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राजसमंद : कांग्रेस कमेटी ने आयोजित की बैठक, किसानों से कृषि कानूनों के विरोध में कराए हस्ताक्षर

राजसमंद में कांग्रेस कमेटी ने 'हस्ताक्षर अभियान' के अंतर्गत एक बैठक आयोजित की. जिसमें उन्होंने जिले के किसानों से केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए कानूनों के विरोध में हस्ताक्षर कराए. साथ ही अभियान की आगे की रूप रेखा तैयार करने के लिए चर्चा की.

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राजसमंद में कांग्रेस कमेटी ने की बैठक
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Published : Nov 2, 2020, 8:31 PM IST

राजसमंद. केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए तीनों कृषि कानूनों का देशभर के किसान विरोध कर रहे हैं. साथ ही तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश में लगे हुए हैं. इसी क्रम में कांग्रेस भी इन कानूनों के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चला रही है. जिसके तहत किसानों से इन कानूनों के विरोध में हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं. जिसके अंतर्गत राजसमंद कांग्रेस कमेटी ने भी सोमवार को कुमावत समाज हॉल में एक बैठक आयोजित की. जिसमें जिला अध्यक्ष देवकीनंदन गुर्जर की अध्यक्षता, किसान हस्ताक्षर प्रभारी सुरेंद्र जाड़ावत और पूर्व जिला अध्यक्ष नारायण सिंह भाटी के सानिध्य में किसानों से कानूनों विरोध में हस्ताक्षर करवाए गए और अभियान के बारे में चर्चा की गई.

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राजसमंद में कांग्रेस कमेटी ने की बैठक

इस मौके पर देवकीनंदन गुर्जर ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बीजेपी किसान, मजदूर और व्यापारी विरोधी कानून लेकर आई है. लाखों लोग इन कानूनों के कारण बेरोजगार हो जाएंगे. साथ ही देश की सभी मंडिया भी खत्म हो जाएंगी. मुट्ठी भर कंपनियां सामूहिक खरीद कर लोगों की जेबों पर डाका डालेंगी. इन कानूनों की आड़ में सरकार शांता कुमार कमेटी की रिपोर्ट को लागू करना चाहती है. जिससे किसानों को नुकसान होगा और जमीदारी प्रथा आ जाएगी.

ये भी पढ़ेंः आचार संहिता के संबंध में राजसमंद ADM ने ली राजनीतिक दलों की बैठक

जिला प्रभारी सुरेंद्र जाड़ावत ने कहा कि इन कानूनों से मोदी सरकार मुट्ठी भर पूंजीपतियों को फायदास पहुंचाना चाहती है. इन काले कानूनों को लागू करके सरकार ने किसान और मजदूरों का शोषण करने का प्रयास किया है. वहीं, पूर्व जिला प्रमुख नारायण सिंह भाटी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में राहत देने के बजाय केंद्र सरकार ने किसान विरोधी कानून लाकर किसानों की कमर तोड़ दी है. इन कानूनों से सिर्फ पूंजीपतियों को बढ़ावा मिलेगा.

राजसमंद. केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए तीनों कृषि कानूनों का देशभर के किसान विरोध कर रहे हैं. साथ ही तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश में लगे हुए हैं. इसी क्रम में कांग्रेस भी इन कानूनों के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चला रही है. जिसके तहत किसानों से इन कानूनों के विरोध में हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं. जिसके अंतर्गत राजसमंद कांग्रेस कमेटी ने भी सोमवार को कुमावत समाज हॉल में एक बैठक आयोजित की. जिसमें जिला अध्यक्ष देवकीनंदन गुर्जर की अध्यक्षता, किसान हस्ताक्षर प्रभारी सुरेंद्र जाड़ावत और पूर्व जिला अध्यक्ष नारायण सिंह भाटी के सानिध्य में किसानों से कानूनों विरोध में हस्ताक्षर करवाए गए और अभियान के बारे में चर्चा की गई.

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इस मौके पर देवकीनंदन गुर्जर ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बीजेपी किसान, मजदूर और व्यापारी विरोधी कानून लेकर आई है. लाखों लोग इन कानूनों के कारण बेरोजगार हो जाएंगे. साथ ही देश की सभी मंडिया भी खत्म हो जाएंगी. मुट्ठी भर कंपनियां सामूहिक खरीद कर लोगों की जेबों पर डाका डालेंगी. इन कानूनों की आड़ में सरकार शांता कुमार कमेटी की रिपोर्ट को लागू करना चाहती है. जिससे किसानों को नुकसान होगा और जमीदारी प्रथा आ जाएगी.

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जिला प्रभारी सुरेंद्र जाड़ावत ने कहा कि इन कानूनों से मोदी सरकार मुट्ठी भर पूंजीपतियों को फायदास पहुंचाना चाहती है. इन काले कानूनों को लागू करके सरकार ने किसान और मजदूरों का शोषण करने का प्रयास किया है. वहीं, पूर्व जिला प्रमुख नारायण सिंह भाटी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में राहत देने के बजाय केंद्र सरकार ने किसान विरोधी कानून लाकर किसानों की कमर तोड़ दी है. इन कानूनों से सिर्फ पूंजीपतियों को बढ़ावा मिलेगा.

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