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राजसमंद में टिड्डी जागरूक कृषक संगोष्ठी का आयोजन, किसानों को दी जानकारी

राजसमंद के मदारिया ग्राम पंचायत में टिड्डी जागरूक कृषक संगोष्ठी का आयोजन हुआ. जिसमें किसानों को टिड्डी के बारे में जागरूक किया गया. वहीं बताया गया कि अगर टिड्डियों का हमला होता है कि तो क्या करना चाहिए.

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टिड्डी जागरूक कृषक संगोष्ठी
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Published : Jun 19, 2020, 5:56 PM IST

राजसमंद. जिले के देवगढ़ उपखंड क्षेत्र की मदारिया ग्राम पंचायत में शुक्रवार को टिड्डी जागरूक कृषक संगोष्ठी का आयोजन हुआ. जहां संरपंच अंबालाल गुजर्र मुख्य अतिथि के रूप मौजूद रहे. सहायक कृषि अधिकारी राजेश मेहश्वरी ने बताया कि मदारिया में आयोजित कृषक संगोष्ठी में किसानों को टिड्डी दल के बारे में जागरूक किया गया. किसानों को टिड्डी की पहचान बताई गई. क्योंकि बहुत बार किसान फड़के को भी टिड्डी समझ लेते हैं.

अधिकारी ने टिड्डी के जीवन चक्र, अंडा, शिशु टिड्डी और व्यस्क टिड्डी की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि टिड्डी जमीन पर 10 सेंटीमीटर अंदर 2-3 गुच्छे में अंडा देती हैं. एक गुच्छे में 70-80 अंडे होते हैं. यानी एक टिड्डी 200 से भी ज्यादा अंडे देती हैं. शिशु टिड्डी 5 उपमा स्थानों से गुजरती हैं. टिड्डी काले, गुलाबी और पीले रंग की होती हैं और पीले रंग की टिड्डी ही अंडे देती है.

वहीं टिड्डी दल सुबह हवा का रुख जिस तरफ होता है, वह उसी ओर उड़ता है. टिड्डी दल के आने पर किसान सतर्क रहें और अपने खेतों पर जाकर ध्वनि उत्पन्न करने वाले यंत्र जैसे थाली, खाली लोहे पीपे और ढोल आदि बजाकर टिड्डी को फसलों पर नही बैठने दें. दिन भर उड़ने के बाद शाम 7-8 बजे के बाद टिड्डी दल रात के समय एक स्थान पर विश्राम करने के लिए ठहरता है. जिसकी जानकारी तुंरत कृषि विभाग को देनी चाहिए.

पढ़ें: Rajya Sabha Elections : कांग्रेस के पास क्या है जीत के लिए वोटों का गणित, जानें

टिड्डी नियंत्रण के लिए कीटनाशक दवाएं दवाई विभाग की ओर से निःशुल्क दी जाती हैं. कीटनाशक दवाओं का छिड़काव फायर ब्रिगेड या ट्रैक्टर से किया जाता है. किसानों को टिड्डी से फसलों के बचाव के बारे में विस्तार से बताया गया है. सरपंच ने भी किसानों को टिड्डी से जागरूक रहने की अपील की. संगोष्ठी में ग्राम विकास अधिकारी सुनील कुमार शर्मा, पटवारी वासुदेव पांडिया और कृषक मित्र गौतम सहित ग्रामीण उपस्थित रहे.

राजसमंद. जिले के देवगढ़ उपखंड क्षेत्र की मदारिया ग्राम पंचायत में शुक्रवार को टिड्डी जागरूक कृषक संगोष्ठी का आयोजन हुआ. जहां संरपंच अंबालाल गुजर्र मुख्य अतिथि के रूप मौजूद रहे. सहायक कृषि अधिकारी राजेश मेहश्वरी ने बताया कि मदारिया में आयोजित कृषक संगोष्ठी में किसानों को टिड्डी दल के बारे में जागरूक किया गया. किसानों को टिड्डी की पहचान बताई गई. क्योंकि बहुत बार किसान फड़के को भी टिड्डी समझ लेते हैं.

अधिकारी ने टिड्डी के जीवन चक्र, अंडा, शिशु टिड्डी और व्यस्क टिड्डी की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि टिड्डी जमीन पर 10 सेंटीमीटर अंदर 2-3 गुच्छे में अंडा देती हैं. एक गुच्छे में 70-80 अंडे होते हैं. यानी एक टिड्डी 200 से भी ज्यादा अंडे देती हैं. शिशु टिड्डी 5 उपमा स्थानों से गुजरती हैं. टिड्डी काले, गुलाबी और पीले रंग की होती हैं और पीले रंग की टिड्डी ही अंडे देती है.

वहीं टिड्डी दल सुबह हवा का रुख जिस तरफ होता है, वह उसी ओर उड़ता है. टिड्डी दल के आने पर किसान सतर्क रहें और अपने खेतों पर जाकर ध्वनि उत्पन्न करने वाले यंत्र जैसे थाली, खाली लोहे पीपे और ढोल आदि बजाकर टिड्डी को फसलों पर नही बैठने दें. दिन भर उड़ने के बाद शाम 7-8 बजे के बाद टिड्डी दल रात के समय एक स्थान पर विश्राम करने के लिए ठहरता है. जिसकी जानकारी तुंरत कृषि विभाग को देनी चाहिए.

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टिड्डी नियंत्रण के लिए कीटनाशक दवाएं दवाई विभाग की ओर से निःशुल्क दी जाती हैं. कीटनाशक दवाओं का छिड़काव फायर ब्रिगेड या ट्रैक्टर से किया जाता है. किसानों को टिड्डी से फसलों के बचाव के बारे में विस्तार से बताया गया है. सरपंच ने भी किसानों को टिड्डी से जागरूक रहने की अपील की. संगोष्ठी में ग्राम विकास अधिकारी सुनील कुमार शर्मा, पटवारी वासुदेव पांडिया और कृषक मित्र गौतम सहित ग्रामीण उपस्थित रहे.

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