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खबर का असर: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने नगर परिषद को लिखा पत्र, दिया रैन बसेरे में भेजने के...

राजसमंद में ईटीवी भारत की खबर का असर एक बार फिर देखने को मिला है. ईटीवी भारत ने प्रमुखता के साथ गुरुवार को खबर प्रकाशित की थी 'खुले आसमान के नीचे बीत रही रैन... बसेरे का नहीं है इंतजाम'. इसको लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नरेंद्र कुमार ने राजसमंद नगर परिषद को एक पत्र लिखकर अवगत कराया है और खुले में सोने को मजबूर लोगों को रैन बसेरे में व्यवस्थित रूप से भेजने की बात कही है.

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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने नगर परिषद को लिखा पत्र
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Published : Jan 3, 2020, 4:20 PM IST

राजसमंद. ईटीवी भारत की खबर का असर एक बार फिर देखने को मिला है. ईटीवी भारत ने प्रमुखता के साथ गुरुवार को खबर प्रकाशित की थी कि जिले में 'खुले आसमान के नीचे बीत रही रैन... बसेरे का नहीं है इंतजाम'. इस खबर के प्रकाशित होने के बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव नरेंद्र कुमार ने राजसमंद नगर परिषद को एक पत्र भेजकर ईटीवी भारत की प्रकाशित खबर से नगर परिषद को अवगत कराया है और खुले में सोने को मजबूर लोगों को रैन बसेरे में व्यवस्थित रूप से भेजने की बात कही है.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने नगर परिषद को लिखा पत्र

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने कहा है कि इस भीषण सर्दी के मौसम में रात को खुले आसमान तले सो कर जीवन यापन किया जा रहा है, जो इस भीषण सर्दी के मौसम में उक्त व्यक्तियों के जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है. अतः उन सभी लोगों से संपर्क कर रैन बसेरों में भिजवाने की व्यवस्था कराई जानी है. इनके अलावा अन्य स्थानों पर रात को खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को रैन बसेरों में भिजवाने की व्यवस्था की जाए.

यह भी पढ़ें- स्पेशल: खुले आसमान के नीचे बीत रही रैन...बसेरे का नहीं है इंतजाम

वहीं ईटीवी भारत की इस खबर को देखने के बाद शहर के व्यापारियों ने भी खुले में सोने को मजबूर इन बाशिंदों की सहायता के लिए आगे आए और उन्हें कंबल भेंट कर इस कड़ाके की ठंड से बचाव के लिए सहायता की. व्यापारी देशबंधु हिंगड़ ने ईटीवी भारत की खबर प्रसारित को लेकर धन्यवाद दिया और 11 कंबल इन लोगों को भेंट की. अब देखना होगा कि नगर परिषद राजसमंद क्या कुछ व्यवस्था करता है.

राजसमंद. ईटीवी भारत की खबर का असर एक बार फिर देखने को मिला है. ईटीवी भारत ने प्रमुखता के साथ गुरुवार को खबर प्रकाशित की थी कि जिले में 'खुले आसमान के नीचे बीत रही रैन... बसेरे का नहीं है इंतजाम'. इस खबर के प्रकाशित होने के बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव नरेंद्र कुमार ने राजसमंद नगर परिषद को एक पत्र भेजकर ईटीवी भारत की प्रकाशित खबर से नगर परिषद को अवगत कराया है और खुले में सोने को मजबूर लोगों को रैन बसेरे में व्यवस्थित रूप से भेजने की बात कही है.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने नगर परिषद को लिखा पत्र

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने कहा है कि इस भीषण सर्दी के मौसम में रात को खुले आसमान तले सो कर जीवन यापन किया जा रहा है, जो इस भीषण सर्दी के मौसम में उक्त व्यक्तियों के जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है. अतः उन सभी लोगों से संपर्क कर रैन बसेरों में भिजवाने की व्यवस्था कराई जानी है. इनके अलावा अन्य स्थानों पर रात को खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को रैन बसेरों में भिजवाने की व्यवस्था की जाए.

यह भी पढ़ें- स्पेशल: खुले आसमान के नीचे बीत रही रैन...बसेरे का नहीं है इंतजाम

वहीं ईटीवी भारत की इस खबर को देखने के बाद शहर के व्यापारियों ने भी खुले में सोने को मजबूर इन बाशिंदों की सहायता के लिए आगे आए और उन्हें कंबल भेंट कर इस कड़ाके की ठंड से बचाव के लिए सहायता की. व्यापारी देशबंधु हिंगड़ ने ईटीवी भारत की खबर प्रसारित को लेकर धन्यवाद दिया और 11 कंबल इन लोगों को भेंट की. अब देखना होगा कि नगर परिषद राजसमंद क्या कुछ व्यवस्था करता है.

Intro:राजसमंद- ईटीवी भारत की खबर का असर एक बार फिर देखने को मिला. ईटीवी भारत ने प्रमुखता के साथ कल खबर प्रकाशित की थी.कि राजसमंद जिले में खुले आसमान तले सोने को मजबूर रेन.. बसेरे का नहीं इंतजाम इस खबर के प्रकाशित होने के बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव नरेंद्र कुमार ने राजसमंद नगर परिषद को एक पत्र भेजकर ईटीवी भारत द्वारा प्रकाशित खबर से नगर परिषद को अवगत कराया. और खुले में सोने मजबूर लोगों को रैन बसेरे में व्यवस्थित रूप से भेजने की बात कही.


Body:जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने कहा कि इस भीषण सर्दी के मौसम में रात्रि में खुले आसमान तले सो कर जीवन यापन किया जा रहा है.जो कि इस भीषण सर्दी के मौसम में उक्त व्यक्तियों के जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है. अतः उन सभी लोगों से संपर्क कर रैन बसेरों में भिजवाने की व्यवस्था कराई जानी है. इनके अलावा अन्य स्थानों पर रात्रि में खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों की निशाकत कर रैन बसेरों में भिजवाने की व्यवस्था की जाए.


Conclusion:वही ईटीवी भारत की इस खबर को देखने के बाद शहर के व्यापारियों ने भी खुले में सोने को मजबूर इन बाशिंदों की सहायता के लिए आगे आए और उन्हें कंबल भेंट कर इस कड़ाके की ठंड से बचाव के लिए सहायता की व्यापारी देशबंधु हिंगड़ ने ईटीवी भारत की खबर प्रसारित को लेकर धन्यवाद दिया. और 11 कंबल इन लोगों को भेंट की अब देखना होगा कि नगर परिषद राजसमंद क्या कुछ व्यवस्था करता है.इन बाशिंदों की रेन बसेरे में भेजने के लिए.
बाइट -व्यापारी देशबंधु हिंगड़
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