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लूट की फर्जी शिकायत ने पुलिस की कराई परेड, एडिशनल एसपी की सघन पूछताछ के बाद परिवादी ने खुद बताई झूठी लूट की सच्ची कहानी

राजसमंद शहर में रविवार को एक फर्जी लूट की सूचना ने पुलिस विभाग के अधिकारियों की परेड करा दी. लूट के शिकार हुए ललित पालीवाल ने खंडेल पुलिस को शिकायत दी थी कि उसके साथ रविवार की शाम खंडेल चौराहे पर कुछ बदमाशों ने 8 लाख रूपए लूट लिए हैं. घटना के बाद खंडेल पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी लेकिन जब कोई सुराग नहीं तो पुलिस ने परिवादी ललित पालीवाल से गंभीरता से पूछताछ की और लूट की यह घटना पूरी तरह से फर्जी निकली.

fake complaint of robbery in Rajsamand
लूट की फर्जी शिकायत ने पुलिस की कराई परेड
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Published : Jun 1, 2021, 2:20 PM IST

राजसमंद. राजसमंद में खंडेल चौराहे पर रविवार शाम को एक परिवादी के साथ लूट की घटना ने खंडेल पुलिस की परेड करा दी. पुलिस को दी गई लूट की सूचना पूरी तरह झूठी कहानी निकली. पुलिस पूछताछ में पता चला कि घटना को खुद परिवादी ने साजिश के तहत अंजाम देते हुए अपने पिता को बड़ी कमाई दिखाने के लिए रची थी. आखिरकार परिवादी ने पुलिस अधिकारियों की गहन पूछताछ के बाद सारा सच उगल दिए.

डिप्टी बेनी प्रसाद मीणा ने बताया कि रविवार को देवगढ़ माणक चौक निवासी ललित पुत्र धर्मचंद पालीवाल ने रिपोर्ट दी है कि वह दरीबा से साढें आठ लाख रुपये से भरा हुआ बैग लेकर देवगढ़ जा रहा था तभी खंडेल पुलिस चौकी के पास स्थित ओवर ब्रिज के नीचे तीन से चार लुटेरे घात लगाए हुए बैठे थे. जैसे ही उसने ब्रिज के पास बाइक की गति को धीमा की उसी दौरान आंखों में मिर्च डाल और चाकू की नोक पर साढे आठ लाख का भरा हुआ बैग लेकर फरार हो गए.

इस पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज करते हुए अनुसंधान शुरू कर दिया. कुंवारिया थाना अधिकारी पेशावर खान ने लूट की घटना को गम्भीरता से लेते हुए जगह जगह नाकाबंदी करवाई और रेलमंगरा बस स्टैंड, कुरज पेट्रोल पंप, और दरीबा में दुकानों से सीसी टीवी फुटेज भी खंगाले गए साथ ही पुलिस ने कई संदिग्ध लोगों से भी गहन पूछताछ की लेकिन इस तरह की कोई वारदात नजर नहीं आई. रातभर पुलिस के द्वारा लुटेरों की तलाश की गई लेकिन घटना का कोई पहलू सामने नहीं नहीं आया. इस लूट की घटना को लेकर सोमवार दोपहर को राजसमन्द के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश गुप्ता, डिप्टी बेनीप्रसाद मीणा, डिप्टी नोपा राम भाकर भी घटना स्थल पर पहुचे और बारीकी से घटना स्थल का जायजा लिया, लेकिन मौके पर घटना जैसे कोई सुराग नहीं मिले.

पढ़ें- भरतपुर डॉक्टर दंपती हत्याकांड के एक मुख्य आरोपी महेश ने करौली में किया सरेंडर, अनुज गुर्जर की तलाश जारी

एडिशनल एसपी ने की सघन पूछताछ के बाद हुआ खुलासा

मामले में कोई सुराग न लगता देख अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गुप्ता सहित पुलिस अधिकारियों द्वारा लम्बे समय तक ललित पालीवाल से अलग अलग एंगल से पूछताछ की गई और पैसे का सोर्स पूछा गया, पैसे कहां से लाए, इतने पैसे एटीएम से कैसे निकाले, आपके परिवार में कितने लोग है आदि अन्य जानकारी ली. इस पर परिवादी द्वारा ही इस घटना क्रम को अंजाम देने की बात कबूल ली गई और बोला में हेलमेट पहनकर बाइक से खण्डेल चोराहे पर आया और मिर्ची भी साथ में लाया, छोटे चाकू से मैंने खुद ने ही हाथ और गले पर निशान बनाये बाद में वहां लेट गया. राहगीरो ने घायल होना समझ कर कुरज सीएचसी पर पहुंचाया और कुंवारिया थाना पुलिस को सूचना दी जिस पर पुलिस ने कुरज सीएचसी पर उपचार करवाया गया. पुलिस द्वारा पूछे जाने पर यह सामने आया कि परिवादी अपने पिता को यह बताना चाह रहा था कि मोटी रकम कमाकर ला रहा था तो रास्ते मे लूट हो गई. उसने बताया कि मेरे पास कोई रोजगार नही था. अवसाद में आकर यह ड्रामा रचा था.

