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चना, सरसों और तिलहन के लिए भावांतर योजना लागू करे प्रदेश सरकार: किरण माहेश्वरी - implement Bhavantar Yojana

राजसमंद विधायक किरण महेश्वरी ने फसलों की खरीद को लेकर प्रदेश सरकार से समर्थन मूल्य और बाजार भाव में अंतर की क्षतिपूर्ति के लिए भावांतर योजना लागू करने की अपील की है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार फसलों की खरीदी ठीक से नहीं कर रही.

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किरण महेश्वरी ने भावांतर योजना लागू करनेर की अपील की
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Published : May 26, 2020, 7:05 PM IST

राजसमंद. कोरोना वायरस महामारी का दौर लगातार जारी है. साथ ही राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के द्वारा आरोप प्रत्यारोप का दौर भी लगातार जारी है. इसी बीच राजसमंद से विधायक और पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि प्रदेश में चना, सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, मूंग, उड़द, अरहर फसलों की भारी उपज हुई है. लेकिन राज्य सरकार फसलों की खरीदी ठीक से नहीं कर रही है. समर्थन मूल्य खरीद योजना में केंद्र सरकार 25 प्रतिशत और राज्य सरकार को 15 प्रतिशत उपज खरीदने का प्रावधान है. किंतु राजस्थान सरकार ने अपने भाग के 15 प्रतिशत में से अभी तक कुछ भी खरीदी नहीं की है.

ये पढ़ें: राजसमंद: ACB ने 15 हजार की रिश्वत के साथ केन्द्रीय वस्तु सेवा कर एवं सीमा शुल्क अधीक्षक को दबोचा

किरण माहेश्वरी ने कहा कि कोरोना आपदा में प्रदेश सरकार की ओर से स्वयं के संसाधनों से खरीदी नहीं करना किसान हितों की अनदेखी की पराकाष्ठा है. यदि राजस्थान सरकार अपने भाग का 15 प्रतिशत फसल खरीदने का दायित्व निभाए तो किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि राजसमंद जिले में ही चने की 6000 टन उपज हुई है. केंद्र सरकार ने 1000 टन खरीदी की है. राजस्थान सरकार भी 600 टन खरीदें.

ये पढ़ें: सिरोही : मुआवजे की मांग को लेकर दुकानदारों ने किया धरना प्रदर्शन, ईओ का फूंका पुतला

साथ ही किरण माहेश्वरी ने कहा कि समर्थन मूल्य और बाजार भाव में अंतर की क्षतिपूर्ति प्रदेश सरकार भावांतर योजना लागू करके कर सकती है. इससे किसानों को कृषि मंडी में मिले वास्तविक मूल्य और समर्थन मूल्य के अंतर का भुगतान किया जा सकता है. मुख्यमंत्री केवल केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अपने दायित्वो से बच नहीं सकते हैं.

राजसमंद. कोरोना वायरस महामारी का दौर लगातार जारी है. साथ ही राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के द्वारा आरोप प्रत्यारोप का दौर भी लगातार जारी है. इसी बीच राजसमंद से विधायक और पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि प्रदेश में चना, सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, मूंग, उड़द, अरहर फसलों की भारी उपज हुई है. लेकिन राज्य सरकार फसलों की खरीदी ठीक से नहीं कर रही है. समर्थन मूल्य खरीद योजना में केंद्र सरकार 25 प्रतिशत और राज्य सरकार को 15 प्रतिशत उपज खरीदने का प्रावधान है. किंतु राजस्थान सरकार ने अपने भाग के 15 प्रतिशत में से अभी तक कुछ भी खरीदी नहीं की है.

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किरण माहेश्वरी ने कहा कि कोरोना आपदा में प्रदेश सरकार की ओर से स्वयं के संसाधनों से खरीदी नहीं करना किसान हितों की अनदेखी की पराकाष्ठा है. यदि राजस्थान सरकार अपने भाग का 15 प्रतिशत फसल खरीदने का दायित्व निभाए तो किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि राजसमंद जिले में ही चने की 6000 टन उपज हुई है. केंद्र सरकार ने 1000 टन खरीदी की है. राजस्थान सरकार भी 600 टन खरीदें.

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साथ ही किरण माहेश्वरी ने कहा कि समर्थन मूल्य और बाजार भाव में अंतर की क्षतिपूर्ति प्रदेश सरकार भावांतर योजना लागू करके कर सकती है. इससे किसानों को कृषि मंडी में मिले वास्तविक मूल्य और समर्थन मूल्य के अंतर का भुगतान किया जा सकता है. मुख्यमंत्री केवल केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अपने दायित्वो से बच नहीं सकते हैं.

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