राजसमंद. राजस्थान विधानसभा में 3 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. राजसमंद विधानसभा सीट से कांग्रेस ने तनसुख बोहरा को मैदान में उतारा है. बता दें, लगातार चार बार से राजसमंद की सीट को कांग्रेस हार रही है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में तनसुख बोहरा ने कहा कि राजसमंद का विकास उनकी प्राथमिकता रहेगी. उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार है और वे अगर जीतते हैं तो राजसमंद जिले के विकास में 100 फीसदी अपना योगदान देंगे. उन्होंने कहा कि 500 जिले में बड़ी हस्तियों को लाना, सिंचाई, पेयजल और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लोगों को रोजगार उनकी प्राथमिकता रहेगी.
पढ़ें- राजस्थान उपचुनाव: 3 विधानसभा सीटों के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची जारी
तनसुख बोहरा के जीवन परिचय की बात करें तो उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव केलवा एवं नवभारत स्कूल उदयपुर से हुई. उनकी उच्च शिक्षा (बीकॉम) बीएन कॉलेज उदयपुर से पूरी हुई. बाल्यकाल से ही व्यवसाय के प्रति उनकी विशेष रूचि रही जो शिक्षार्जन के दौरान भी स्पष्ट झलकती थ. इसके चलते वे शिक्षा पूर्ण होने के बाद वर्ष 1985 में मार्बल खनन व्यवसाय की ओर अग्रसर हो गए और अपने पिता के साथ मार्बल खनन व्यवसाय को अपना लिया.
बोहरा ने अपना व्यवसाय हाथ में लेने के बाद इसे आधुनिक ढंग से शुरू करने का मानस बनाया और इस दिशा में पूरी दृढ़ता के साथ आगे बढ़ते गए. उन्होंने मशीनरी का अधिकाधिक उपयोग करते हुए खनन कार्य करने की नीति अपनाई, जिससे व्यवसाय में उन्नति हुई. इसके लिए उन्होंने आरके मार्बल के प्रबंध निदेशक अशोक पाटनी को अपना मार्गदर्शक एवं प्रेरणास्रोत माना. इसी कड़ी में उन्होंने अपने पिता भैरूलाल बोहरा और छोटे भाई नरेंद्र बोहरा के साथ मिलकर व्यवसाय को प्रगति की ओर अग्रसर किया.
पढ़ें- राजसमंद विधानसभा उपचुनाव 2021: रोचक हुआ मुकाबला, कांग्रेस ने "खिलाड़ियों को बनाया कोच"
व्यवसाय के साथ समाजसेवा की तरफ भी उनका झुकाव बढ़ गया था. हालांकि, उनके हृदय में मानव सेवा का भाव बाल्यकाल से ही जागृत था, लेकिन कालांतर में यह भाव निरंतर पुष्ट होता गया. इसके लिए उन्हें पारिवारिक सदस्यों से सदैव प्रेरणा मिलती रही. विशेष रूप से उन्हें अपनी माता फूलीदेवी और पिता भैरूलाल बोहरा से प्रेरणा प्राप्त हुई.
यही कारण था कि आरंभ से ही वे जनसेवा से सम्बद्ध गतिविधियों से भी जुड़ते गए. वर्ष 1997 में उन्होंने महावीर इंटरनेशन की सदस्यता ग्रहण की और इसमें सहयोग देते हुए वर्ष 1998 में केलवा ग्राम में विशाल निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन कराया. वे जैन समाज की संस्था तेरापंथ युवक परिषद केलवा के सक्रिय सदस्य भी रहे.
मार्बल व्यवसाय में ख्याति अर्जित करने वाले बोहरा 27 मई 2010 से 8 अप्रैल 2015 तक जिला मार्बल माइन ऑनर्स एसोसिएशन राजसमंद के अध्यक्ष पद पर रहे. जबकि वर्तमान में इस संस्था के संरक्षक हैं.
बोहरा की ओर से समाजसेवा के क्षेत्र में कराए गए प्रमुख कार्य
भामाशाह तनसुख बोहरा ने समाजसेवा के क्षेत्र में कई कार्य किए हैं. उन्होंने केलवा ग्राम में अत्याधुनिक एवं सर्व सुविधायुक्त मुक्तिधाम का निर्माण करवाया. क्षेत्र में 20 राजकीय विद्यालयों में शिक्षण कार्य को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से छात्र-छात्राओं के बैठने के लिए लोहे की बैंचे उपलब्ध कराई गई है.
वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में लॉकडाउन के कारण उत्पन्न विकट परिस्थितयों में बुरी तरह प्रभावित हुए लोगों की मदद के लिए बोहरा ने कई लोगों की मदद की. उन्होंने रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र विकास के अंतर्गत राशि भेंट की. 20 से अधिक गांवों-ढाणियों में वाटर कूलर लगवाई है. उन्होंने चिकित्सालय और विद्यालय भवन का निर्माण करवाया है.