पुलिस की कराई परेड

परिवादी ने खुद पूरा घटना क्रम पुलिस अधिकारियों के सामने पेश कर दिया बाद में पुलिस ने परिवादी को अपने परिजनों के साथ घर भेज दिया गया. इस तरह का ड्रामा कर परिवादी ने पुलिस अधिकारियों की परेड करवा दी. घटना का खुलासा होने पर पुलिस अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली. क्योंकी इतनी बड़ी लूट होने से पुलिस भी परेशान नजर आई. लूट की घटना का खुलासा करने के लिए थाना अधिकारी पेशावर खान, डीएसपी टीम के मुंशी मोहम्मद, एएसआई हरि सिंह, अर्जुन सिंह, सूचना अधिकारी रोशनलाल आचार्य, हेड कांस्टेबल उदय सिंह, जले सिंह, किशन सिंह मुकेश सेन नजर बनाए हुए थे.

राजसमंद. राजसमंद में खंडेल चौराहे पर रविवार शाम को एक परिवादी के साथ लूट की घटना ने खंडेल पुलिस की परेड करा दी. पुलिस को दी गई लूट की सूचना पूरी तरह झूठी कहानी निकली. पुलिस पूछताछ में पता चला कि घटना को खुद परिवादी ने साजिश के तहत अंजाम देते हुए अपने पिता को बड़ी कमाई दिखाने के लिए रची थी. आखिरकार परिवादी ने पुलिस अधिकारियों की गहन पूछताछ के बाद सारा सच उगल दिए.

डिप्टी बेनी प्रसाद मीणा ने बताया कि रविवार को देवगढ़ माणक चौक निवासी ललित पुत्र धर्मचंद पालीवाल ने रिपोर्ट दी है कि वह दरीबा से साढें आठ लाख रुपये से भरा हुआ बैग लेकर देवगढ़ जा रहा था तभी खंडेल पुलिस चौकी के पास स्थित ओवर ब्रिज के नीचे तीन से चार लुटेरे घात लगाए हुए बैठे थे. जैसे ही उसने ब्रिज के पास बाइक की गति को धीमा की उसी दौरान आंखों में मिर्च डाल और चाकू की नोक पर साढे आठ लाख का भरा हुआ बैग लेकर फरार हो गए.

इस पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज करते हुए अनुसंधान शुरू कर दिया. कुंवारिया थाना अधिकारी पेशावर खान ने लूट की घटना को गम्भीरता से लेते हुए जगह जगह नाकाबंदी करवाई और रेलमंगरा बस स्टैंड, कुरज पेट्रोल पंप, और दरीबा में दुकानों से सीसी टीवी फुटेज भी खंगाले गए साथ ही पुलिस ने कई संदिग्ध लोगों से भी गहन पूछताछ की लेकिन इस तरह की कोई वारदात नजर नहीं आई. रातभर पुलिस के द्वारा लुटेरों की तलाश की गई लेकिन घटना का कोई पहलू सामने नहीं नहीं आया. इस लूट की घटना को लेकर सोमवार दोपहर को राजसमन्द के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश गुप्ता, डिप्टी बेनीप्रसाद मीणा, डिप्टी नोपा राम भाकर भी घटना स्थल पर पहुचे और बारीकी से घटना स्थल का जायजा लिया, लेकिन मौके पर घटना जैसे कोई सुराग नहीं मिले.

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एडिशनल एसपी ने की सघन पूछताछ के बाद हुआ खुलासा

मामले में कोई सुराग न लगता देख अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गुप्ता सहित पुलिस अधिकारियों द्वारा लम्बे समय तक ललित पालीवाल से अलग अलग एंगल से पूछताछ की गई और पैसे का सोर्स पूछा गया, पैसे कहां से लाए, इतने पैसे एटीएम से कैसे निकाले, आपके परिवार में कितने लोग है आदि अन्य जानकारी ली. इस पर परिवादी द्वारा ही इस घटना क्रम को अंजाम देने की बात कबूल ली गई और बोला में हेलमेट पहनकर बाइक से खण्डेल चोराहे पर आया और मिर्ची भी साथ में लाया, छोटे चाकू से मैंने खुद ने ही हाथ और गले पर निशान बनाये बाद में वहां लेट गया. राहगीरो ने घायल होना समझ कर कुरज सीएचसी पर पहुंचाया और कुंवारिया थाना पुलिस को सूचना दी जिस पर पुलिस ने कुरज सीएचसी पर उपचार करवाया गया. पुलिस द्वारा पूछे जाने पर यह सामने आया कि परिवादी अपने पिता को यह बताना चाह रहा था कि मोटी रकम कमाकर ला रहा था तो रास्ते मे लूट हो गई. उसने बताया कि मेरे पास कोई रोजगार नही था. अवसाद में आकर यह ड्रामा रचा था.

पुलिस की कराई परेड

परिवादी ने खुद पूरा घटना क्रम पुलिस अधिकारियों के सामने पेश कर दिया बाद में पुलिस ने परिवादी को अपने परिजनों के साथ घर भेज दिया गया. इस तरह का ड्रामा कर परिवादी ने पुलिस अधिकारियों की परेड करवा दी. घटना का खुलासा होने पर पुलिस अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली. क्योंकी इतनी बड़ी लूट होने से पुलिस भी परेशान नजर आई. लूट की घटना का खुलासा करने के लिए थाना अधिकारी पेशावर खान, डीएसपी टीम के मुंशी मोहम्मद, एएसआई हरि सिंह, अर्जुन सिंह, सूचना अधिकारी रोशनलाल आचार्य, हेड कांस्टेबल उदय सिंह, जले सिंह, किशन सिंह मुकेश सेन नजर बनाए हुए थे.

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