राजसमंद. विधानसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी ने अपने पत्ते खोल दिए हैं. बीजेपी की दीप्ति माहेश्वरी और कांग्रेस के तनसुख बोहरा 30 तारीख को नामांकन दाखिल करेंगे. लेकिन चुनावी समर की राह दोनों ही प्रमुख पार्टियों के लिए कांटों भरी नजर आ रही है. ऐसे में जो पार्टी डैमेज कंट्रोल कर लेगी, वह जीत का सेहरा अपने सिर बांधेगी.
राजसमंद विधानसभा उपचुनाव के लिए दोनों ही प्रमुख पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस ने अपने पत्ते खोल दिए हैं. बीजेपी ने जहां दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी पर दांव खेला है, तो कांग्रेस ने समाजसेवी तनसुख बोहरा को अपना प्रत्याशी बनाया है. लेकिन चुनावी डगर दोनों ही पार्टियों के लिए कांटों भरी राह है. जो पार्टी अपनों की नाराजगी दूर कर लेगी, उसे ही चुनाव में विजय श्री हासिल हो पाएगी.
दोनों ही पार्टियों को अपनों का डर
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में टिकट मांगने के लिए करीब 12 से अधिक दावेदार मैदान में थे, लेकिन पार्टी की मजबूरी यह होती है कि पार्टी सिर्फ एक ही प्रत्याशी को टिकट देती है. ऐसे में भाजपा ने दिप्ति पर तो कांग्रेस ने बोहरा पर भरोसा जताया.
ऐसे में अब दोनों ही दलों में अपना अपने समर्थकों का टिकट कटने से नाराज नेताओं की लंबी फेहरिस्त है. जानकार सूत्रों की माने तो राजनेता मीटिंग कर अपनी भावी रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं.
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भीतरघात का भी खतरा
नाराज नेताओं से दोनों ही पार्टियों पर घर में ही भीतरघात का खतरा मंडरा रहा है. जो करेगा डैमेज कंट्रोल, वह जीतेगा सीट-ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी में से जो पार्टी अपनों की नाराजगी दूर कर डैमेज कंट्रोल कर लेगी वो पार्टी चुनावी समर में अपने सिर जीत का सेहरा बांधने में कामयाब रहेगी.
वरिष्ठ नेताओं ने संभाली कमान
हालांकि दोनों ही पार्टियों में कई वरिष्ठ नेताओं ने अभी से ही डैमेज कंट्रोल की कमान संभाल ली है. साथ ही असंतुष्ट नेताओं को साधना शुरू कर दिया है. 30 मार्च को नामांकन के लिए दोनों ही पार्टियों के आला नेता राजसमंद आ रहे हैं. ऐसे में जो पार्टी अपनों की नाराजगी दूर कर लेगी वो राजसमंद का रण जीतने में कामयाब रहेगी.