार मास्क लगाकर सामान का वितरण कर रहे थे. जबकि सामान खरीदारी करने वाले लोग भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए दिखाई दिए.

एमडी गांव के लोग कोरोना से कैसे लड़ रहे है जंग

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इस दौरान हमारी मुलाकात गांव के उपसरपंच मांगीलाल से हुई, उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत एमडी की कुल आबादी 8000 के लगभग है. इस महामारी के दौरान अब तक करीब 245 से अधिक प्रवासी गांव लौट कर आए हैं. इनमें खास करके गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं. इनके अलावा कुछ अन्य राज्यों से भी अपने घर लौटे हैं. इन सभी लोगों को प्रशासन द्वारा बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था.

मांगीलाल ने कहा कि बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का नाम रजिस्टर में मेंटेन किया जाता है. वहीं प्रशासन द्वारा भी लगातार मदद की जा रही है. क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों को अक्षय पात्र के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा था. लेकिन इनमें से अधिकांश लोग अपने घर का खाना ही पसंद कर रहे हैं.

साथ ही उपसरपंच ने बताया कि बाहर से आए कुछ लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया जा चुका है. जबकि 4 से 5 लोग अभी भी प्रशासन द्वारा बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे हैं. साथ ही क्वॉरेंटाइन सेंटर में खाने-पाने से लेकर साफ-सफाई का भी खास ध्यान रखा जा रहा है. वहीं खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लोगों को राशन का वितरण भी किया जा रहा है.

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सिविल डिफेंस के विनोद कुमावत ने बताया कि वह पिछले 2 महीने से अधिक समय से गांव में सेवा दे रहे हैं. लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग की पालना और होम क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों की निगरानी के लिए वे दिन में तीन बार भ्रमण करते हैं. इस दौरान वह देखते है कि जिस व्यक्ति को क्वॉरेंटाइन किया गया था, वह अपने स्थान पर है या नहीं. इसके अलावा क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों को सुबह योगा करवाया जाता है. जिससे की उनकी दिनचर्या अच्छी बनी रहे.

बता दें कि इस गांव के लोग कपड़ा या गमछा से अपना मुंह ढक कर रखने की आदत बना चुके हैं, हालांकि कुछ लोग लापरवाही भी बरत रहे हैं. लेकिन ज्यादातर लोग अपना मुंह ढकने के बाद ही घर से बाहर निकलते हैं. इसके अलावा सोशल डिस्टेंस की पालना का मिलाजुला असर यहां पर देखने को मिला.

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वहीं अभी भी बाहर से आने वाले लोगों का क्रम लगातार जारी है. साथ ही क्वॉरेंटाइन सेंटर में पानी और अन्य सुविधाएं उपयुक्त दिखाई दे रही है. वहीं हमारे इस रियलिटी चेक का असल मकसद यह था कि सरकार द्वारा दिए जा रहे आदेश का धरातल पर किस प्रकार से पालन हो रहा है.

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