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पत्नी की हत्या के आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा - परिवार में गृह क्लेश

राजसमंद के देवगढ़ थाना क्षेत्र के मियाला गांव में एक विवाहिता पर उसके पति ने केरोसिन डालकर आग लगा दी थी. इससे उसकी मौत हो गई. 2017 में हुए इस मामले में कोर्ट ने आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

life imprisonment to man who killed his wife in Rajsamand
आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 9, 2024, 4:23 PM IST

राजसमंद. जिले के देवगढ़ थाना क्षेत्र में मियाला गांव में केरोसिन उड़ेल कर आग लगाकर पत्नी की हत्या के आरोपी उसी के पति को जिला एवं सेशन न्यायाधीश राघवेंद्र काछवाल ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आरोपी को 20 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया.

लोक अभियोजक जयदेव कच्छावा ने बताया कि 9 अगस्त, 2017 को मियाला, देवगढ़ निवासी मंजू देवी रेगर ने उदयपुर के महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय के बर्न वार्ड में इलाज के दौरान पुलिस को बयान दिया. उसने बताया कि उसकी शादी वर्ष 2000 में मियाला निवासी गोपाल पुत्र पुखराज रेगर से हुई थी. शादी के बाद वह पति के साथ मियाला में रहने लगी, तब उसका पति कोई काम धंधा नहीं करता था.

पढ़ें: पत्नी की हत्या का आरोपी पति गुजरात से गिरफ्तार, साधु के वेश में मंदिरों में घूम रहा था आरोपी

शादी के करीब 1 वर्ष बाद उसके देवर ने उसकी सोने की नथ, सोने का टीका, दो अंगूठियां व पायजेब चुरा लिए थे. इस पर परिवार में गृह क्लेश उपजा, जिससे आहत होकर वह उसके पिता के पास अहमदाबाद चली गई थी. करीब 3-4 साल वहां रहने के बाद गांव के प्रबुद्धजन पहुंचे और समझाइश की, तो वह फिर उसके ससुराल पहुंची और पति गोपाल के साथ रहने लगी. फिर उसके पति की नरेगा में नौकरी लग गई, लेकिन पति आए दिन उससे मारपीट करता और झगड़ा करता रहता था.

पढ़ें: भीलवाड़ाः गर्भवती पत्नी की हत्या करने के मामले में आरोपी पति को उम्रकैद की सजा, 45 हजार का अर्थदंड

बताया कि उसके संतान नहीं होने से भी परिजन उसे ताने देते थे. 8 अगस्त, 2017 की शाम 6 बजे पति घर आया और रोज की तरह लड़ाई झगड़ा, मारपीट करने लगा. फिर भी वह रात करीब 9 बजे स्टोव पर जब खाना बनाने लगी, तो आरोपी पति ने उस पर केरोसिन डालकर आग लगा दी. इस पर जैसे ही वह चीखने-चिल्लाने लगी, तो पड़ोस से देवर व अन्य लोग दौड़ आए और उसे तत्काल देवगढ़ अस्पताल ले गए, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद महाराणा भूपाल चिकित्सालय उदयपुर रेफर कर दिया.

पढ़ें: डूंगरपुर: शराब के नशे में पत्नी की पीट-पीटकर हत्या, आरोपी पति हिरासत में

इलाज के बाद गंभीर हालत में उसे गुजरात के अहमदाबाद सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान 10 अगस्त को उसने दम तोड़ दिया. इस तरह देवगढ़ थाना पुलिस ने प्रकरण की जांच के बाद जिला एवं सेशन न्यायालय के समक्ष आरोप पत्र पेश किया गया. इस तरह करीब 6 साल से जिला अदालत में पीड़ित के परिजनों, गवाहों व आरोपी पक्ष के बयान हुए और बयान के तहत जिला जज ने आरोपी गोपाललाल रेगर को दोषी माना.

जिला एवं सेशन न्यायाधीश राघवेंद्र काछवाल ने मंजूदेवी रेगर की हत्या के मामले में पुलिस द्वारा चालान पेश करने के बाद पीड़िता की तरफ से जिला अदालत में 25 गवाह एवं 34 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए गए. न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी गोपाल लाल रेगर को आजीवन कारावास एवं 20 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा से दंडित किया गया.

राजसमंद. जिले के देवगढ़ थाना क्षेत्र में मियाला गांव में केरोसिन उड़ेल कर आग लगाकर पत्नी की हत्या के आरोपी उसी के पति को जिला एवं सेशन न्यायाधीश राघवेंद्र काछवाल ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आरोपी को 20 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया.

लोक अभियोजक जयदेव कच्छावा ने बताया कि 9 अगस्त, 2017 को मियाला, देवगढ़ निवासी मंजू देवी रेगर ने उदयपुर के महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय के बर्न वार्ड में इलाज के दौरान पुलिस को बयान दिया. उसने बताया कि उसकी शादी वर्ष 2000 में मियाला निवासी गोपाल पुत्र पुखराज रेगर से हुई थी. शादी के बाद वह पति के साथ मियाला में रहने लगी, तब उसका पति कोई काम धंधा नहीं करता था.

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शादी के करीब 1 वर्ष बाद उसके देवर ने उसकी सोने की नथ, सोने का टीका, दो अंगूठियां व पायजेब चुरा लिए थे. इस पर परिवार में गृह क्लेश उपजा, जिससे आहत होकर वह उसके पिता के पास अहमदाबाद चली गई थी. करीब 3-4 साल वहां रहने के बाद गांव के प्रबुद्धजन पहुंचे और समझाइश की, तो वह फिर उसके ससुराल पहुंची और पति गोपाल के साथ रहने लगी. फिर उसके पति की नरेगा में नौकरी लग गई, लेकिन पति आए दिन उससे मारपीट करता और झगड़ा करता रहता था.

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बताया कि उसके संतान नहीं होने से भी परिजन उसे ताने देते थे. 8 अगस्त, 2017 की शाम 6 बजे पति घर आया और रोज की तरह लड़ाई झगड़ा, मारपीट करने लगा. फिर भी वह रात करीब 9 बजे स्टोव पर जब खाना बनाने लगी, तो आरोपी पति ने उस पर केरोसिन डालकर आग लगा दी. इस पर जैसे ही वह चीखने-चिल्लाने लगी, तो पड़ोस से देवर व अन्य लोग दौड़ आए और उसे तत्काल देवगढ़ अस्पताल ले गए, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद महाराणा भूपाल चिकित्सालय उदयपुर रेफर कर दिया.

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इलाज के बाद गंभीर हालत में उसे गुजरात के अहमदाबाद सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान 10 अगस्त को उसने दम तोड़ दिया. इस तरह देवगढ़ थाना पुलिस ने प्रकरण की जांच के बाद जिला एवं सेशन न्यायालय के समक्ष आरोप पत्र पेश किया गया. इस तरह करीब 6 साल से जिला अदालत में पीड़ित के परिजनों, गवाहों व आरोपी पक्ष के बयान हुए और बयान के तहत जिला जज ने आरोपी गोपाललाल रेगर को दोषी माना.

जिला एवं सेशन न्यायाधीश राघवेंद्र काछवाल ने मंजूदेवी रेगर की हत्या के मामले में पुलिस द्वारा चालान पेश करने के बाद पीड़िता की तरफ से जिला अदालत में 25 गवाह एवं 34 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए गए. न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी गोपाल लाल रेगर को आजीवन कारावास एवं 20 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा से दंडित किया गया.

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