राजसमंद. जिले की केलवाड़ा थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नाबालिगों से बाल श्रम कराने के 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. राजसमंद जिला पुलिस अधीक्षक भूवन भूषण यादव ने बताया कि केलवाड़ा थाने पर मानव तस्करी विरोधी यूनिट उदयपुर के प्रभारी पुलिस निरीक्षक श्याम सिंह ने प्रकरण दर्ज कराया कि दिनांक 5 नवम्बर 2019 को पुलिस थाना हिरणमगरी क्षेत्र के रेती स्टैण्ड पर खड़ी बस में राजस्थान से बाल श्रम के लिए बालकों को सूरत ले जाने की सूचना मिली थी.
इस पर टीम ने मौके पर पहुंच कर बस से 25 बालकों को सूरत ले जाते हुए को रेस्क्यू करवाया गया. जिसमें काउंसलिंग के दौरान पता चला कि सूरत में बडी संख्या में उदयपुर संभाग के छोटे-छोटे बालकों से बालश्रम करवाया जा रहा है. जिस पर मानव तस्करी विरोधी यूनिट ने सूरत से बाल श्रमिकों के बारे में सूचनाएं जुटाई. जानकारी मिलने के बाद उदयपुर एसपी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. जिसमें मानव तस्करी यूनिट, स्वयं सेवी संगठन, आसरा विकास संस्थान के संस्थापक भोजराज सिंह और कार्यकर्ता, बचपन बचाओ आन्दोलन के कार्यकर्ता शामिल थे.
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टीम ने सूरत में बाल श्रमिकों के कार्यस्थल पर दबिश दी, जहां से राजसमंद जिले में निवास करने वाले 32 बाल श्रमिकों को रेस्क्यू किया गया. बालकों से काउंसलिंग के आधार पर बाल श्रम की विभिन्न धाराओं में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. कुंभलगढ़ वृत्ताधिकारी नरपत सिंह के निर्देशन में सभी बाल श्रमिकों के जन्म सम्बंधी कागजात जुटाए और पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत बाल श्रमिकों को प्रतिकर राशि दिलाने के लिए कागजात सम्बंधित संस्था को भेजे.
बाल श्रमिकों से काउंसलिंग के आधार पर पुलिस ने दलपत सिंह चदाणा, हरि सिंह रावत, खेती सिंह खरवड, गिरीश कुमार जोशी, कालु गमेती और भेरु सिंह चदाणा को धारा 370 आईपीसी और 79 जेजे एक्ट में गिरफ्तार कर न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया. जहां से सभी आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है. वहीं इस मामले में पुलिस ने शेष फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास भी तेज कर दिए हैं. पुलिस की टीम अब आरोपी की तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है.