नाथद्वारा (राजसमंद). जिले के नाथद्वारा नगर स्थित पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की प्रधानपीठ श्रीनाथजी मंदिर में शनिवार प्रातःकाल 4 बजे मंगला समय प्रभु श्रीनाथजी को केसर बरास से सिद्ध किये गए जल के 108 स्वर्ण घड़ों से ज्येष्ठाभिषेक कराया गया. श्रीनाथजी व नवतप्रियाजी के मुखियाजी व अन्य सेवकों ने श्रीजी को ज्येष्ठाभिषेक कराया. श्रीनाथजी प्रभु के अभिषेक के बाद सवा लाख आमों का भोग भी लगाया गया.
प्रतिवर्ष इस परंपरा को तिलकायत महाराज द्वारा किया जाता है, पर इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते महाराज श्री मुंबई से नाथद्वारा नही आ पाए. इस कारण प्रथम बार श्रीनाथजी को मुखियाओं ने बिना तिलकायत महाराज श्री के अभिषेक करवाया.
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प्रतिवर्ष की भांति कल से ही उत्सव की तैयारियां शुरू कर दी गई थीं, कल श्रृंगार के दर्शनों के बाद प्रभु श्रीजी को ग्वाल भोग धर कर श्रीनाथजी व नवतप्रियाजी के मुखियाजी, अन्य सेवकों, वैष्णवजनों के साथ श्रीजी मन्दिर के दक्षिणी भाग में मोतीमहल के नीचे स्थित भीतरली बावड़ी पर ज्येष्ठाभिषेक के लिए जल लेने पधारे.
स्वर्ण व रजत पात्रों में जल भर कर लाया गया और शयन दर्शनों के समय इस जल में केसर कस्तूरी, बरास व गुलाबजल आदि मिला कर सिद्ध किया गया. साथ ही मंदिर द्वारा खरीदे गए 20 क्विंटल आम व श्रद्धालुओं द्वारा भेंट किये गए आमों को धोने का कार्य किया गया.
हर वर्ष इस उत्सव पर श्रीनाथजी के ज्येष्ठाभिषेक के दर्शन करने हजारों श्रद्धालु आते है, पर इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के चलते नगर पूरी तरह सुनसान पड़ा हुआ है. वहीं आम दर्शनार्थियों के प्रवेश पर भी रोक होने के कारण नगरवासियों को भी दर्शनों का लाभ नही मिल पाया.
सवा लाख आम का भोग लगाने के बाद प्रसाद स्वरूप इन आम को मंदिर में सेवा करने वालों व कर्मचारियों तथा आम जनता में वितरित किया गया. नगर के विभिन्न मार्गों पर प्रत्येक दुकानदार को आम वितरित किए गए. वहीं नगर की जनता को भी प्रसाद का वितरण किया गया.