राजसमंद. कोरोना के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए राजसमंद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव, नरेंद्र कुमार ने Etv Bharat पर अपनी राय रखी. जिला कारागार राजसमंद पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जेल में बंदी क्षमता मात्र 55 बंदियों की है. लेकिन निरीक्षण में सामने आया कि वर्तमान समय में वहां 89 कैदी बंद है. बता दें कि हाल ही में सचिव ने जिला कारागार राजसमंद का निरीक्षण किया था.
उन्होंने बताया कि इस प्रकार कोविड- 19 संक्रमण के बावजूद इतने अधिक संख्या में बंदियों का होना अत्यधिक चिंता का विषय है. साथ ही 22 नवीन प्रवेशित बंदियों को आइसोलेशन बैरक में रखा गया है. निरीक्षण के दौरान बंदियों से वार्ता करने पर ज्ञात हुआ कि चिकित्सकीय टीम द्वारा बंदियों के रैंडम चेकिंग नहीं की जा रही है. उन्होंने बताया कि इस प्रकार राजस्थान उच्च न्यायालय में रालसा द्वारा बंदियों के रैंडम सेंपलिंग के लिए जारी निर्देशों की पालना भी नहीं की जा रही है. इस संबंध में सीएमएचओ को रैंडम सैंपलिंग और डीजी जेल को क्षमता से अधिक बंदियों को दूसरे जेल में स्थानांतरण किए जाने के लिए निर्देशित किया गया है.
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बातचीत के दौरान सचिव ने जेल में कैदियों को आवश्यक दिशा-निर्देश के साथ कोरोना से बचाव के उपाय भी बताए. सचिव नरेंद्र कुमार ने बताया कि न्यायालय परिसर में आने वाले लोगों के लिए सेनेटाइजर के साथ टेंपरेचर मशीन द्वारा जांचने के बाद कोर्ट में प्रवेश दिया जा रहा है. ऐसे में यदि किसी भी व्यक्ति में लक्षण दिखते हैं तो उसे तुरंत जांच की सलाह दी जाती है. साथ ही साथ जेल में कैदियों का भी ध्यान रखा जा रहा है. हालांकि इनको दूसरे जेल में शिफ्ट करने की बात कही जा चुकी है. उसे डीजी जेल जल्द ही अमल में लेंगे.
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बता दें कि राजसमंद जिला कारागार में इस तरह कैदियों का रहना खतरे से खाली नहीं है. हालांकि ऐसे में अब जिला प्रशासन गहरी नींद से कब जागेगा. क्योंकि रोजाना राजसमंद में कोरोना के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं. वहीं अब तक कोरोना के आंकड़ों की बात की जाए तो यहां पर 1 हजार 314 कोरोना संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं.