राजसमंद. नाथद्वारा स्थित पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की प्रधानपीठ श्रीनाथजी मंदिर में सोमवार को जन्माष्टमी और मंगलवार को नंद महोत्सव (Nand Mahotsav Rajasmand) मनाया जाएगा. 349 साल पुरानी परंपराओं का निर्वहन करते हुए कृष्ण जन्म पर रात बारह बजे 21 तोपों की सलामी दी जाएगा.
कोरोना महामारी के चलते इस साल भी तोपों की सलामी के दौरान दर्शकों का प्रवेश वर्जित रहेगा पर श्रीनाथजी की एक झांकी के दर्शन आम दर्शनार्थियों को मिल पाएंगे. वहीं पुष्टिमार्गीय परंपरानुसार नित्य सेवा क्रम जारी रहेगा और भगवान की अष्टयाम सेवा प्रणालिका यथावत रहेगी. जन्माष्टमी पर सुबह 4:45 बजे पंचामृत स्नान और मंगला आरती की जाएगी. जिसमें केवल सेवादारों को ही प्रवेश की अनुमति रहेगी. इसके बाद होने वाले श्रृंगार, राजभोग और संध्या आरती में मनोरथियों को दर्शन करवाए जाएंगे. जबकि देर शाम आठ बजे होने वाले जागरण के दर्शन आम दर्शनार्थियों के लिए खोले जाएंगे. वहीं हर साल संध्या समय निकलने वाली शोभायात्रा को कोरोना के चलते स्थगित कर दिया गया है.
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मुख्य निष्पादन अधिकारी ने बताया कि श्रीनाथजी के नित्य सेवा चालू है और उत्सव को भी उसी रूप में मनाया जाएगा. जैसे पहले बनाया जाता रहा है. मंदिर में साज सज्जा की गई है. लाइटिंग डेकोरेशन किया गया है पर इस बार भी कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के कारण केवल एक दर्शन ही खोले जाएंगे. संध्या समय निकलने वाली शोभायात्रा भी स्थगित कर दी गई है लेकिन परंपरानुसार 21 तोपों की सलामी रात 12 बजे दी जाएगी. इस कार्यक्रम में ज्यादा लोग इक्टठा न हो, इसको लेकर भी प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां की जा रही है.
वहीं नंदमहोत्सव पर भी दर्शन व्यवस्था में बदलाव किया गया है. सुबह होने वाले दही और दूध के छिड़काव वाले दर्शन नहीं करवाए जाएंगे. जबकि मंगला, राजभोग और उत्थापन में केवल मनोरथियों को प्रवेश दिया जायेगा. वहीं संध्या आरती के दर्शन आम दर्शनार्थियों के लिए खोले जाएंगे.