राजसमंद. कहते हैं कुछ कर गुजरने का इरादा अगर मजबूत हो तो हर मुश्किल भी आसान हो जाती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया राजसमंद जिले के ललित प्रजापत ने, जिनके हौसलों की उड़ान ने ऐसा कर दिखाया है कि हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है और उनके किए गए कार्यों की प्रशंसा कर रहा है.
12वीं क्लास में पढ़ने वाले ललित प्रजापत एक पक्षी प्रेमी हैं. जब प्रकृति आज अपना रौद्र रूप दिखा रही है, कहीं भूकंप तो कहीं तूफान आ रहे हैं. इसके अलावा वैश्विक महामारी कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है. उसी दौरान सूर्यदेव भी प्रचंड वेग में देश के कई हिस्सों में दिख रहे हैं. जिसकी वजह से कई हिस्सों में तापमान 45 डिग्री को छूता हुआ नजर आ रहा है. ऐसे में आदमी क्या पशु-पक्षी सभी गर्मी से बेहाल नजर आ रहे हैं. इसी बीच इन पक्षियों की रक्षा के लिए पानी की व्यवस्था के लिए ललित प्रजापत ने अपने हाथों से परिंडे बनाकर क्षेत्र में बांध रहा है.
ईटीवी भारत की टीम भी राजसमंद नगर परिषद के क्षेत्र धोइंदा पहुंची तो हमनें चारों तरफ देखा तो कई स्थानों पर पक्षियों के लिए परिंडे बंधे हुए दिखाई दिए. जब हमनें इसकी जानकारी यहां के स्थानीय निवासी चंपालाल कुमावत से ली तो उन्होंने बताया कि 12वीं में पढ़ने वाला ललित प्रजापत जो स्वयं इन पक्षियों के लिए परिंडे बनाने का काम कर रहा है.
ललित ने बताया कि उसने अब तक क्षेत्र में करीब 400 से अधिक परिंडे बनाकर जगह-जगह बांधे हैं. जिससे पक्षियों को पानी पीने में कोई परेशानी ना हो. इस काम के लिए उनका सहयोग उनका परिवार और उनके साथियों का एक ग्रुप भी भी कर रहा है.
इसके अलावा ललित ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय धोइंदा में एक गार्डन का निर्माण भी किया है. इसमें इनका सहयोग विद्यालय के स्टाफ ने किया है. इस मामले को लेकर जब ललित के विद्यालय के प्राचार्य से बात हुई तो उन्होंने बताया कि ललित पढ़ाई में भी अच्छा है. उन्होंने बताया कि ललित अब तक तीन बार हॉकी स्टेट लेवल खेल चुका है. स्कूल में हर काम में भी उत्कृष्ट भूमिका निभाता है. वहीं, ललित की पारिवारिक स्थितियों को देखें तो ललित प्रजापत के पिता धोइंदा में चाय की दुकान लगाते हैं.
बता दें कि ललित ने अब तक 100 से डेढ़ सौ परिंडे बनाकर लोगों को भी वितरित किए हैं. जिन्होंने अपनी छतों पर इन परिंडों को लगाकर पक्षियों के लिए दाने की व्यवस्था के लिए ललित और उनके साथियों का एक ग्रुप है. जो शादी विवाह और अन्य समारोह में कैटरिंग का काम करता है. कैटरिंग से कुछ पैसा अलग निकालकर इन पक्षियों के लिए दाने की व्यवस्था करते हैं.
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वहीं, ललित ने बताया कि वे अपने दो अन्य साथियों के साथ सुबह इन परिंडो में पानी भरने और दाना डालने का काम करते हैं. ऐसे में ईटीवी भारत भी इस लड़के के जज्बे को सलाम करता है जो अपने हाथों से परिंडे बनाकर पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था कर रहा है.
गौरतलब है कि बदलते समाज में ललित की कहानी से हम सीख सकते हैं कि जिस प्रकार से मनुष्य के लिए भोजन आवश्यक है. उसी तरह से पक्षियों को भी पाने और दाने की आवश्यकता होती है. अगर हम सभी लोग ध्यान दें कि पशु-पक्षी भी हमारे वातावरण का हिस्सा है और उनका होना ही हमारे होने का कारण है और अपने हिस्से का थोड़ा सा अंश बेजुबान पशु पक्षियों के लिए निकालें तो इससे पारितंत्र में बड़ा बदलाव आ सकता है.