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राजसमंद: देवगढ़ का शकरगढ़ महल बना छावनी, भवन पर लगाया सरकारी संपत्ति का बोर्ड

राजसमंद के देवगढ़ में सदियों पुराने शकरगढ़ महल के मालिकाना हक को लेकर दो पक्षों में चल रहे विवाद मामले में उपखंड मजिस्ट्रेट के आदेश पर शनिवार को वहां पर सरकारी संपत्ति का बोर्ड लगाया गया है. इस दौरान शकरगढ़ ग्रामवासियों ने कहा कि उनको बिना सूचना दिए जबरन गढ़ से बाहर निकाल दिया गया है.

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उपखंड मजिस्ट्रेट के आदेश पर रिसीविंग की गई संपत्ति
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Published : Oct 10, 2020, 7:52 PM IST

देवगढ़ (राजसमंद). जिले के देवगढ़ तहसील की मियाला ग्राम पंचायत में सदियों पुराने शकरगढ़ महल के मालिकाना हक को लेकर दो पक्षों में चल रहे विवाद में उपखंड मजिस्ट्रेट के आदेश पर शनिवार को संपत्ति रिसीविंग का बोर्ड लगाया गया है. इस दौरान शकरगढ़ ग्रामवासियों ने गुहार लगाई है कि बिना किसी सूचना और नोटिस जारी किए जबरन महिलाओं व पशुओं को गढ़ से बाहर निकाला गया है.

साथ ही ताला तोड़कर संपत्ति रिसीविंग करते हुए चिट चस्पा किया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि देवगढ़ राज परिवार और शकरगढ़ के ग्रामीणों में पुराने महल को लेकर विवाद चल रहा है. उन्होंने कहा कि वहां पर उनका पुश्तैनी गढ़ है और वे डेढ़ सौ बरसों से परिवार के साथ वहां रहते हैं. जिसमें गाय, भैंस के लिए हरी घास रहती है और वहां कुलदेवी का मंदिर भी है.

इसकी पूजा आराधना हम और हमारे परिजन करते आए हैं. साथ ही उनका कहना है कि हमने प्रशासन से 1 महीने का समय मांगा था ताकि घर में रखी हुई घास, सामान आदि व्यवस्थित कर लें और गाय, भैंस पशुओं को बांधने की भी व्यवस्था कर लें. बावजूद इसके पुलिस प्रशासन ने उच्च दबाव में आकर महिलाओं को जबरन गढ़ से बाहर निकाल दिया.

पढ़ें: भीलवाड़ा: कोरोना जागरूकता अभियान के तहत स्काउट गाइड ने निकाली रैली, बांटे निःशुल्क मास्क

साथ ही देवगढ़ थाना अधिकारी नाना लाल सालवी ने बताया कि उपखंड मजिस्ट्रेट देवगढ़ के आदेशानुसार शकरगढ़ में खसरा संख्या 1022 गैर मुमकिन आबादी में स्थित गढ़ खंडहरनुमा को धारा 145 के तहत रिसीविंग में 22 सितंबर को ही संपत्ति पर सूचना बोर्ड लगाना था. जिसके बाद महिला पुलिस कांस्टेबल व जाप्ते के अभाव में उस दिन कार्रवाई नहीं हो सकी. वहीं शनिवार को संपत्ति की सूचना बोर्ड लगाने के लिए राजसमंद लाइन से पुलिस जाब्ता के साथ मौके पर पहुंचकर रिसीविंग बोर्ड लगाया गया.

देवगढ़ (राजसमंद). जिले के देवगढ़ तहसील की मियाला ग्राम पंचायत में सदियों पुराने शकरगढ़ महल के मालिकाना हक को लेकर दो पक्षों में चल रहे विवाद में उपखंड मजिस्ट्रेट के आदेश पर शनिवार को संपत्ति रिसीविंग का बोर्ड लगाया गया है. इस दौरान शकरगढ़ ग्रामवासियों ने गुहार लगाई है कि बिना किसी सूचना और नोटिस जारी किए जबरन महिलाओं व पशुओं को गढ़ से बाहर निकाला गया है.

साथ ही ताला तोड़कर संपत्ति रिसीविंग करते हुए चिट चस्पा किया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि देवगढ़ राज परिवार और शकरगढ़ के ग्रामीणों में पुराने महल को लेकर विवाद चल रहा है. उन्होंने कहा कि वहां पर उनका पुश्तैनी गढ़ है और वे डेढ़ सौ बरसों से परिवार के साथ वहां रहते हैं. जिसमें गाय, भैंस के लिए हरी घास रहती है और वहां कुलदेवी का मंदिर भी है.

इसकी पूजा आराधना हम और हमारे परिजन करते आए हैं. साथ ही उनका कहना है कि हमने प्रशासन से 1 महीने का समय मांगा था ताकि घर में रखी हुई घास, सामान आदि व्यवस्थित कर लें और गाय, भैंस पशुओं को बांधने की भी व्यवस्था कर लें. बावजूद इसके पुलिस प्रशासन ने उच्च दबाव में आकर महिलाओं को जबरन गढ़ से बाहर निकाल दिया.

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साथ ही देवगढ़ थाना अधिकारी नाना लाल सालवी ने बताया कि उपखंड मजिस्ट्रेट देवगढ़ के आदेशानुसार शकरगढ़ में खसरा संख्या 1022 गैर मुमकिन आबादी में स्थित गढ़ खंडहरनुमा को धारा 145 के तहत रिसीविंग में 22 सितंबर को ही संपत्ति पर सूचना बोर्ड लगाना था. जिसके बाद महिला पुलिस कांस्टेबल व जाप्ते के अभाव में उस दिन कार्रवाई नहीं हो सकी. वहीं शनिवार को संपत्ति की सूचना बोर्ड लगाने के लिए राजसमंद लाइन से पुलिस जाब्ता के साथ मौके पर पहुंचकर रिसीविंग बोर्ड लगाया गया.

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